जदयू प्रत्याशी खेसारी लाल यादव का विवादित बयान, मंदिर में पढ़कर अफसर बन जाऊंगा क्या?

खेसारी की जुबान ने छेड़ी आस्था की बहस

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  • खेसारी ने कहा, राम मंदिर में पढ़कर क्या मैं अफसर बन जाऊंगा? बयान से मचा सियासी तूफ़ान
  • रवि किशन ने कहा, जो सनातन पर वार करेगा, वह मेरे शब्दबाण से नहीं बचेगा
  • अखिलेश यादव उतरे समर्थन में, बोले, छपरा से उठेगी बदलाव की नई लहर

समग्र समाचार सेवा
छपरा, 6 नवम्बर: बिहार चुनाव के बीच भोजपुरी स्टार और राजद प्रत्याशी खेसारी लाल यादव का बयान एक बार फिर विवादों में है। उन्होंने कहा, “राम मंदिर में पढ़कर मैं मास्टर, प्रोफेसर या अफसर बन जाऊंगा क्या? मंदिर आस्था का विषय है, लेकिन देश शिक्षा और रोजगार से चलता है।”

उनका यह बयान धार्मिक और राजनीतिक दोनों मोर्चों पर हलचल मचा गया। कई लोगों ने इसे सीधा-सीधा आस्था पर चोट बताया, जबकि विरोधियों ने आरोप लगाया कि खेसारी इस तरह के बयान देकर वोट बैंक साधने की कोशिश कर रहे हैं।

गोरखपुर सांसद रवि किशन ने तीखा पलटवार करते हुए कहा, “जो सनातन पर वार करेगा, वह मेरे शब्दबाण से नहीं बचेगा। भगवान राम और सनातन पर प्रश्न उठाना देश की आत्मा को ठेस पहुँचाने जैसा है।”

दरअसल, खेसारी इससे पहले भी कह चुके हैं कि “राम मंदिर जरूरी है, लेकिन स्कूल और हॉस्पिटल उससे ज्यादा जरूरी हैं।” इस बयान के बाद से उनके खिलाफ विरोध बढ़ा और कई जगहों पर सोशल मीडिया पर लोगों ने उनकी निंदा की।

वहीं, अखिलेश यादव ने 2 नवम्बर को छपरा में खेसारी के समर्थन में रैली की और कहा कि “छपरा से बदलाव की लहर उठेगी, यह चुनाव बिहार ही नहीं पूरे देश की दिशा तय करेगा।”

लेकिन सियासी गलियारों में अब सवाल यह है, क्या खेसारी का यह बयान विकास की बात करने की कोशिश थी या फिर धार्मिक भावनाओं को भड़काकर चुनावी फायदों का नया खेल?

जनता की निगाह अब इस पर है कि क्या आस्था और राजनीति को मिलाने वाली यह भाषा आने वाले दिनों में बिहार के चुनावी माहौल को और गर्म करेगी।

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