फरीदाबाद में आतंकी साजिश नाकाम: डॉक्टर के कमरे से मिला 300 KG आरडीएक्स
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कश्मीरी डॉक्टर की निशानदेही पर की छापेमारी; आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े तार, दिल्ली-एनसीआर दहलाने की थी साजिश।
- जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य एजेंसियों ने हरियाणा के फरीदाबाद में एक कश्मीरी डॉक्टर के किराए के कमरे से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री और हथियार बरामद किए हैं।
- बरामदगी में शुरुआती तौर पर 300 किलोग्राम आरडीएक्स (RDX) और एक/दो एके-47 राइफल होने की बात सामने आई थी।
- इस गिरफ्तारी और बरामदगी के तार पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैशे-ए-मोहम्मद (JeM) से जुड़े बताए जा रहे हैं, जिसके जरिए दिल्ली-एनसीआर को दहलाने की बड़ी साजिश को नाकाम किया गया।
समग्र समाचार सेवा
फरीदाबाद (हरियाणा), 10 नवंबर: दिल्ली से सटे हरियाणा के औद्योगिक शहर फरीदाबाद में जम्मू-कश्मीर पुलिस (JK Police) ने एक बड़ी आतंकी साजिश का पर्दाफाश करते हुए हड़कंप मचा दिया है। खुफिया एजेंसियों की निगरानी में रविवार, 9 नवंबर को फरीदाबाद के धौज क्षेत्र में एक कश्मीरी डॉक्टर के किराए के कमरे पर छापा मारा गया। यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर में गिरफ्तार किए गए डॉक्टर आदिल अहमद और एक अन्य आरोपी डॉ. मुजम्मिल शकील से मिली चौंकाने वाली जानकारियों के आधार पर की गई।
बरामदगी की सूचना मिलते ही सुरक्षा एजेंसियों में खलबली मच गई। सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने कमरे से लगभग 300 से 350 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री (जो भारी-भरकम 14 बैगों में भरी थी), एक एके-47 या उससे मिलती-जुलती असॉल्ट राइफल, और भारी मात्रा में जिंदा कारतूस बरामद किए हैं। इसके अलावा, टाइमर (Timer), रिमोट, वॉकी-टॉकी सेट और इलेक्ट्रिक वायरिंग भी मिली है, जो किसी बड़े आतंकी हमले की तैयारी की ओर इशारा करते हैं।
👨⚕️ शक के घेरे में ‘डॉक्टर’ का रोल
गिरफ्तार आरोपी डॉ. आदिल अहमद अनंतनाग स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज (GMC) में पूर्व सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर था। इस पूरे मामले की परतें तब खुलनी शुरू हुईं जब 7-8 नवंबर को श्रीनगर पुलिस ने डॉ. आदिल के लॉकर से एक एके-47 राइफल बरामद की थी। गहन पूछताछ के बाद ही उसने फरीदाबाद में किराए पर लिए गए ठिकाने का खुलासा किया।
जांच एजेंसियों को संदेह है कि आरोपी डॉक्टर पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद या अंसार गजवातुल हिंद से जुड़ा था और लंबे समय से आतंकी गतिविधियों के लिए मददगार (Facilitator) के रूप में काम कर रहा था। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि इतनी भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री (जो कथित तौर पर अमोनियम नाइट्रेट थी, जिसे आरडीएक्स बताया गया) हरियाणा तक कैसे पहुंची और दिल्ली-एनसीआर में उनका अंतिम टारगेट क्या था।
📝 पुलिस का आधिकारिक स्पष्टीकरण
हालांकि शुरुआती मीडिया रिपोर्ट्स में बरामद विस्फोटक को आरडीएक्स (RDX) बताया गया था, लेकिन फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर श्री सतेंद्र कुमार ने बाद में स्पष्ट किया कि बरामद किया गया 360 किलोग्राम पदार्थ अमोनियम नाइट्रेट होने का संदेह है। उन्होंने यह भी कहा कि बरामद हथियार एके-47 नहीं, बल्कि उससे मिलती-जुलती असॉल्ट राइफल थी।
सीपी ने पुष्टि की कि यह हरियाणा पुलिस और जम्मू-कश्मीर पुलिस का संयुक्त ऑपरेशन (Joint Operation) था और पकड़ा गया आरोपी अल-फलाह विश्वविद्यालय में पढ़ाता था। यह स्पष्टीकरण इस बात पर जोर देता है कि सुरक्षा एजेंसियां मामले की गंभीरता को देखते हुए तकनीकी सटीकता के साथ आगे बढ़ रही हैं, भले ही अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल भी बड़े विस्फोटकों के निर्माण में होता है। पुलिस का मानना है कि इस पूरे नेटवर्क में कई राज्यों के लोग शामिल हो सकते हैं और आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां संभव हैं।
यह बड़ी कार्रवाई देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ी सफलता है, जिसने संभावित रूप से दिल्ली-एनसीआर में किसी गंभीर खतरे को टाल दिया है।