प्रशांत किशोर को चुनाव आयोग का नोटिस, दो राज्यों की मतदाता सूची में नाम दर्ज होने पर 3 दिन में जवाब तलब
इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर ने जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर से तीन दिनों में मांगा स्पष्टीकरण; जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 के तहत यह गंभीर उल्लंघन माना गया।
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प्रशांत किशोर पर दो राज्यों, बिहार और पश्चिम बंगाल में वोटर के रूप में नाम दर्ज होने का आरोप।
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चुनाव आयोग ने तीन दिनों में जवाब देने के लिए भेजा नोटिस।
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बिहार में रोहतास जिले के करगहर और बंगाल में कोलकाता के भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र में नाम दर्ज।
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जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 17 और 18 के अनुसार यह अपराध है।
समग्र समाचार सेवा
पटना, 28 अक्टूबर: जन सुराज पार्टी के प्रमुख और जाने-माने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर पर चुनाव आयोग ने गंभीर कार्रवाई की है। आरोप है कि उन्होंने दो अलग-अलग राज्यों—बिहार और पश्चिम बंगाल—की मतदाता सूचियों में अपना नाम दर्ज कराया है। इस मामले में इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ERO) ने उन्हें नोटिस जारी करते हुए तीन दिनों के भीतर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है।
जारी नोटिस के अनुसार, प्रशांत किशोर का नाम बिहार के रोहतास जिले के करगहर विधानसभा क्षेत्र में दर्ज है, जो सासाराम संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आता है। वहीं, उनका नाम कोलकाता के भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र में भी पाया गया है। चुनाव आयोग के मुताबिक, यह जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 17 और 18 का उल्लंघन है, जिसके तहत कोई व्यक्ति एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाता के रूप में पंजीकृत नहीं हो सकता।
सूत्रों के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में प्रशांत किशोर का एपिक नंबर IUI0686683 दर्ज है, और उनका मतदान केंद्र सेंट हेलेन स्कूल, रानीशंकरी लेन, कोलकाता है। वहीं, बिहार में वे मध्य विद्यालय, कोनार (रोहतास) के मतदान केंद्र से मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं, जो उनका पैतृक गांव भी है।
इस मामले में यदि प्रशांत किशोर तीन दिनों के भीतर संतोषजनक जवाब नहीं देते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत, दो वोटर आईडी कार्ड रखना या दो राज्यों की सूची में नाम होना अपराध है, जिसके लिए जुर्माने और दंड दोनों का प्रावधान है।
प्रशांत किशोर पहले ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के रणनीतिक सलाहकार रह चुके हैं। वर्तमान में वे बिहार में जन सुराज पार्टी के प्रमुख के रूप में सक्रिय हैं और राज्य की राजनीति में नई दिशा देने का दावा कर रहे हैं।