ट्रंप के आदेश के बाद अमेरिका ने किया ICBM का परीक्षण

डोनाल्ड ट्रंप ने 33 साल बाद परमाणु परीक्षण शुरू करने का दिया था आदेश; US ने बिना हथियार वाली मिनटमैन-3 मिसाइल दागी

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  • मिसाइल परीक्षण: अमेरिका ने कैलिफ़ोर्निया के वांडेनबर्ग बेस से मिनटमैन-3 ICBM का बिना हथियार वाला (unarmed) परीक्षण किया।  
  • ट्रंप का आदेश: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 33 साल बाद अमेरिका में परमाणु हथियार परीक्षण फिर से शुरू करने का आदेश दिया।  
  • उद्देश्य: अमेरिका का कहना है कि परीक्षण ICBM की सटीकता और विश्वसनीयता जाँचने के लिए किया गया, लेकिन यह चीन और रूस को रणनीतिक संदेश माना जा रहा है।  

समग्र समाचार सेवा
वाशिंगटन डीसी, 06 नवंबर: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 33 वर्षों के अंतराल के बाद परमाणु हथियार परीक्षण फिर से शुरू करने का आदेश दिए जाने के कुछ ही दिनों बाद, अमेरिका ने इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का सफल परीक्षण किया है। अमेरिकी वायुसेना के ग्लोबल स्ट्राइक कमांड ने कैलिफ़ोर्निया के वांडेनबर्ग स्पेस फ़ोर्स बेस से मिनटमैन-3 (Minuteman-III) मिसाइल का परीक्षण लॉन्च किया।

हालांकि अमेरिकी वायुसेना (USAF) ने ज़ोर देकर कहा है कि यह एक नियमित परीक्षण है जो ICBM प्रणाली की विश्वसनीयता और तैयारी को जाँचने के लिए किया गया है, लेकिन ट्रंप के हालिया आक्रामक परमाणु बयान के तुरंत बाद हुए इस परीक्षण को वैश्विक परमाणु राजनीति में एक मज़बूत संकेत के रूप में देखा जा रहा है। ट्रंप ने रूस, चीन और उत्तर कोरिया जैसे देशों द्वारा कथित रूप से परीक्षण किए जाने का हवाला देते हुए पेंटागन को तुरंत परमाणु परीक्षण शुरू करने का आदेश दिया था।

1. 33 साल बाद परमाणु परीक्षण शुरू करने का आदेश

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 30 अक्टूबर 2025 को एक सनसनीखेज घोषणा में पेंटागन को तुरंत परमाणु हथियार परीक्षण फिर से शुरू करने का आदेश दिया। यह फैसला 1992 में अंतिम अमेरिकी परमाणु विस्फोट परीक्षण के बाद से लगाए गए स्वैच्छिक प्रतिबंध को समाप्त करता है।

ट्रंप का तर्क: ट्रंप ने अपने इस फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि रूस, चीन, उत्तर कोरिया और यहां तक कि पाकिस्तान जैसे देश गुप्त रूप से परमाणु परीक्षण कर रहे हैं, इसलिए अमेरिका को ‘समान आधार’ पर रहने के लिए ऐसा करना उचित है। उन्होंने कहा, “हम अकेले ऐसे देश नहीं हो सकते जो परीक्षण न करें।”

CTBT पर सवाल: ट्रंप का यह कदम व्यापक परमाणु-परीक्षण-प्रतिबंध संधि (CTBT) पर सवाल खड़ा करता है, जिस पर अमेरिका ने हस्ताक्षर किए हैं लेकिन जिसका पूर्ण रूप से अनुमोदन (ratification) नहीं किया है। आलोचकों का मानना है कि यह निर्णय दुनिया को नए हथियारों की होड़ में धकेल सकता है।

2. मिनटमैन-3 ICBM क्या है?

ट्रंप के आदेश के कुछ दिनों के भीतर ही 5 नवंबर 2025 को अमेरिकी वायुसेना ने मिनटमैन-3 मिसाइल का परीक्षण किया।

अमेरिकी ताकत का प्रतीक: मिनटमैन-3 अमेरिका की सबसे पुरानी ICBM है, जो 1970 के दशक से उपयोग में है और अमेरिकी भूमि-आधारित परमाणु निवारण (Land-Based Nuclear Deterrent) का मुख्य आधार है।

क्षमता: यह मिसाइल 13,000 किलोमीटर तक मार कर सकती है और परमाणु वारहेड ले जाने में सक्षम है।

परीक्षण का विवरण: यह परीक्षण मिसाइल की ऑपरेशनल तैयारी, सटीकता, और विश्वसनीयता को जाँचने के लिए किया गया। बिना हथियार वाली यह मिसाइल प्रशांत महासागर को पार करते हुए मार्शल द्वीप समूह के पास स्थित रोनाल्ड रीगन टेस्ट साइट पर अपने लक्ष्य को हिट करने में सफल रही।

3. रणनीतिक संकेत और वैश्विक प्रतिक्रिया

भले ही अमेरिकी वायुसेना इस परीक्षण को नियमित बता रही हो, लेकिन इसे ट्रंप की ‘पीस थ्रू स्ट्रेंथ’ (ताकत के माध्यम से शांति) नीति के आक्रामक प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है।

रूस और चीन: ट्रंप ने यह बयान ऐसे समय में दिया, जब रूस ने हाल ही में अपने उन्नत परमाणु-सक्षम हथियार जैसे पोसाइडन अंडरवाटर ड्रोन और बुरेवेस्टनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया था। चीन ने भी ट्रंप के आदेश के बाद अमेरिका से संयम बरतने की अपील की है।

भविष्य की तैयारी: अमेरिकी ऊर्जा विभाग ने स्पष्ट किया है कि परीक्षण तुरंत शुरू होंगे, लेकिन उनमें परमाणु विस्फोट शामिल नहीं होंगे। इसके बावजूद, यह आदेश एक संकेत है कि अमेरिका अपनी परमाणु प्रणाली को उन्नत करने और प्रतिद्वंद्वियों को एक स्पष्ट संदेश देने के लिए तैयार है कि वह सैन्य शक्ति में पीछे नहीं हटेगा।

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