बिहार चुनाव: NDA का दावा- टूटेगा 2010 का रिकॉर्ड
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का बड़ा बयान; कहा- जनता का अपार समर्थन, जीतेंगे 121 से भी अधिक सीटें।
- बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में रिकॉर्ड 64.66% मतदान के बाद NDA ने ऐतिहासिक जीत का दावा किया है।
- केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने विश्वास जताया कि गठबंधन 2010 के रिकॉर्ड (206 सीटें) से भी अधिक सीटें जीतकर सरकार बनाएगा।
- NDA जीत के लिए ‘मोदी फैक्टर’, सुशासन और जंगलराज बनाम विकास के मुद्दे पर जनता के भरोसे को आधार बता रहा है।
समग्र समाचार सेवा
पटना, 07 नवंबर: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में दर्ज किए गए ऐतिहासिक 64.66% मतदान ने चुनावी माहौल को और गरमा दिया है। इस बंपर वोटिंग को लेकर जहां हर दल अपने-अपने पक्ष में परिणाम आने का दावा कर रहा है, वहीं सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने एक बड़ा और आत्मविश्वास भरा दावा पेश किया है।
NDA के कद्दावर नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने यह कहकर माहौल में गर्माहट ला दी है कि इस बार NDA 2010 के विधानसभा चुनाव में बनाए गए रिकॉर्ड को भी तोड़ देगा। 2010 में जब जनता दल (यूनाइटेड) और भारतीय जनता पार्टी एक साथ थे, तब गठबंधन ने 243 सीटों वाली विधानसभा में 206 सीटें जीतकर रिकॉर्ड बनाया था।
गिरिराज सिंह का आत्मविश्वास: ‘121 से अधिक सीटें पक्की’
पहले चरण के मतदान के बाद प्रतिक्रिया देते हुए गिरिराज सिंह ने NDA की निर्णायक जीत पर पूरा भरोसा जताया। लखीसराय में अपना वोट डालने के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि जनता का पूरा समर्थन NDA के साथ है और बिहार में एक मज़बूत सरकार बनेगी।
गिरिराज सिंह ने स्पष्ट रूप से दावा किया, “इस बार एनडीए 121 सीटें जीतेगी और 2010 के चुनाव से भी अधिक सीटें हासिल करेगी।” उन्होंने विरोधी महागठबंधन पर भी निशाना साधा और कहा कि विपक्ष बिखरा हुआ है, उनके पास न तो कोई स्पष्ट नेता है और न ही नेतृत्व।
NDA की जीत के मुख्य कारण बताते हुए उन्होंने कहा:
मोदी फैक्टर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और उनकी योजनाओं पर जनता का भरोसा।
सुशासन और विकास: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में हुए सुशासन और विकास कार्यों पर जनता की मुहर।
कानून-व्यवस्था: 2005 से पहले के ‘जंगलराज’ की तुलना में वर्तमान में बेहतर कानून-व्यवस्था को जनता का बड़ा समर्थन मिल रहा है।
‘जंगलराज बनाम विकास’ का मुद्दा
केंद्रीय मंत्री ने अपने चुनावी भाषणों और बयानों में लगातार ‘जंगलराज बनाम विकास’ के मुद्दे को उठाया है। उन्होंने कहा कि 2005 से पहले बिहार में विकास शून्य था और सामाजिक समरसता बिगड़ी हुई थी, जबकि पिछले 20 सालों में नीतीश कुमार ने इस माहौल को खत्म करने का काम किया है। गिरिराज सिंह का मानना है कि लालू यादव (और तेजस्वी यादव) का एजेंडा फिर से सामाजिक समरसता को बिगाड़ने का है, जिसे बिहार की जनता अब स्वीकार नहीं करेगी।
NDA का शीर्ष नेतृत्व, जिसमें केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और गृहमंत्री अमित शाह भी शामिल हैं, लगातार यही दोहरा रहा है कि NDA पूरी तरह से एकजुट है और नीतीश कुमार ही गठबंधन के सर्वमान्य नेता हैं। उनका मानना है कि NDA की एकजुटता, पीएम मोदी और सीएम नीतीश पर जनता का भरोसा ही उनकी जीत की गारंटी है।
यह रिकॉर्ड तोड़ मतदान अब NDA के दावे और विपक्षी महागठबंधन के ‘बदलाव की लहर’ के दावे के बीच एक सीधी टक्कर बन गया है। अब सभी की निगाहें दूसरे चरण के मतदान और 14 नवंबर को आने वाले चुनाव नतीजों पर टिकी हैं, जो यह तय करेगा कि क्या गिरिराज सिंह का यह दावा सच साबित होता है और NDA 2010 के रिकॉर्ड को तोड़कर एक नया इतिहास रच पाती है।