पंजाब रिश्वतकांड: पूर्व DIG भुल्लर मामले में पटियाला-लुधियाना के प्रॉपर्टी डीलरों पर CBI के छापे
भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति मामले में CBI का शिकंजा, पूर्व डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर की रिमांड के दौरान खुलासे
- छापेमारी का दायरा: सीबीआई ने पटियाला से लेकर लुधियाना तक के प्रमुख प्रॉपर्टी डीलरों के ठिकानों पर दबिश दी।
- जांच का कारण: डीआईजी भुल्लर से पूछताछ और बरामद दस्तावेजों में प्रॉपर्टी डीलरों के नाम सामने आए।
- भुल्लर की स्थिति: पूर्व डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर फिलहाल 5 नवंबर तक सीबीआई की रिमांड पर हैं।
समग्र समाचार सेवा
चंडीगढ़/पटियाला, 04 नवंबर: रिश्वतखोरी और आय से अधिक संपत्ति (Disproportionate Assets) के आरोपों में गिरफ्तार पंजाब पुलिस के निलंबित पूर्व डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने इस मामले में अपनी जांच का दायरा बढ़ाते हुए मंगलवार सुबह पटियाला और लुधियाना में प्रॉपर्टी डीलरों के कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की।
सीबीआई की अलग-अलग टीमें सुबह करीब 7:00 बजे इन प्रॉपर्टी डीलरों के घरों और दफ्तरों में दाखिल हुईं। सूत्रों के अनुसार, इन छापों का सीधा संबंध पूर्व डीआईजी भुल्लर से जुड़ा हुआ है।
सीबीआई की कार्रवाई और प्रॉपर्टी डीलरों की भूमिका
पटियाला में, सीबीआई टीम ने ‘बीएच प्रॉपर्टीज’ (BH Properties) के मालिक भूपिंदर सिंह के घर पर छापा मारा। यह प्रॉपर्टी डीलर पटियाला और मोहाली में कई रियल एस्टेट परियोजनाओं से जुड़ा हुआ है और इसके तार कई शीर्ष राजनेताओं, नौकरशाहों और पुलिस अधिकारियों से जुड़े बताए जाते हैं।
जांच एजेंसी को आशंका है कि पूर्व डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर ने अपनी करोड़ों की अवैध संपत्ति को रियल एस्टेट के माध्यम से निवेश किया होगा। सूत्रों का कहना है कि भुल्लर से गहन पूछताछ के दौरान और उनके घर से जब्त किए गए 50 से अधिक अचल संपत्ति (Immovable Assets) के दस्तावेजों की जांच में इन प्रॉपर्टी डीलरों के नाम सामने आए हैं। सीबीआई की टीमें संबंधित ठिकानों पर दस्तावेजों की गहन छानबीन कर रही हैं और वित्तीय लेनदेन का ब्योरा खंगाल रही हैं।
डीआईजी भुल्लर पर लगे संगीन आरोप
रोपड़ रेंज के पूर्व डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर को सीबीआई ने 16 अक्टूबर 2025 को एक कबाड़ व्यापारी से 8 लाख रुपये की रिश्वत मांगने और स्वीकार करने के आरोप में उनके बिचौलिए कृष्णु शारदा के साथ गिरफ्तार किया था।
भुल्लर के ठिकानों से हुई थी बड़ी बरामदगी:
नकद राशि: लगभग 7.5 करोड़ रुपये नकद बरामद।
सोना/आभूषण: लगभग 2.5 किलोग्राम सोने के गहने और चांदी के सामान।
लक्जरी वस्तुएं: 26 महंगी और ब्रांडेड घड़ियाँ, और 40 लीटर आयातित शराब।
संपत्ति के दस्तावेज़: चंडीगढ़ के दो फ्लैट, मोहाली, होशियारपुर और लुधियाना में लगभग 150 एकड़ कृषि भूमि के दस्तावेज जब्त।
वाहन: मर्सिडीज, ऑडी, इनोवा और फॉर्च्यूनर जैसे पांच लक्जरी वाहन।
सीबीआई ने इन बरामदगियों के आधार पर पूर्व डीआईजी भुल्लर के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का एक और मामला (Disproportionate Assets FIR) भी दर्ज किया है।
विजिलेंस ब्यूरो और सीबीआई के बीच टकराव
इस मामले की जांच में एक और दिलचस्प मोड़ तब आया जब पंजाब विजिलेंस ब्यूरो (VB) ने भी आय से अधिक संपत्ति के एक मामले में भुल्लर का प्रोडक्शन वारंट मांगा था। हालांकि, मोहाली कोर्ट ने वीबी की याचिका को “अप्रभावी” (infructuous) बताते हुए खारिज कर दिया। सीबीआई ने विजिलेंस ब्यूरो की इस कार्रवाई को ‘जांच में बाधा डालने का प्रयास’ करार दिया था।
जांच एजेंसियां अब यह समझने की कोशिश कर रही हैं कि डीआईजी भुल्लर ने “सेवा-पानी” (रिश्वत के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला कोडवर्ड) के नाम पर जो अवैध कमाई की, वह किस तरह से प्रॉपर्टी में निवेश की गई। भुल्लर पर शिकंजा कसने से पंजाब पुलिस के भ्रष्टाचार के पुराने जाल के और खुलने की आशंका जताई जा रही है।