हरियाणा वोट चोरी: राहुल गांधी का ‘ब्राजीलियाई मॉडल’ दावा, मचा सियासी घमासान
राहुल गांधी ने दिखाई 'एच फाइल्स', हरियाणा वोटर लिस्ट में फर्जी नाम और 25 लाख वोटों की धांधली का आरोप लगाया; BJP और EC ने आरोपों को बताया निराधार
- फर्जी वोट का दावा: राहुल गांधी ने हरियाणा में 25 लाख से अधिक फर्जी वोट होने का दावा किया, जिसमें डुप्लीकेट वोटर, गलत पते और थोक मतदाताओं की श्रेणियाँ शामिल हैं।
- ब्राजीलियाई मॉडल की तस्वीर: उन्होंने एक ब्राजीलियाई मॉडल की तस्वीर दिखाई, जिसका उपयोग 10 बूथों पर 22 अलग-अलग नामों से वोटिंग करने के लिए किया गया था।
- ECI पर आरोप: राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग (ECI) के पास डुप्लीकेट वोट हटाने का सॉफ्टवेयर है, लेकिन वह जानबूझकर भाजपा की मदद कर रहा है।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 05 नवंबर: लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में हरियाणा विधानसभा चुनाव में बड़े पैमाने पर वोट चोरी और मतदाता सूची में धांधली का गंभीर आरोप लगाते हुए राजनीतिक गलियारों में भूचाल ला दिया। उन्होंने अपनी ‘एच फाइल्स’ (H Files) पेश करते हुए दावा किया कि हरियाणा में 25 लाख से अधिक वोट फर्जी, डुप्लीकेट या हेरफेर किए गए थे, जिसके कारण कांग्रेस की जीत हार में बदल गई।
इस दौरान, राहुल गांधी ने एक चौंकाने वाला दावा किया। उन्होंने ब्राजीलियाई मॉडल की तस्वीर दिखाते हुए कहा कि इस महिला की फोटो का इस्तेमाल हरियाणा के 10 अलग-अलग बूथों पर 22 अलग-अलग नामों (जैसे सीमा, स्वीटी, सरस्वती, रश्मि, विमला) से वोट डालने के लिए किया गया। उन्होंने इस ‘मिस्ट्री वुमन’ की तस्वीर को मतदाता सूची में फ़र्ज़ी प्रविष्टियों का एक स्टॉक फ़ोटोग्राफ़ बताया।
1. राहुल गांधी का ‘H-फाइल्स’ खुलासा और 25 लाख फर्जी वोटों का दावा
बिहार चुनाव के पहले चरण के मतदान से ठीक एक दिन पहले, राहुल गांधी की यह प्रेस कॉन्फ्रेंस काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाणा में लगभग आठ में से एक वोटर फर्जी है, जिसका कुल आँकड़ा 25,41,144 फर्जी मतों तक पहुँचता है। उनके अनुसार, यह वोटों की चोरी पाँच अलग-अलग श्रेणियों में की गई है:
डुप्लीकेट वोटर: एक ही व्यक्ति के कई बार नाम दर्ज होना।
अमान्य पते: मकान संख्या शून्य (0) वाले पते, जिनकी जाँच करने पर कोई नहीं मिला।
थोक वोटर: एक ही घर में 66 से 100 से अधिक लोग दर्ज होना, जो बीजेपी से जुड़े थे।
फर्जी तस्वीरें: मतदाता सूची में एक लाख से अधिक मतदाताओं की नकली तस्वीरें होना।
राहुल गांधी ने कहा कि ये सब कोई गलती नहीं थी, बल्कि यह जानबूझकर किया गया था ताकि कांग्रेस की सुनिश्चित जीत को हार में बदला जा सके। उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के एक कथित बयान का वीडियो भी दिखाया, जिसमें सैनी ने परिणाम से पहले ‘व्यवस्था’ होने की बात कही थी।
2. ‘स्वीटी, सरस्वती’ बनी ब्राजीलियाई मॉडल कौन?
