पचमढ़ी में देरी से पहुंचे राहुल गांधी, मिली 10 पुश-अप्स की सज़ा

कांग्रेस के प्रशिक्षण शिविर में अनुशासन का सख्त पालन; नेता प्रतिपक्ष ने सहजता से स्वीकार की सज़ा, कार्यकर्ताओं ने ताली बजाकर हौसला बढ़ाया।

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  • कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी मध्य प्रदेश के पचमढ़ी में आयोजित जिला अध्यक्षों के प्रशिक्षण शिविर में कुछ मिनट देरी से पहुंचे।
  • प्रशिक्षण शिविर के मुखिया (ट्रेनिंग हेड) सचिन राव ने मज़ाकिया अंदाज़ में उन्हें 10 पुश-अप्स लगाने की सज़ा सुनाई।
  • राहुल गांधी ने बिना किसी हिचकिचाहट के सज़ा स्वीकार की और तुरंत पुश-अप्स लगाकर पार्टी में समानता और अनुशासन का संदेश दिया।

समग्र समाचार सेवा
पचमढ़ी, मध्य प्रदेश, 10 नवंबर: मध्य प्रदेश के सुरम्य हिल स्टेशन पचमढ़ी में कांग्रेस पार्टी द्वारा अपने नए जिला अध्यक्षों के लिए आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में अनुशासन का एक अनूठा और प्रेरणादायक नज़ारा देखने को मिला। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी रविवार, 9 नवंबर को शिविर के एक सत्र के लिए करीब 20 मिनट देरी से पहुंचे।

पार्टी सूत्रों के अनुसार, इस प्रशिक्षण शिविर में कार्यकर्ताओं के बीच समय की पाबंदी और अनुशासन बनाए रखने के लिए सांकेतिक दंड का प्रावधान रखा गया था। जब राहुल गांधी मंच पर पहुंचे, तो शिविर के ट्रेनिंग हेड सचिन राव ने मज़ाकिया लहजे में सभी विलंब से आने वाले प्रतिभागियों को सज़ा देने की बात कही।

यह सुनकर, राहुल गांधी ने पूछा कि उनके लिए क्या सज़ा है, जिस पर उन्हें बताया गया कि देरी से आने वालों को नियम के अनुसार 10 पुश-अप्स (दंड) लगाने होंगे।

🤸‍♂️ अनुशासन और सहजता का संदेश

पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में से एक होने के बावजूद, राहुल गांधी ने बिना किसी हिचकिचाहट या आपत्ति के इस सज़ा को स्वीकार कर लिया। उन्होंने तुरंत मंच पर 10 पुश-अप्स लगाए और अपनी शारीरिक फिटनेस का प्रदर्शन किया।

इस घटना ने शिविर में उपस्थित सभी जिला अध्यक्षों और कार्यकर्ताओं को आश्चर्यचकित किया और साथ ही एक सकारात्मक ऊर्जा भर दी। कार्यकर्ताओं ने तालियाँ बजाकर अपने नेता का हौसला बढ़ाया। राहुल गांधी के साथ ही जो अन्य जिला अध्यक्ष देर से पहुंचे थे, उन्हें भी यही सज़ा दी गई, जिससे यह संदेश गया कि पार्टी में हर सदस्य बराबर है और नियम सभी पर समान रूप से लागू होते हैं।

मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया संयोजक अभिनव बरौलिया ने इस घटना को राहुल गांधी की सहजता का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि “यह हमारे नेता के स्वभाव का हिस्सा है। यहां हर सदस्य बराबर है, भाजपा की तरह कोई ‘बॉस’ नहीं।” यह घटना कांग्रेस द्वारा कार्यकर्ताओं के साथ समानता और शारीरिक फिटनेस को बढ़ावा देने का एक अनूठा उदाहरण बन गई।

🎯 शिविर का उद्देश्य और राजनीतिक मायने

यह प्रशिक्षण शिविर संगठन को मजबूत करने और जिला अध्यक्षों को आगामी राजनीतिक चुनौतियों के लिए तैयार करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। इस दौरान राहुल गांधी ने जिला अध्यक्षों को संबोधित किया और संगठनात्मक लक्ष्यों एवं प्रशिक्षण रणनीतियों पर विस्तृत चर्चा की।

संबोधन के दौरान, राहुल गांधी ने सत्तारूढ़ भाजपा और चुनाव आयोग पर अपने पुराने आरोपों को दोहराया। उन्होंने हरियाणा का मॉडल प्रस्तुत करते हुए एक बार फिर ‘वोट चोरी’ की बड़ी साजिश का आरोप लगाया, जिसे भाजपा और चुनाव आयोग दोनों ने खारिज किया है।

वहीं, इस दौरे को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने राहुल गांधी पर तंज कसा है। भाजपा प्रवक्ता शहजाद जय हिंद ने राहुल गांधी को “पर्यटन और पार्टीबाजी के नेता” की उपाधि दी। उन्होंने आरोप लगाया कि जब बिहार में चुनाव चल रहे हैं, तब राहुल गांधी पचमढ़ी में जंगल सफारी का आनंद ले रहे हैं। हालांकि, कांग्रेस ने इस आलोचना को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह आयोजन जमीनी स्तर के नेतृत्व को मजबूत करने का एक गंभीर प्रयास था।

कुल मिलाकर, पुश-अप्स वाली यह घटना न केवल कार्यकर्ताओं के बीच अनुशासन का प्रतीक बनी, बल्कि राजनीतिक गलियारों में राहुल गांधी की सार्वजनिक छवि को एक टीम प्लेयर और फिट नेता के रूप में मजबूती देने का भी काम किया।

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