युवाओं से ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को आगे बढ़ाने का आह्वान

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अरुणाचल प्रदेश में चल रहे युवा एक्सचेंज प्रोग्राम के पहले बैच से किया वर्चुअल संवाद; सांस्कृतिक आदान-प्रदान और राष्ट्रीय एकता पर दिया ज़ोर।

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  • केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अरुणाचल प्रदेश में DoNER मंत्रालय द्वारा आयोजित “अष्टलक्ष्मी दर्शन” युवा एक्सचेंज प्रोग्राम के पहले बैच के 39 विद्यार्थियों से वर्चुअल संवाद किया।
  • यह कार्यक्रम ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के संकल्प को मूर्त रूप देता है; इसमें गोवा और उत्तराखंड के छात्र-छात्राएँ पूर्वोत्तर की समृद्ध संस्कृति और विविधता को समझ रहे हैं।
  • सिंधिया ने युवाओं को अनुभव का दूत बनने, नई मित्रताओं को जीवित रखने और पूर्वोत्तर की आत्मा को समझने के लिए अपने परिवार व मित्रों को अरुणाचल प्रदेश लाने का आग्रह किया।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 12 नवंबर: केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को अरुणाचल प्रदेश में चल रहे “अष्टलक्ष्मी दर्शन” युवा एक्सचेंज प्रोग्राम के पहले बैच के विद्यार्थियों के साथ वर्चुअल माध्यम से संवाद किया। यह कार्यक्रम पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (DoNER) और नॉर्थ ईस्टर्न काउंसिल (NEC) द्वारा आयोजित और वित्तपोषित है।

इस उद्घाटन चरण में गोवा के 19 और उत्तराखंड के 20 छात्र-छात्राएँ शामिल हुए, जिन्हें पूर्वोत्तर भारत की समृद्ध संस्कृति, परंपराओं और प्राकृतिक विविधता को नज़दीक से देखने-समझने का अवसर मिल रहा है। इस कार्यक्रम के तहत देश के 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कुल 1280 विद्यार्थी, 40 दलों में विभाजित होकर पूर्वोत्तर के सभी आठ राज्यों का भ्रमण कर रहे हैं।

सिंधिया ने ज़ीरो वैली के शांत वातावरण का उल्लेख करते हुए छात्रों से उनके अनुभवों के बारे में पूछा। उन्होंने छात्रों की समान भागीदारी सुनिश्चित करने के सरकारी प्रयास पर ज़ोर दिया, जिससे यह कार्यक्रम समावेशिता और सशक्तिकरण का प्रतीक बन सके।

🤝 राष्ट्रीय एकता का सूत्र: ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’

मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने “अष्टलक्ष्मी दर्शन” को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के संकल्प का मूर्त रूप बताया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवाओं के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान, आपसी समझ और राष्ट्रीय एकता की भावना को सुदृढ़ करना है। यह युवाओं को एक-दूसरे की भाषाओं, परंपराओं, जीवनशैली और सामाजिक ताने-बाने को समझने का एक अद्वितीय अवसर देता है।

छात्रों का उत्साह: उत्तराखंड की सौम्या बिष्ट ने कहा कि वह अगली बार अपने परिवार और दोस्तों दोनों को अरुणाचल लेकर आएंगी। गोवा की रुचा परब से बातचीत में सिंधिया ने मराठी में कुछ पंक्तियाँ बोलकर छात्रों को प्रसन्न किया। हल्द्वानी के अविरल ने भारत की विविधता पर अपने विचार साझा किए, जिस पर सिंधिया ने कहा कि इस पीढ़ी का कर्तव्य है कि वह इस भावना को आने वाली पीढ़ी तक पहुँचाए।

सुझाव और संवाद: छात्रों ने कार्यक्रम में और अधिक फील्ड विज़िट तथा अरुणाचल की अन्य जनजातियों और जीवनशैलियों से जुड़ने का सुझाव भी दिया। राजीव गांधी विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी गोवा और उत्तराखंड के विद्यार्थियों के साथ संवाद को “विचारों और मित्रता का बहुमूल्य अनुभव” बताया।

🌐 अनुभव के दूत बनें युवा: विकसित भारत की दिशा

समापन संबोधन में, श्री सिंधिया ने विद्यार्थियों के उत्साह और सकारात्मक ऊर्जा की सराहना की। उन्होंने कहा कि पहले बैच के प्रतिभागी होने के नाते, वे प्रधानमंत्री के ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ दृष्टिकोण के सच्चे प्रतिनिधि हैं।

उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे इस अनुभव के ‘दूत’ बनें, नई मित्रताओं को जीवित रखें और एकता के संदेश को आगे बढ़ाएँ। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे अपने परिवार और मित्रों को अरुणाचल प्रदेश की संस्कृति, परंपराओं और सौंदर्य के बारे में बताएं। सिंधिया ने जोर देकर कहा, “पूर्वोत्तर को सिर्फ पर्यटकों की नहीं, बल्कि ऐसे मित्रों की आवश्यकता है जो यहाँ की आत्मा को समझें।”

“अष्टलक्ष्मी दर्शन” युवा एक्सचेंज प्रोग्राम, राष्ट्रीय एकता, युवा सशक्तिकरण और सांस्कृतिक एकजुटता के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक है, और यह ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य की दिशा में एक सशक्त कदम है।

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