प्रेस कॉन्फ्रेंस का सबसे चर्चित बिंदु वह तस्वीर थी, जिसे राहुल गांधी ने मतदाता सूची के फर्जीवाड़े का सबसे बड़ा प्रमाण बताया।
तस्वीर का रहस्य: उन्होंने सवाल किया, “यह महिला कौन है? इसका नाम क्या है? यह कहाँ से आती है?” फिर उन्होंने खुद ही जवाब दिया कि यह एक ब्राजीलियाई मॉडल की स्टॉक फ़ोटोग्राफ़ है।
फर्जी आईडी: यह तस्वीर हरियाणा के मतदाता पहचान पत्रों में सीमा, स्वीटी, सरस्वती, रश्मि जैसे अलग-अलग नामों से इस्तेमाल की गई थी और कथित तौर पर इस पर 22 बार वोट डाले गए थे।
तस्वीर की सच्चाई: रिवर्स इमेज सर्च के माध्यम से पता चला कि यह तस्वीर ब्राजील के फोटोग्राफर मैथियस फेरेरो ने क्लिक की थी और यह रॉयल्टी-मुक्त इमेज पोर्टल्स पर उपलब्ध है। हालांकि मॉडल की पहचान अभी भी एक रहस्य बनी हुई है, लेकिन इसका इस्तेमाल सिर्फ़ वोटर लिस्ट ही नहीं, बल्कि लिंक्डइन पर फर्जी प्रोफेशनल प्रोफाइल बनाने में भी किया गया है।
3. चुनाव आयोग और भाजपा पर सीधा हमला
राहुल गांधी ने भारतीय लोकतंत्र की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग पर भाजपा की मदद करने का सीधा आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के पास डुप्लीकेट एंट्री को हटाने का सॉफ्टवेयर मौजूद है, लेकिन वह उसका उपयोग नहीं कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया, “वे ऐसा इसलिए नहीं करते, क्योंकि वे भाजपा की मदद कर रहे हैं।”
राहुल ने यह भी दावा किया कि पोस्टल बैलेट के नतीजे, जो आमतौर पर वास्तविक वोटों के नतीजों से मेल खाते हैं, इस बार पूरी तरह अलग थे। उनके अनुसार, पोस्टल बैलेट में कांग्रेस को भारी बढ़त मिल रही थी, लेकिन अंतिम परिणाम में कांग्रेस 22,789 वोट से हार गई।
उन्होंने बिहार में भी इसी तरह की धांधली की आशंका जताई और कहा कि अंतिम समय में बिहार की वोटर लिस्ट से भी नाम हटाए गए हैं।
4. चुनाव आयोग और भाजपा का जवाब
राहुल गांधी के इन सनसनीखेज दावों के तुरंत बाद, चुनाव आयोग के सूत्रों और भाजपा ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया।
ECI का पक्ष: चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस या किसी भी उम्मीदवार ने चुनाव के बाद स्क्रूटनी के दौरान मतदाता सूची के ख़िलाफ़ कोई अपील दायर नहीं की थी, और हरियाणा उच्च न्यायालय में केवल 22 चुनावी याचिकाएँ लंबित हैं। आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को ‘अपुष्ट और निराधार’ बताया।
भाजपा का पलटवार: भाजपा नेताओं ने राहुल गांधी के इस कदम को बिहार चुनाव से पहले ध्यान भटकाने की रणनीति बताया, क्योंकि कांग्रेस की स्थिति बिहार में कमज़ोर है।
कुल मिलाकर, राहुल गांधी का यह ‘एच फाइल्स’ का दांव बिहार चुनाव से ठीक पहले देश की चुनावी प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े करता है और युवा मतदाताओं को लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पारदर्शिता पर ध्यान देने के लिए प्रेरित करता है।