काशी का देव दीपावली महोत्सव: 21 लाख दीयों से स्वर्ग बना वाराणसी

बनारस के 84 घाटों पर अद्भुत नजारा, लेजर शो और गंगा आरती ने बढ़ाया दिव्य प्रकाश का वैभव

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  • आयोजन: वाराणसी में देव दीपावली के अवसर पर 21 लाख दीयों का प्रज्ज्वलन।
  • प्रभाव: दीयों की रोशनी से गंगा के सभी 84 घाट और शहर के प्रमुख मंदिर दिव्य प्रकाश में नहा उठे।
  • विशेष आकर्षण: घाटों पर आयोजित लेजर शो, भव्य गंगा आरती, और फूलों की आकर्षक सजावट मुख्य आकर्षण का केंद्र रही।

समग्र समाचार सेवा
वाराणसी (उत्तर प्रदेश), 06 नवंबर: धर्म और आध्यात्म की नगरी काशी (वाराणसी) मंगलवार देर शाम देव दीपावली के अवसर पर 21 लाख दीयों की रोशनी से जगमगा उठी। पवित्र गंगा नदी के 84 घाटों पर एक साथ जलाए गए इन दीयों ने वाराणसी को सचमुच ‘धरती पर स्वर्ग’ में बदल दिया। उत्तर प्रदेश सरकार और काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के सहयोग से आयोजित इस भव्य महोत्सव को देखने के लिए देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु और पर्यटक काशी पहुंचे। इस ऐतिहासिक आयोजन ने न केवल शहर की आध्यात्मिक पहचान को मज़बूती दी है, बल्कि इसे विश्व पर्यटन मानचित्र पर एक अद्वितीय स्थान भी दिलाया है।

1. दीयों की गिनीज रिकॉर्ड वाली रोशनी

देव दीपावली का यह आयोजन हर साल की तरह इस बार भी भव्य रहा, लेकिन 21 लाख दीयों का प्रज्ज्वलन इसे और भी ऐतिहासिक बनाता है। स्वयंसेवकों, एनसीसी कैडेट्स और स्थानीय नागरिकों ने मिलकर गंगा के सभी घाटों पर दीयों को सजाया और एक ही समय पर जलाया।

अद्भुत दृश्य: शाम ढलते ही जब एक-एक करके सभी दीये जल उठे, तो गंगा का किनारा किसी आकाशगंगा जैसा प्रतीत होने लगा। नौका विहार कर रहे पर्यटकों ने इस स्वर्गीय दृश्य को अपने कैमरों में कैद किया।

धार्मिक मान्यता: देव दीपावली का पर्व कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन सभी देवता काशी में पधारते हैं और स्वयं दीये जलाकर भगवान शिव की जीत का जश्न मनाते हैं, जब उन्होंने त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था।

2. लेजर शो और महाआरती का समागम

इस वर्ष के आयोजन का मुख्य आकर्षण घाटों पर किया गया भव्य लेजर शो था। लेजर लाइटों के माध्यम से गंगा नदी के तटों पर भगवान शिव की कहानियाँ, काशी का इतिहास, और ‘हर हर महादेव’ का संदेश प्रदर्शित किया गया।

गंगा महाआरती: दशश्वमेध घाट पर होने वाली महाआरती ने इस उत्सव में चार चांद लगा दिए। कई पुरोहितों ने एक साथ मिलकर भव्य गंगा आरती की, जिसकी गूंज पूरे शहर में सुनाई दी। आरती के दौरान जयकारों और शंखनाद ने पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया।

सुरक्षा व्यवस्था: प्रशासन ने श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए कड़े सुरक्षा इंतज़ाम किए थे। घाटों पर एनडीआरएफ (NDRF) की टीमें तैनात थीं, और यातायात को सुगम बनाने के लिए मार्गों को डाइवर्ट किया गया था।

3. काशी विश्वनाथ धाम की छटा

देव दीपावली के अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ धाम को भी फूलों और रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया था। धाम में प्रवेश के लिए भक्तों की लंबी कतारें लगी रहीं। भक्तों ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर अपने जीवन के कल्याण की कामना की।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस आयोजन को सनातन संस्कृति के गौरव का प्रतीक बताते हुए कहा कि काशी अब केवल भारत ही नहीं, बल्कि विश्व की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में तेज़ी से उभर रही है। यह आयोजन स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन को भी ज़बरदस्त बढ़ावा देता है।

 

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