बिहार चुनाव: जीतन राम मांझी की समधन ज्योति देवी पर हमला
बाराचट्टी सीट से HAM प्रत्याशी पर चुनाव प्रचार के दौरान पथराव का आरोप; प्रशासन ने चोटिल होने से किया इनकार
- हमला: बाराचट्टी से हम (HAM) प्रत्याशी ज्योति देवी पर चुनाव प्रचार के दौरान पथराव का आरोप।
- चोट और अस्पताल: ज्योति देवी को चोट लगने के बाद प्राथमिक उपचार के लिए मगध मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया।
- प्रशासन का पक्ष: डीएम और एसएसपी ने हमले के दावों पर सवाल खड़े किए, कहा जाँच में चोट के निशान या पत्थरबाजी का कोई सबूत नहीं मिला है।
समग्र समाचार सेवा
गया (बिहार), 06 नवंबर: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से ठीक पहले, गया जिले की बाराचट्टी विधानसभा सीट पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की उम्मीदवार और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) की प्रत्याशी ज्योति देवी पर हमला होने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। ज्योति देवी, जो केंद्रीय मंत्री और HAM के संस्थापक जीतन राम मांझी की समधन भी हैं, ने आरोप लगाया है कि बुधवार शाम चुनाव प्रचार के दौरान असामाजिक तत्वों ने उनके काफिले पर पत्थरबाजी की, जिससे उन्हें सीने में चोट आई।
हालांकि, इस घटना ने जहां एक ओर चुनावी माहौल को गरमा दिया है, वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन ने हमले के दावों पर सवाल खड़े किए हैं। जिलाधिकारी (DM) और वरीय पुलिस अधीक्षक (SSP) ने जाँच के बाद कहा है कि घटनास्थल पर कोई पत्थर नहीं मिला और मेडिकल जाँच में प्रत्याशी को किसी भी तरह की गंभीर चोट के निशान नहीं मिले हैं।
1. प्रचार के दौरान हमला और पत्थर लगने का दावा
घटना गया जिले के बाराचट्टी थाना क्षेत्र के सुलेबट्टा फ्लाईओवर के पास घटी। HAM प्रत्याशी ज्योति देवी अपने समर्थकों और दस गाड़ियों के काफिले के साथ भलुआ की ओर से चुनाव प्रचार करते हुए गुजर रही थीं। ज्योति देवी ने बताया कि जब वह अपनी गाड़ी में बैठने जा रही थीं, तभी कुछ दूरी पर खड़े असामाजिक तत्वों ने उन्हें निशाना बनाकर पत्थर फेंका।
हम प्रत्याशी के अनुसार, यह पत्थर सीधे उनके सीने पर लगा और उन्हें बुरी तरह चोटिल करने के इरादे से फेंका गया था। घटना के बाद मौके पर अफरातफरी मच गई और सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, बाराचट्टी पहुँचाया। प्राथमिक उपचार के बाद, उन्हें बेहतर इलाज के लिए मगध मेडिकल कॉलेज गया रेफर कर दिया गया।
ज्योति देवी ने आशंका व्यक्त की कि इस तरह के हमले कर विरोधी दल के लोग इलाके में खौफ पैदा करना चाहते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इसके पूर्व भी उनकी प्रचार गाड़ी को क्षतिग्रस्त किया गया था।
2. जिला प्रशासन का बयान: ‘चोट के निशान नहीं, कोई पत्थर नहीं मिला’
हम प्रत्याशी ज्योति देवी के हमले के दावे और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराए जाने के तुरंत बाद गया जिला प्रशासन हरकत में आया। जिलाधिकारी शशांक शुभंकर और वरीय पुलिस अधीक्षक आनंद कुमार ने एक संयुक्त बयान जारी कर मामले की जाँच के शुरुआती निष्कर्षों को सार्वजनिक किया।
जाँच का निष्कर्ष: एसएसपी आनंद कुमार ने कहा कि पुलिस ने मौके पर मौजूद छह लोगों के बयान लिए, लेकिन किसी ने भी पत्थर फेंकने की पुष्टि नहीं की। घटनास्थल का मुआयना किया गया, लेकिन कोई पत्थर नहीं मिला।
मेडिकल रिपोर्ट: डीएम शशांक शुभंकर ने स्पष्ट किया कि उम्मीदवार का मेडिकल और एक्स-रे कराया गया, जिसमें शरीर पर किसी भी गंभीर चोट के निशान नहीं मिले हैं।
एसआईटी गठन: हालांकि, मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए और उम्मीदवार की शिकायत पर, पुलिस ने एसआईटी (SIT) टीम का गठन कर दिया है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज और अन्य इनपुट के आधार पर हमलावरों की पहचान और गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी है।
3. चुनावी हिंसा का बढ़ता खतरा
यह हमला बिहार चुनाव में चुनावी हिंसा की बढ़ती घटनाओं की एक कड़ी है। इस घटना से ठीक एक सप्ताह पहले, HAM पार्टी के टिकारी से विधायक और प्रत्याशी अनिल कुमार पर भी प्रचार के दौरान हमला हुआ था, जिसमें उन्होंने आरजेडी समर्थकों पर मारपीट और पत्थरबाजी का आरोप लगाया था। इस तरह की घटनाएँ बिहार चुनाव में सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं, खासकर तब जब पहले चरण का मतदान सिर पर है।
जीतन राम मांझी ने पहले हुए हमलों के लिए भी आरजेडी को जिम्मेदार ठहराया था। बाराचट्टी में हुए इस हमले पर, HAM और NDA खेमे ने राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से सुरक्षा सुनिश्चित करने की माँग की है।