दिल्ली का नाम बदलकर ‘इंद्रप्रस्थ’ करने की मांग — बीजेपी सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने अमित शाह को भेजा पत्र
बीजेपी सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा दिल्ली सिर्फ आधुनिक महानगर नहीं, बल्कि पांडवों द्वारा बसाई गई ‘इंद्रप्रस्थ’ नगरी की जीवंत परंपरा है; चार प्रमुख मांगें रखीं।
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बीजेपी सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर दिल्ली का नाम बदलने की मांग की।
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पत्र में कहा गया—महाभारत काल में पांडवों ने यमुना तट पर ‘इंद्रप्रस्थ’ की स्थापना की थी।
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रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट का नाम क्रमशः ‘इंद्रप्रस्थ जंक्शन’ और ‘इंद्रप्रस्थ एयरपोर्ट’ करने की सिफारिश।
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पांडवों की भव्य प्रतिमाएं दिल्ली के प्रमुख स्थल पर स्थापित करने का सुझाव।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली | 1 नवंबर: चांदनी चौक से बीजेपी सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखते हुए राजधानी दिल्ली का नाम बदलकर “इंद्रप्रस्थ” करने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि यह केवल नाम परिवर्तन नहीं, बल्कि देश की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को पुनर्स्थापित करने का कदम होगा।
सांसद ने अपने पत्र में चार प्रमुख मांगें रखी हैं
1️⃣ भारत की राजधानी दिल्ली का नाम बदलकर ‘इंद्रप्रस्थ’ किया जाए।
2️⃣ पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का नाम ‘इंद्रप्रस्थ जंक्शन’ रखा जाए।
3️⃣ इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम ‘इंद्रप्रस्थ एयरपोर्ट’ किया जाए।
4️⃣ दिल्ली के किसी प्रमुख स्थल पर पांडवों की भव्य प्रतिमाएं स्थापित की जाएं।
खंडेलवाल ने अपने पत्र में लिखा,इतिहास साक्षी है कि महाभारत काल में पांडवों ने यमुना तट पर ‘इंद्रप्रस्थ’ नामक राजधानी की स्थापना की थी। बाद में यह नगर व्यापार, संस्कृति और शासन का केंद्र बना। सुल्तानकाल और मुगल काल में इसका नाम धीरे-धीरे दिल्ली विकसित हुआ, जबकि 1911 में ब्रिटिश शासन ने नई दिल्ली को राजधानी घोषित किया।
उन्होंने कहा कि आज जब अयोध्या, प्रयागराज, वाराणसी और उज्जैन जैसे ऐतिहासिक नगर अपनी प्राचीन पहचान से पुनः जुड़ रहे हैं, तब दिल्ली को भी उसके वास्तविक नाम “इंद्रप्रस्थ” से जोड़ा जाना चाहिए। इसे उन्होंने “सांस्कृतिक पुनर्जागरण और ऐतिहासिक न्याय” की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।