’बिहार का तेजस्वी प्राण’: महागठबंधन ने जारी किया घोषणापत्र
200 यूनिट मुफ्त बिजली, हर परिवार को सरकारी नौकरी: तेजस्वी यादव ने किए बड़े वादे
- महागठबंधन ने ‘बिहार का तेजस्वी प्राण’ नाम से संयुक्त चुनावी घोषणापत्र जारी किया।
- मुख्य वादे: हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और 200 यूनिट मुफ्त बिजली।
- सामाजिक न्याय, महिला सशक्तिकरण और किसानों के लिए कई बड़ी घोषणाएं शामिल।
बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर, विपक्षी दलों के महागठबंधन (जिसमें RJD, कांग्रेस, CPI, CPI(ML), CPI(M) और VIP शामिल हैं) ने मंगलवार को अपना संयुक्त चुनावी घोषणापत्र जारी कर दिया है। इस दस्तावेज़ को ‘बिहार का तेजस्वी प्राण’ नाम दिया गया है, जो राज्य में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बदलाव लाने का संकल्प दर्शाता है। महागठबंधन ने इसे मात्र एक चुनावी दस्तावेज न मानते हुए, समृद्ध और न्यायपूर्ण बिहार के निर्माण का एक ऐतिहासिक संकल्प बताया है। इस घोषणापत्र में मुख्य रूप से रोजगार, सामाजिक न्याय, महिला सशक्तिकरण और किसानों के हितों को केंद्र में रखा गया है, जिसके माध्यम से गठबंधन मतदाताओं को एक मजबूत विकल्प पेश करने की कोशिश कर रहा है। यह घोषणापत्र बिहार की राजनीति में एक बड़ा मोड़ ला सकता है और चुनावी बहस की दिशा तय कर सकता है।
सरकारी नौकरी और मुफ्त बिजली का बड़ा वादा
घोषणापत्र का सबसे प्रमुख और मतदाताओं को लुभाने वाला वादा रोजगार और बिजली से जुड़ा है। महागठबंधन ने वादा किया है कि सरकार बनने के 20 दिन के भीतर एक अधिनियम लाया जाएगा, जिसके तहत बिहार के हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की गारंटी दी जाएगी। इसके अलावा, महंगाई और जीवनयापन की लागत से राहत देने के लिए, सभी परिवारों को 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने की घोषणा भी की गई है। यह दोनों ही वादे सीधे तौर पर राज्य के मध्यम और गरीब वर्ग के मतदाताओं को प्रभावित करने वाले हैं, जो दशकों से बेरोजगारी और बिजली की ऊंची कीमतों से जूझ रहे हैं। यह घोषणा पत्र एक ‘वैकल्पिक आर्थिक मॉडल’ का संकेत देता है, जो लोक कल्याणकारी योजनाओं पर आधारित है।
महिलाएं, बुजुर्ग और संविदाकर्मी भी हैं फोकस में
महागठबंधन ने सामाजिक न्याय और महिला सशक्तिकरण पर विशेष जोर दिया है। महिलाओं के लिए ‘माई-बहिन मान योजना’ के तहत 1 दिसंबर से ₹2500 प्रति माह की आर्थिक सहायता प्रदान करने का वादा किया गया है। इसके साथ ही, सभी जीविका सीएम दीदियों को स्थायी किया जाएगा, जिससे उनकी आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। बुजुर्गों और विधवाओं की मासिक पेंशन ₹1500 की जाएगी, जिसमें हर वर्ष ₹200 की वृद्धि का प्रावधान होगा। दिव्यांग जनों के लिए मासिक पेंशन बढ़ाकर ₹3000 करने की बात कही गई है। इसके अलावा, सभी संविदाकर्मियों को स्थायी करने और पुरानी पेंशन योजना (OPS) को राज्य में बहाल करने का वादा भी इस घोषणापत्र में शामिल है, जो सरकारी कर्मचारियों के एक बड़े वर्ग को आकर्षित कर सकता है।
शिक्षा, स्वास्थ्य और किसान हित के प्रमुख संकल्प
घोषणापत्र में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी बड़े सुधारों का वादा किया गया है। छात्रों के लिए प्रतियोगिता परीक्षाओं के फॉर्म और परीक्षा शुल्क समाप्त किए जाएंगे, साथ ही परीक्षा केंद्र तक आने-जाने के लिए मुफ्त यात्रा सुविधा भी प्रदान की जाएगी। प्रत्येक अनुमंडल में महिला कॉलेज की स्थापना की जाएगी। स्वास्थ्य के मोर्चे पर, महागठबंधन ने हर व्यक्ति को ₹25 लाख तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा देने का वादा किया है, जिससे गरीब परिवारों को महंगे इलाज से मुक्ति मिल सके। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर सभी फसलों की खरीद की गारंटी देने की बात भी कही गई है। मनरेगा में दैनिक मजदूरी को ₹300 तक बढ़ाया जाएगा और कार्य दिवसों को 100 से बढ़ाकर 200 दिन किया जाएगा, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।
इंफ्रास्ट्रक्चर और सामाजिक उत्थान की अन्य योजनाएँ
बुनियादी ढांचे के विकास के लिए, महागठबंधन ने राज्य में 5 नए एक्सप्रेसवे बनाने का वादा किया है। सामाजिक उत्थान के लिए, अनुसूचित जाति/जनजाति के 200 छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति के लिए विदेश भेजा जाएगा। साथ ही, नाई, कुम्हार, बढ़ई, मोची, माली इत्यादि जाति के स्वरोजगार और आर्थिक उत्थान के लिए 5 साल के लिए ₹5 लाख की एकमुश्त ब्याज रहित राशि प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय भत्ता दोगुना करने और ₹50 लाख का बीमा करने जैसे वादे भी किए गए हैं। कुल मिलाकर, ‘बिहार का तेजस्वी प्राण’ एक ऐसा व्यापक दस्तावेज है, जो राज्य के हर वर्ग को छूने और उन्हें विकास की मुख्य धारा में लाने का संकल्प लेता है।