दिल्ली में प्रदूषण की भयावह स्थिति देख RWA ने सरकार से तत्काल गाइडलाइन जारी करने की मांग की

रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन ने कहा – हर साल बढ़ते प्रदूषण पर सरकार सिर्फ अस्थायी कदम उठाती है, स्थायी समाधान की जरूरत

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  • दिल्ली के RWA प्रतिनिधियों ने सरकार से तुरंत सख्त गाइडलाइन जारी करने की मांग की।
  • GRAP लागू होने के बावजूद राजधानी की हवा “बेहद गंभीर” श्रेणी में बनी हुई है।
  • विभागों के बीच तालमेल की कमी को प्रदूषण का बड़ा कारण बताया गया।
  • RWA ने सार्वजनिक परिवहन बढ़ाने और नागरिक चार्टर जारी करने की भी मांग की।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 04 नवंबर: दिल्ली में वायु प्रदूषण लगातार खतरनाक स्तर पर बना हुआ है। राजधानी की हवा “बेहद गंभीर” श्रेणी में पहुंचने के बाद अब दिल्ली के विभिन्न रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों (RWA) ने सरकार से तत्काल सख्त गाइडलाइन जारी करने की मांग की है।

आरडब्ल्यूए प्रतिनिधियों का कहना है कि हर साल प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंचने के बावजूद सरकार न तो कोई स्थायी समाधान निकाल पा रही है और न ही नागरिकों के बचाव के लिए कोई ठोस दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इस कारण लोगों को सांस लेने में परेशानी, गले में खराश और आंखों में जलन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

GRAP के बावजूद हवा “बेहद गंभीर” श्रेणी में

प्रतिनिधियों ने कहा कि राजधानी में भले ही ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के विभिन्न चरण लागू हों, लेकिन हवा की गुणवत्ता लगातार बेहद खराब बनी हुई है।
उनके अनुसार, दिल्ली के हर जोन में प्रदूषण के कारण अलग-अलग हैं, इसलिए हर क्षेत्र की समस्या को समझकर स्थानीय स्तर पर एक्शन प्लान बनाया जाना जरूरी है।

RWA ने सरकार से यह मांगें रखीं

आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों ने सरकार से मांग की है कि

  • दिल्ली के सभी जोनों के एसडीएम, एमसीडी, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग और आरडब्ल्यूए प्रतिनिधियों के साथ बैठक की जाए,
  • प्रदूषण के कारणों की पहचान की जाए,
  • संबंधित विभागों की जवाबदेही तय की जाए,
  • नियमों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों और निजी संस्थाओं पर कार्रवाई हो।

साथ ही, आरडब्ल्यूए ने सरकार से सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने, उसकी क्षमता व फेरे बढ़ाने, और नागरिकों के लिए एक विस्तृत चार्टर जारी करने की भी मांग की है, जिसमें यह स्पष्ट किया जाए कि प्रदूषण कम करने में नागरिकों की क्या भूमिका होगी।

RWA प्रतिनिधियों की प्रतिक्रियाएं

> “दिल्ली के अलग-अलग जोनों में प्रदूषण बढ़ने के अलग-अलग कारण हैं। विभागों के बीच तालमेल की कमी सबसे बड़ी समस्या है। शिकायत करने पर विभाग एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल देते हैं।”
— अतुल गोयल, अध्यक्ष (ऊर्जा) यूनाइटेड रेजिडेंट्स ज्वाइंट एक्शन ऑफ दिल्ली

> “दिल्ली में प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है, अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है। फिर भी सरकार केवल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने पर ध्यान दे रही है, जबकि बचाव गाइडलाइन की सख्त जरूरत है।”
— बी.एस. वोहरा, अध्यक्ष, ईस्ट दिल्ली आरडब्ल्यूए ज्वाइंट फोरम

> “सर्दियों की शुरुआत के साथ ही प्रदूषण बढ़ता है। ऐसे में बिना ठोस एक्शन प्लान के पटाखों की अनुमति देना दिल्लीवासियों की सेहत के साथ खिलवाड़ है।”
— सौरभ गांधी, अध्यक्ष, यूनाइटेड रेजिडेंट्स ऑफ दिल्ली

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