आरएसएस पर प्रतिबंध: दत्तात्रेय होसबाले ने खरगे को दिया जवाब

"किसी की सनक से संघ पर बैन नहीं लग सकता; ऐसी मांग करने वाले अतीत से सीखें" - संघ सरकार्यवाह

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  • आरएसएस सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के उस बयान पर जवाब दिया, जिसमें उन्होंने संघ को प्रतिबंधित करने की मांग की थी।
  • होसबाले ने कहा कि सिर्फ़ किसी की इच्छा से संगठन पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता, इसके लिए वैध कारण होने चाहिए।
  • संघ नेता ने कहा कि अतीत में तीन बार प्रतिबंध लगाने की कोशिश की गई, लेकिन समाज और अदालत ने इसे ग़लत ठहराया, इसलिए विरोधियों को पिछले अनुभवों से सीखना चाहिए।

समग्र समाचार सेवा
जबलपुर, मध्य प्रदेश, 02 नवंबर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के उस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी, जिसमें खरगे ने संघ को प्रतिबंधित करने की बात कही थी। होसबाले मध्य प्रदेश के जबलपुर में आयोजित आरएसएस की तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी बैठक के समापन के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे।

होसबाले ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “संगठन पर सिर्फ़ इसलिए प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता क्योंकि कोई ऐसा चाहता है। प्रतिबंध लगाने के लिए वैध कारण होने चाहिए।”

अतीत से सीख लेने की सलाह

संघ नेता ने याद दिलाया कि संघ पर पहले भी प्रतिबंध लगाने के तीन बार प्रयास किए जा चुके हैं। उन्होंने सवाल किया, “पहले भी तीन बार ऐसी कोशिशें की गई हैं, तब समाज ने क्या कहा था? अदालत ने क्या कहा था? इन सबके बावजूद संघ का काम बढ़ता रहा।”

होसबाले ने आगे कहा, “भारत की एकता, सुरक्षा और संस्कृति के लिए काम करने वाले संगठन को कोई नेता कहता है कि प्रतिबंधित कर देना चाहिए, तो उसे इसका कारण भी बताना चाहिए।” उन्होंने सलाह दी कि “जो लोग अब प्रतिबंध की मांग कर रहे हैं, उन्हें पिछले अनुभवों से सीखना चाहिए।” उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि समाज ने आरएसएस को स्वीकार कर लिया है, और सरकारी व्यवस्था ने भी यह फ़ैसला सुनाया है कि संघ पर लगे ऐसे प्रतिबंध ग़लत थे।

खरगे ने क्या कहा था?

दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के मौके पर दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरएसएस को फिर से प्रतिबंधित करने के सवाल पर कहा था, “यह मेरी निजी राय है, और मैं इसे खुले तौर पर कहूंगा, ऐसा होना चाहिए।” उन्होंने यह आरोप भी लगाया था कि देश में ज़्यादातर क़ानून और व्यवस्था की समस्याएं भाजपा और आरएसएस की वजह से पैदा हो रही हैं।

बिहार और पश्चिम बंगाल चुनावों पर संघ का रुख

पत्रकारों ने होसबाले से आरएसएस की बैठक में बिहार और पश्चिम बंगाल चुनावों पर हुई चर्चा के बारे में भी पूछा।

बिहार चुनाव: उन्होंने कहा कि बिहार चुनावों पर कोई चर्चा नहीं हुई। हालांकि, संघ का स्पष्ट रुख है कि लोगों को बड़ी संख्या में वोट करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मतदान देश और समाज से जुड़े मुद्दों पर होना चाहिए, न कि जाति या पैसे के आधार पर।

पश्चिम बंगाल: होसबाले ने कहा कि इस बैठक में बंगाल की स्थिति पर चर्चा नहीं हुई, लेकिन इस पर पहले चर्चा हो चुकी है। उन्होंने बंगाल के हालात को गंभीर बताया और कहा कि यह एक सीमावर्ती राज्य है और बांग्लादेश से आने वाले लोगों का बोझ झेल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले चुनावों के बाद से राजनीतिक नेतृत्व और मुख्यमंत्री की वजह से राज्य में द्वेष और नफ़रत फैली है। उन्होंने कहा कि “बंगाल को अस्थिरता और हिंसा के माहौल में रखना देश के साथ अन्याय होगा।”

 

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