तौसीफ आलम की धमकी: ‘आंख निकाल लेंगे, उंगली काट देंगे’
AIMIM उम्मीदवार ने RJD नेता तेजस्वी यादव को सरेआम धमकाया; बिहार की राजनीति में बढ़ा तनाव।
- बिहार चुनाव के बीच, AIMIM के उम्मीदवार तौसीफ आलम ने RJD नेता तेजस्वी यादव को खुले मंच से जान से मारने की धमकी दी।
- तौसीफ आलम ने धमकी में कहा, “आंख निकाल लेंगे और उंगली काट देंगे,” जिससे सीमांचल की राजनीति में तनाव पैदा हो गया है।
- यह बयान तेजस्वी यादव के AIMIM पर ‘वोटकटवा’ पार्टी होने के आरोप के जवाब में आया है, जिससे दोनों दलों के बीच टकराव बढ़ गया है।
समग्र समाचार सेवा
किशनगंज, बिहार, 08 नवंबर: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का प्रचार अभियान जैसे-जैसे अपने चरम पर पहुंच रहा है, राजनीतिक बयानबाजी का स्तर भी गिरता जा रहा है। इसी क्रम में, AIMIM (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) के उम्मीदवार तौसीफ आलम ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव को खुले मंच से हिंसक धमकी दी है।
तौसीफ आलम ने अपनी एक चुनावी रैली के दौरान सीधे तौर पर तेजस्वी यादव को संबोधित करते हुए कहा कि अगर वह उनके और उनकी पार्टी के खिलाफ प्रचार करना जारी रखते हैं, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। तौसीफ आलम के ये शब्द अत्यंत आपत्तिजनक और हिंसक हैं: “आंख निकाल लेंगे और उंगली काट देंगे।” यह बयान बिहार की राजनीति में, विशेष रूप से सीमांचल क्षेत्र में, जहाँ दोनों पार्टियों के बीच कड़ा मुकाबला है, गंभीर तनाव और चिंता का विषय बन गया है।
‘वोटकटवा’ के आरोप पर AIMIM का भड़का गुस्सा
AIMIM उम्मीदवार तौसीफ आलम का यह भड़काऊ बयान RJD नेता तेजस्वी यादव द्वारा उनकी पार्टी पर लगाए गए आरोपों की सीधी प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है। तेजस्वी यादव लगातार अपनी रैलियों में AIMIM को ‘वोटकटवा’ पार्टी बताते रहे हैं। उनका आरोप है कि AIMIM को बीजेपी (NDA) द्वारा महागठबंधन के मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाने और वोटों का विभाजन करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
तेजस्वी के इस आरोप से सीमांचल के मुस्लिम बहुल इलाकों में AIMIM को काफी नुकसान होने की आशंका है, जिसके चलते पार्टी के उम्मीदवार आक्रामक हो गए हैं। तौसीफ आलम ने तेजस्वी यादव पर मुस्लिम समुदाय को गुमराह करने और उनके वोट को हल्के में लेने का आरोप लगाते हुए इस अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया। उनके इस बयान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि दोनों पार्टियों के बीच चुनावी प्रतिस्पर्धा अब व्यक्तिगत रंजिश और हिंसक टकराव की दिशा में बढ़ रही है।
कानून और चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल
एक चुनावी उम्मीदवार द्वारा सरेआम इस तरह की जान से मारने और अंग भंग करने की धमकी देना न केवल राजनीतिक मर्यादा का उल्लंघन है, बल्कि यह सीधे तौर पर कानून और व्यवस्था के लिए भी एक गंभीर चुनौती है। बिहार में पहले चरण के रिकॉर्ड तोड़ मतदान के बाद जब दूसरे चरण का चुनाव प्रचार ज़ोरों पर है, तब इस तरह की धमकियाँ चुनावी हिंसा को भड़काने का काम कर सकती हैं।
इस घटना के बाद, विपक्षी दलों ने तौसीफ आलम के खिलाफ चुनाव आयोग (Election Commission) और बिहार पुलिस से तुरंत कार्रवाई करने की मांग की है। उनका कहना है कि एक उम्मीदवार को ऐसी भाषा के इस्तेमाल के लिए तुरंत अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए और उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज होना चाहिए। यह मामला अब चुनाव आयोग के लिए एक बड़ी परीक्षा बन गया है कि वह राजनीतिक भाषणों में हिंसा की बढ़ती प्रवृत्ति पर कैसे लगाम लगाता है। इस तरह के बयानों से शांतिपूर्ण मतदान की प्रक्रिया बाधित हो सकती है और लोकतंत्र की गरिमा भी खतरे में पड़ सकती है।