जातिवादी टिप्पणी पर फंसे पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष राजा वारिंग, बूटा सिंह के बेटे की शिकायत पर FIR दर्ज
SC/ST एक्ट और BNS की धाराओं के तहत मामला, वारिंग ने मांगी माफी
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पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री स्वर्गीय बूटा सिंह के खिलाफ कथित जातिवादी टिप्पणी पर पंजाब कांग्रेस प्रमुख राजा वारिंग के खिलाफ FIR दर्ज
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शिकायत बूटा सिंह के बेटे सरबजोत सिंह सिद्धू ने दर्ज कराई
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FIR में SC/ST एक्ट और BNS की धारा 353 व 196 शामिल
समग्र समाचार सेवा
चंडीगढ़, 6 नवंबर: पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह उर्फ राजा वारिंग मुश्किल में पड़ गए हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने तरनतारन उपचुनाव के दौरान एक सभा में स्वर्गीय बूटा सिंह को लेकर ऐसी टिप्पणी की, जिसे जातिवादी और अपमानजनक माना गया।
यह शिकायत बूटा सिंह के बेटे सरबजोत सिंह सिद्धू ने दर्ज कराई है। उनका कहना है कि वारिंग ने जानबूझकर ऐसे शब्दों का प्रयोग किया, जिससे अनुसूचित जाति समुदाय की भावनाएं आहत हुईं।
पुलिस ने इस मामले में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की धाराओं के अलावा भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की धारा 353 (सार्वजनिक उपद्रव फैलाने वाला बयान) और धारा 196 (समुदायों में वैमनस्य फैलाने का प्रयास) लगाई हैं।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इस बयान से लोगों में नाराजगी फैली है और सामाजिक सौहार्द बिगड़ने की आशंका जताई गई है। फिलहाल जांच जारी है।
विवाद बढ़ने के बाद राजा वारिंग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर सफाई देते हुए कहा,
> “बूटा सिंह जी मेरे लिए पिता समान थे। मेरा उनका अपमान करने का कोई इरादा नहीं था। अगर मेरे शब्दों से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं बिना शर्त माफी मांगता हूं।”
इधर, पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने भी इस मामले का स्वतः संज्ञान लिया है। आयोग के अध्यक्ष जसवीर सिंह गढ़ी ने बताया कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो देखने के बाद राजा वारिंग से 6 नवंबर तक लिखित जवाब और तरनतारन के रिटर्निंग ऑफिसर से 4 नवंबर तक रिपोर्ट मांगी गई है।
जानकारी के अनुसार, तरनतारन उपचुनाव 11 नवंबर को होगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को निर्धारित है। यह सीट आप विधायक कश्मीर सिंह सोहल के निधन के कारण खाली हुई थी।