- हत्या की वजह: गुरुवार को मोकामा में चुनाव प्रचार के दौरान दो प्रतिद्वंद्वी गुटों के बीच झड़प हुई, जिसमें दुलारचंद यादव की कथित तौर पर गोली मारकर और फिर वाहन से कुचलकर हत्या कर दी गई।
- FIR और आरोप: मृतक के परिजनों की शिकायत पर जदयू प्रत्याशी और बाहुबली अनंत सिंह समेत 5 लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज की गई है।
- चुनाव आयोग का हस्तक्षेप: चुनावी हिंसा और कानून व्यवस्था को लेकर आयोग ने DGP विनय कुमार से तुरंत पूरी घटना का ब्यौरा और मौजूदा स्थिति पर रिपोर्ट मांगी है।
समग्र समाचार सेवा
पटना/मोकामा, 31 अक्टूबर: बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पटना जिले की मोकामा विधानसभा सीट पर हुई हिंसक घटना ने सियासी माहौल को गरमा दिया है। जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार के समर्थक और स्थानीय बाहुबली दुलारचंद यादव की हत्या के बाद, केंद्रीय चुनाव आयोग (EC) ने इस मामले पर कड़ा रुख अपनाया है। आयोग ने बिहार के पुलिस महानिदेशक (DGP) और जिला निर्वाचन अधिकारी से घटना की विस्तृत और तत्काल रिपोर्ट तलब की है। आदर्श आचार संहिता लागू होने के दौरान हुई इस हिंसक वारदात ने चुनाव में बाहुबल के प्रयोग को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं।
🔫 प्रचार के दौरान हुआ खूनी टकराव
यह वारदात गुरुवार दोपहर मोकामा के टाल क्षेत्र के तारतर गांव के पास हुई। दुलारचंद यादव मोकामा सीट से जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के समर्थन में चुनाव प्रचार कर रहे थे। उसी दौरान, जदयू प्रत्याशी अनंत सिंह का काफिला भी उसी रास्ते से गुजरा।
प्रत्यक्षदर्शियों और पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार, दोनों गुटों के समर्थकों के बीच पहले मौखिक बहस हुई, जिसने जल्द ही हिंसक रूप ले लिया। देखते ही देखते ईंट-पत्थर चलने लगे और गोलियां भी दागी गईं। इसी संघर्ष के दौरान, दुलारचंद यादव को पैर में गोली लगी और वह जमीन पर गिर पड़े। परिजनों का आरोप है कि हमलावरों ने बाद में उन्हें गाड़ी से कुचल दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डॉक्टरों ने गोली लगने से मौत होने की संभावना से इनकार किया है, जिससे मामले में नया मोड़ आया है। पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है ताकि मौत के सटीक कारण की पुष्टि हो सके।
⚖️ सियासत गरमाई, नामजद FIR दर्ज
इस हत्याकांड ने मोकामा की चुनावी राजनीति में बाहुबल की वापसी के संकेत दिए हैं। मृतक दुलारचंद यादव का भी बाढ़ और मोकामा के टाल क्षेत्र में खासा प्रभाव रहा है और उन पर भी कई आपराधिक मामले दर्ज थे। वे कभी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के करीबी माने जाते थे, लेकिन हाल के दिनों में जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार का समर्थन कर रहे थे।
हत्या के बाद मृतक के पोते के बयान पर अनंत सिंह, उनके दो भतीजों और दो अन्य लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है। दूसरी ओर, अनंत सिंह ने खुद पर लगे आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने इस पूरी घटना को अपने प्रतिद्वंद्वी और राजद नेता सूरजभान सिंह की साजिश बताया है, ताकि उनकी छवि खराब की जा सके।
⚠️ EC का सख्त कदम: कानून व्यवस्था पर फोकस
चुनावी प्रचार के बीच हुई इस जघन्य हत्या पर केंद्रीय चुनाव आयोग ने त्वरित कार्रवाई की है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान किसी भी प्रकार की हिंसा या बाहुबल का प्रदर्शन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
आयोग ने बिहार के DGP और जिला निर्वाचन अधिकारी से तुरंत इस घटना से जुड़े सभी पहलुओं की रिपोर्ट मांगी है, जिसमें हिंसा के कारण, शामिल लोग और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाए गए कदम शामिल हैं। चुनाव आयोग की सख्ती के बाद, पुलिस और प्रशासन पर मोकामा जैसे अति-संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने का दबाव बढ़ गया है। विपक्षी पार्टियों ने भी इस घटना को लेकर राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं और उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की मांग की है।
 
			