SIR 2.0: बिहार विवाद के बाद चुनाव आयोग का बड़ा सुधार, अब आसान हुआ वोटर लिस्ट अपडेट का तरीका
4 नवंबर से 12 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में शुरू होगी वोटर लिस्ट के विशेष पुनरीक्षण की प्रक्रिया; अब आधार कार्ड और पारिवारिक सत्यापन को मिली मान्यता
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बिहार विवाद के बाद SIR 2.0 प्रक्रिया में किए गए बड़े बदलाव
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अब आधार कार्ड समेत कई दस्तावेज पहचान के लिए मान्य
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परिवार आधारित सत्यापन से दस्तावेज़ी प्रक्रिया में राहत
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7 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची होगी जारी
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 29 अक्टूबर: चुनाव आयोग ने बिहार के अनुभव और विवादों से सबक लेते हुए अब SIR 2.0 यानी Special Intensive Revision of Electoral Roll का नया दौर शुरू किया है। बिहार के बाद अब यह प्रक्रिया देश के 12 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में की जाएगी, जिसमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु जैसे बड़े राज्य भी शामिल हैं।
नई प्रक्रिया 4 नवंबर 2025 से शुरू होकर 7 फरवरी 2026 तक चलेगी, जब अंतिम मतदाता सूची जारी की जाएगी। यानी इस बार पूरा कार्यक्रम तीन महीने से ज्यादा चलेगा, ताकि किसी भी गड़बड़ी की गुंजाइश न रहे।
🔹 बिहार विवाद से सबक: अब क्या बदला गया है?
1. आधार कार्ड को मान्यता मिली
बिहार में जब SIR हुआ था, तब मतदाता पहचान के लिए आधार कार्ड को मान्य दस्तावेज नहीं माना गया था। इसे लेकर बड़ा विवाद हुआ और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा।
अब SIR 2.0 में आधार को आधिकारिक पहचान पत्र के रूप में शामिल किया गया है।
2. समय सीमा बढ़ाई गई
बिहार में पूरी प्रक्रिया सवा दो महीने में निपटा दी गई थी। अब आयोग ने इसे लगभग तीन महीने का समय दिया है, ताकि जांच और दस्तावेज़ सत्यापन और पारदर्शी तरीके से हो सके।
3. परिवार आधारित सत्यापन में राहत
अब अगर किसी व्यक्ति के पिता या परिवार का नाम पहले से वोटर लिस्ट में दर्ज है, तो उसे नए दस्तावेज जमा करने की जरूरत नहीं होगी।
पहले बिहार में सभी से नए सिरे से डॉक्यूमेंट मांगे गए थे।
4. राज्य बदलने वालों को छूट
अगर किसी व्यक्ति का परिवार किसी दूसरे राज्य की वोटर लिस्ट में पहले से दर्ज है, तो अब उन्हें वहां भी नए सिरे से दस्तावेज देने की आवश्यकता नहीं होगी।
🔹 नए फॉर्म और आसान प्रक्रिया
इस बार एन्युमरेशन फॉर्म के साथ ही फॉर्म 6 (नया नाम जुड़वाने वाला फॉर्म) भी एक साथ भरा जा सकेगा।
बिहार में यह फॉर्म बाद के चरण में ही स्वीकार किया जाता था।
🔹 दूसरा चरण भी हुआ पारदर्शी
SIR 2.0 का दूसरा चरण “दावे और आपत्तियों” का होगा।
अब सिर्फ उन लोगों को नहीं, बल्कि सभी संबंधित मतदाताओं को नोटिस भेजा जाएगा, जिनका नाम लिस्ट में नहीं जोड़ा जा सका या जिनके दस्तावेज अधूरे थे।
उनकी सुनवाई भी की जाएगी।
बिहार में नोटिस केवल उन्हीं को भेजे गए थे जो कागज़ पूरे नहीं दे पाए थे।
🔹 किन राज्यों में होगा नया SIR 2.0
इस चरण में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात, गोवा, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल समेत पुडुचेरी, अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप शामिल हैं।
इस कार्य के लिए करीब 5.33 लाख बूथ लेवल ऑफिसर (BLOs) और 7.64 लाख राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि इस प्रक्रिया में शामिल होंगे।
🔹 आम मतदाता के लिए ज़रूरी बातें
अगर आपका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है, तो 4 नवंबर से फॉर्म 6 भरकर नाम जुड़वा सकते हैं।
अगर पहले से नाम दर्ज है, तो पता, उम्र या फोटो अपडेट करवा सकते हैं।
आधार, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट या राशन कार्ड में से कोई भी दस्तावेज पहचान के लिए मान्य होगा।
BLO आपके घर आएंगे, इसलिए दस्तावेज तैयार रखें।
संक्षेप में:
बिहार विवाद के बाद SIR 2.0 अब ज्यादा पारदर्शी, लंबी अवधि वाला और दस्तावेज़ों के प्रति लचीला बनाया गया है।
अब किसी को बार-बार दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, बल्कि यह प्रक्रिया लोगों के दरवाजे तक पहुंचने वाली है।