ITR भरने की नई तारीख: ऑडिट केस को मिली राहत

CBDT का बड़ा ऐलान: आयकर रिटर्न (ITR) फाइलिंग की अंतिम तिथि 10 दिसंबर 2025 तक बढ़ाई गई

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  • केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने ITR फाइलिंग की अंतिम तारीख बढ़ाकर 10 दिसंबर 2025 कर दी है।
  • यह विस्तार केवल उन करदाताओं (कंपनियों और ऑडिट वाले केस) पर लागू होगा जिनके खातों का ऑडिट अनिवार्य है।
  • ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की अंतिम तिथि भी 31 अक्टूबर से बढ़ाकर 10 नवंबर 2025 कर दी गई है।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 30 अक्टूबर: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने आकलन वर्ष 2025-26 (वित्त वर्ष 2024-25) के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने वाले करदाताओं को बड़ी राहत दी है। बोर्ड ने उन करदाताओं के लिए ITR फाइल करने की अंतिम तिथि को 31 अक्टूबर 2025 से बढ़ाकर 10 दिसंबर 2025 कर दिया है, जिनके लिए आयकर अधिनियम के तहत खातों का ऑडिट कराना अनिवार्य है।

यह फैसला करदाताओं, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (CA) और विभिन्न पेशेवर संगठनों की लगातार मांग के बाद लिया गया है। ऑडिट रिपोर्ट तैयार करने और रिटर्न दाखिल करने के लिए अधिक समय की आवश्यकता को देखते हुए, CBDT ने यह कदम उठाया है। इस विस्तार से लाखों कंपनियों और व्यवसायों को अपनी कर अनुपालन प्रक्रिया को पूरा करने में सहायता मिलेगी, जिससे अंतिम समय के दबाव और संभावित जुर्माने से बचा जा सकेगा।

ऑडिट रिपोर्ट की डेडलाइन भी बढ़ी

ITR की समय सीमा बढ़ाने के साथ ही, CBDT ने ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की अंतिम तिथि में भी बदलाव किया है।

ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2025 से बढ़ाकर 10 नवंबर 2025 कर दी गई है।

कर विशेषज्ञों का मानना है कि ऑडिट रिपोर्ट और ITR दाखिल करने की तिथियों में पर्याप्त अंतर होना चाहिए ताकि पेशेवर रिटर्न तैयार करने के लिए आवश्यक समय ले सकें। कोर्ट्स द्वारा भी इस अंतर को बनाए रखने के लिए समय-समय पर निर्देश दिए गए हैं, जिसे ध्यान में रखते हुए CBDT ने यह फैसला लिया है।

किन करदाताओं को मिली मोहलत?

यह विस्तार सभी करदाताओं पर लागू नहीं होता है। यह विशेष रूप से उन करदाताओं (जिन्हें आयकर अधिनियम की धारा 139(1) के स्पष्टीकरण 2 के खंड (a) के तहत कवर किया गया है) पर लागू है जिनके लिए टैक्स ऑडिट अनिवार्य है। इसमें आम तौर पर वे कंपनियाँ, साझेदारी फर्म और प्रोप्राइटरशिप यूनिट्स शामिल हैं जिनका टर्नओवर या सकल प्राप्तियां निर्धारित सीमा से अधिक हैं।

व्यक्तिगत करदाता और हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) (जिनके लिए ऑडिट अनिवार्य नहीं है) के लिए ITR दाखिल करने की अंतिम तिथि पहले ही 31 जुलाई से बढ़ाकर 16 सितंबर 2025 हो चुकी थी, जो समाप्त हो चुकी है।

विलंब शुल्क और कानूनी पहलू

CBDT ने स्पष्ट किया है कि 10 दिसंबर 2025 तक फाइल किए गए रिटर्न को समय पर दाखिल किया गया रिटर्न माना जाएगा और इस पर कोई विलंब शुल्क (Late Fees) या जुर्माना नहीं लगेगा।

यदि कोई करदाता 10 दिसंबर 2025 के बाद रिटर्न दाखिल करता है, तो उस पर आयकर अधिनियम की धारा 234F के तहत विलंब शुल्क लगाया जाएगा, जो आय और फाइलिंग की तारीख के आधार पर ₹1,000 से ₹5,000 तक हो सकता है।

सरकार के इस कदम से करदाताओं को सहूलियत मिली है और यह कर अनुपालन (Tax Compliance) को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक सकारात्मक पहल है। यह फैसला उच्च न्यायालयों (High Courts) के कुछ निर्देशों के बाद आया है, जिससे पूरे देश के करदाताओं को एक समान राहत मिल सकी है।

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