डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-पाक युद्धविराम पर जोड़ा नया दावा
मियामी के एक कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फिर दोहराया कि भारत और पाकिस्तान के बीच उनका हस्तक्षेप होने के बाद दोनों देशों ने युद्धविराम पर सहमति जताई
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि मई 2025 में उनके हस्तक्षेप के बाद भारत और पाकिस्तान ने युद्धविराम पर सहमति जताई।
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ट्रंप ने कहा कि उनके “टैरिफ दबाव” की वजह से दोनों देशों ने संघर्ष रोकने का फैसला लिया, दावा किया कि आठ विमान गिराए गए थे।
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उन्होंने बताया कि भारत पर 50% और पाकिस्तान पर 19% टैरिफ लगाया गया था, जिसे उन्होंने शांति का कारण बताया।
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भारत ने इन दावों को सिरे से नकारते हुए कहा कि अमेरिका की किसी भी भूमिका या मध्यस्थता पर कोई चर्चा नहीं हुई थी।
समग्र समाचार सेवा
मियामी/वॉशिंगटन/नई दिल्ली | 6 नवंबर: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर यह दावा दोहराया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्धविराम में उनकी सीधी भूमिका रही थी। बुधवार को फ्लोरिडा के मियामी में एक कार्यक्रम के दौरान ट्रंप ने इस दावे में नई जानकारियाँ जोड़ीं और कहा कि उनके हस्तक्षेप के बाद ही दोनों देशों ने शांति का रास्ता अपनाया।
ट्रंप ने कहा कि जब वे भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ एक व्यापारिक समझौते की प्रक्रिया में थे, तभी उन्हें यह खबर मिली कि दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है और हालात युद्ध जैसे हो गए हैं। ट्रंप ने कहा, “मैंने अखबार के पहले पन्ने पर देखा कि वे युद्ध करने जा रहे हैं। मैंने दोनों देशों को कहा, जब तक तुम शांति नहीं करोगे, मैं किसी से व्यापार नहीं करूंगा।”
उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने दोनों देशों को यह स्पष्ट चेतावनी दी थी कि “तुम दोनों परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र हो, और अगर युद्ध करोगे, तो मैं तुम्हारे साथ कोई व्यापारिक समझौता नहीं करूंगा।”
ट्रंप ने दावा किया कि उनकी यह चेतावनी भारत और पाकिस्तान दोनों के लिए चौंकाने वाली थी। उन्होंने बताया कि “9 मई को ये बातचीत हुई और 10 मई 2025 को दोनों देशों ने युद्धविराम की घोषणा की।”
ट्रंप ने कहा, “एक दिन बाद मुझे फोन आया कि हमने शांति कर ली है। मैंने कहा, बहुत अच्छा, अब चलो व्यापार करते हैं। यह सब टैरिफ की वजह से संभव हुआ। अगर टैरिफ न होता, तो ऐसा कभी नहीं होता।”
उन्होंने आगे बताया कि उस समय भारत पर उन्होंने 25 प्रतिशत का टैरिफ लगाया था, क्योंकि उनके अनुसार भारत अमेरिकी सामानों पर “सबसे अधिक शुल्क” लगाता था। पाकिस्तान पर 19 प्रतिशत का टैरिफ लगाया गया था।
बाद में, ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने भारत पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क और लगाया, यानी कुल 50 प्रतिशत,क्योंकि भारत ने रूसी तेल खरीदा था और BRICS समूह में सक्रिय भागीदारी की थी। ट्रंप के अनुसार, BRICS “अमेरिका-विरोधी नीतियों” को बढ़ावा देता है, इसलिए उन्होंने भारत को दंडित करने के लिए यह कदम उठाया।
इस दौरान ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल के केवल नौ महीनों में “आठ युद्ध सुलझा दिए” और भारत-पाक युद्धविराम को उसी उपलब्धि का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि संघर्ष के दौरान “आठ विमान गिराए गए थे” जबकि उनके पिछले बयान में यह संख्या सात बताई गई थी।
ट्रंप के इस दावे पर भारत ने पहले भी प्रतिक्रिया दी थी और इस बार भी स्पष्ट रूप से इनकार किया है कि किसी भी स्तर पर अमेरिका या ट्रंप की ओर से कोई मध्यस्थता नहीं हुई थी।
जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बारे में पूछे गए सवाल पर कहा था कि उस अवधि में “भारत-अमेरिका व्यापार समझौते या किसी प्रकार की मध्यस्थता” पर कोई बात नहीं हुई थी।
भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भी प्रेस बयान में कहा था, “राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा जो कहा गया, वह पूरी तरह गलत है। इस दौरान न तो व्यापार पर बात हुई और न ही किसी युद्धविराम में अमेरिका की कोई भूमिका रही।”
इस पूरी घटना की पृष्ठभूमि में अप्रैल 2025 का वह आतंकी हमला था, जिसमें जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 पर्यटकों की हत्या कर दी गई थी। इसके जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नामक संयुक्त सैन्य कार्रवाई (त्रि-सेवा अभियान) शुरू की थी। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और पाकिस्तान-आकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था।
ट्रंप ने कहा कि उनके बयान के अगले ही दिन दोनों देशों ने “फायरिंग रोकने और युद्धविराम बनाए रखने” पर सहमति जताई, जिसके बाद उन्होंने कहा,देखो, टैरिफ ने काम कर दिखाया।