ललन सिंह को चुनाव आयोग का नोटिस

विवादित बयान पर घिरे जेडीयू अध्यक्ष, राजद ने वायरल किया था वीडियो

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  • केंद्रीय मंत्री और जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह को बिहार विधानसभा चुनाव में विवादित बयान देने के कारण चुनाव आयोग ने नोटिस भेजा है।  
  • ललन सिंह पर आरोप है कि उन्होंने एक चुनावी सभा में समर्थकों से विपक्षी वोटरों को मतदान करने से रोकने की बात कही।  
  • आयोग ने ललन सिंह से 24 घंटे के भीतर इस मामले पर जवाब मांगा है, जबकि जेडीयू ने वीडियो को एडिटेड बताया है।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 04 नवंबर: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के प्रचार के आखिरी दिन जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह एक वीडियो को लेकर विवादों में घिर गए हैं। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसके बाद निर्वाचन आयोग ने उन्हें नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

बताया जा रहा है कि यह वीडियो मोकामा में हुए एक चुनावी सभा का है, जहां ललन सिंह जेडीयू उम्मीदवार अनंत सिंह के समर्थन में प्रचार करने गए थे। वायरल हो रहे वीडियो में ललन सिंह कथित तौर पर अपने समर्थकों से विपक्षी दल के मतदाताओं को लेकर एक विवादित टिप्पणी करते नजर आ रहे हैं।

क्या है ललन सिंह के बयान का विवाद?

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने ललन सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आरजेडी ने इस वीडियो को साझा करते हुए दावा किया है कि ललन सिंह ने अपने भाषण के दौरान समर्थकों से कहा:

“एक-दो नेता हैं, तो चुनाव के दिन इनको घर से निकलने मत दो। इनको घर में ही बंद कर दीजिए। अगर वो बहुत हाथ-पैर जोड़ते हैं तो कहिए कि चलिए हमारे साथ अपना वोट दीजिए और घर आकर सोइए।”

आरजेडी ने इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चुनाव आयोग और मुख्य चुनाव आयुक्त से टैग करते हुए सवाल किया कि “केंद्रीय मंत्री ललन सिंह चुनाव आयोग की छाती पर बुलडोज़र चढ़ाते हुए कह रहे हैं कि गरीबों को वोटिंग के दिन घर से निकलने नहीं देना है! कहाँ है मरा हुआ आयोग?” आरजेडी ने आयोग से इस ‘बाहुबली बोल’ वाले वीडियो की सत्यता की जाँच करने और उचित कार्रवाई करने की मांग की।

चुनाव आयोग ने मांगा 24 घंटे में जवाब

ललन सिंह के इस कथित विवादित बयान पर चुनाव आयोग ने कड़ा रुख अपनाया है। बिहार के मुख्य चुनाव आयुक्त की तरफ से जेडीयू अध्यक्ष को नोटिस भेजा गया है। आयोग ने इस मामले में ललन सिंह से 24 घंटे के भीतर अपना स्पष्टीकरण देने को कहा है। आयोग ने यह कार्रवाई वीडियो के सामने आने और आरजेडी द्वारा शिकायत किए जाने के बाद की है।

आयोग ने ललन सिंह से पूछा है कि आदर्श आचार संहिता के तहत उनके बयान से जुड़े नियमों का उल्लंघन क्यों नहीं माना जाना चाहिए। चुनाव आयोग की कार्रवाई से बिहार की राजनीति में हड़कंप मच गया है, क्योंकि पहले चरण के मतदान से ठीक पहले यह विवाद खड़ा हुआ है।

जेडीयू ने किया बचाव, बताया ‘एडिटेड’

इस पूरे विवाद पर जनता दल (यूनाइटेड) ने अपने अध्यक्ष का बचाव किया है। पार्टी के प्रवक्ता नीरज कुमार ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा कि वायरल वीडियो पूरी तरह से एडिटेड है और इसे गलत संदर्भ में फैलाया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ललन सिंह ने अपने भाषण में किसी वर्ग या व्यक्ति विशेष को लेकर ऐसी कोई आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं की है। जेडीयू ने इस वीडियो को विरोधी दलों द्वारा चुनावी दुष्प्रचार बताया है।

ललन सिंह, जो वर्तमान में मुंगेर से सांसद और केंद्रीय मंत्री हैं, मोकामा में बेऊर जेल में बंद जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह के लिए प्रचार कर रहे थे। उन्होंने मोकामा में सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि अनंत सिंह की गिरफ्तारी के पीछे साजिश है और अब हर व्यक्ति को ‘अनंत सिंह’ बनकर चुनाव लड़ना चाहिए।

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