राजभवन नैनीताल की स्थापना के 125 वर्ष पूरे, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने किया समारोह में सहभाग

राजभवन लोकतंत्र की प्रतीक संस्थाएं हैं, उत्तराखंड निरंतर प्रगति की राह पर आगे बढ़ेगा: राष्ट्रपति

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  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने नैनीताल राजभवन के 125 वर्ष पूरे होने पर समारोह में भाग लिया।
  • राष्ट्रपति ने कहा, जैसे राष्ट्रपति भवन गणराज्य का प्रतीक है, वैसे ही राजभवन राज्यों के लोकतंत्र का प्रतीक हैं।
  • उन्होंने कहा कि राज्यपाल राज्य की शासन व्यवस्था के संवैधानिक प्रमुख हैं।
  • राष्ट्रपति ने उत्तराखंड की निरंतर प्रगति और समृद्धि पर प्रसन्नता व्यक्त की।

समग्र समाचार सेवा
नैनीताल | 04 नवम्बर: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उत्तराखंड के नैनीताल स्थित राजभवन की स्थापना के 125 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित भव्य समारोह में सहभाग किया। ऐतिहासिक राजभवन परिसर इस अवसर पर विशेष रूप से सजाया गया था और राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्रिपरिषद के सदस्य तथा अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि जिस प्रकार राष्ट्रपति भवन स्वतंत्र भारत के गणराज्य का प्रतीक है, उसी प्रकार राज्यों में राजभवन लोकतांत्रिक परंपराओं और संवैधानिक व्यवस्था का प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के गठन के बाद से यह भवन राज्य की प्रशासनिक और सांस्कृतिक यात्रा का अभिन्न हिस्सा रहा है और इसने प्रदेश की प्रगति को साक्षी रूप में देखा है।

राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि संसदीय प्रणाली में राज्यपाल राज्य की शासन व्यवस्था के संवैधानिक प्रमुख होते हैं। संविधान निर्माताओं ने उनके अधिकारों और कर्तव्यों को बड़े विचार-विमर्श के बाद निर्धारित किया था ताकि राज्यों में लोकतांत्रिक प्रणाली का सुचारु संचालन सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि जनता राजभवन को एक श्रद्धेय स्थान मानती है, इसलिए राज्यपाल कार्यालय से जुड़े सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को सादगी, विनम्रता, नैतिकता और संवेदनशीलता के मूल्यों को आत्मसात करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड एक ऐसा राज्य है जो प्राकृतिक संपदा, सांस्कृतिक विरासत और मानव संवेदना से परिपूर्ण है। पर्वतीय चुनौतियों के बावजूद राज्य ने शिक्षा, पर्यटन, ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। राष्ट्रपति ने विश्वास जताया कि राज्यपाल और उनकी टीम प्रदेशवासियों को नई प्रेरणा देती रहेगी और उत्तराखंड विकास व समृद्धि की नई ऊँचाइयों को छुएगा।

समारोह में उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) ने राष्ट्रपति का स्वागत किया और राजभवन के 125 वर्षों की ऐतिहासिक यात्रा पर आधारित एक प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया गया।

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