चक्रवात मोंथा: रेलवे की हाई अलर्ट तैयारी, वैष्णव ने की समीक्षा
केंद्रीय रेल मंत्री ने पूर्वी तट पर तैयारियों का लिया जायजा; आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तेलंगाना के लिए डिविजनल वॉर रूम सक्रिय।
- केंद्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने चक्रवात ‘मोंथा‘ के मद्देनजर रेलवे की तैयारियों की समीक्षा की और तत्काल आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए।
- विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम और गुंटूर डिवीजनों में आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए सभी आवश्यक सामग्री, मशीनरी और जनशक्ति को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
- ईसीओआर, एससीओआर और एससीआर रेलवे ज़ोन को संसाधनों को जुटाने और ट्रेन संचालन की नियमित निगरानी करने का निर्देश दिया गया है, ताकि यात्रियों को कम से कम असुविधा हो।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 28 अक्टूबर: बंगाल की खाड़ी में उठे गंभीर चक्रवाती तूफान ‘मोंथा‘ के संभावित खतरे को देखते हुए, केंद्रीय रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज रेलवे की तैयारियों की गहन समीक्षा की। उन्होंने विशेष रूप से पूर्वी तटीय क्षेत्रों को प्रभावित करने वाले संभावित नुकसान से निपटने के लिए रेलवे को पूरी तरह से तैयार रहने का निर्देश दिया। चक्रवात ‘मोंथा‘ का सबसे अधिक प्रभाव आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तेलंगाना राज्यों पर पड़ने की आशंका है।
रेलवे ने सक्रिय किए डिविजनल वॉर रूम
मंत्री ने निर्देश दिया कि सभी प्रभावित क्षेत्रों में डिविजनल वॉर रूम को तुरंत सक्रिय किया जाए, ताकि स्थिति पर 24 घंटे निगरानी रखी जा सके और किसी भी आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया दी जा सके। रेलवे प्रशासन को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि चक्रवात के दौरान रेल पटरियों, ओएचई (ओवर हेड इक्विपमेंट) और सिग्नलिंग सिस्टम को होने वाले नुकसान को जल्द से जल्द ठीक किया जा सके।
आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए संसाधन तैयार
तटीय इलाकों में रेल संचालन के प्रमुख केंद्र, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम और गुंटूर डिवीजनों को खास तौर पर अलर्ट पर रखा गया है। इन डिवीजनों में,
बहाली (Restoration) के काम के लिए आवश्यक सामग्री (जैसे स्लीपर, ट्रैक उपकरण),
बड़ी मशीनरी (जैसे क्रेन और अर्थमूवर्स), और
कुशल जनशक्ति (मैनपावर) को पूरी तरह से तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं।
इन तैयारियों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि चक्रवात के बाद यदि कोई व्यवधान आता है, तो रेलवे सेवाएं जल्द से जल्द सामान्य हो सकें।
यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा प्राथमिकता
रेल मंत्री श्री वैष्णव ने यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि चक्रवात की स्थिति में यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को ट्रेन संचालन की बारीकी से निगरानी करने का निर्देश दिया है। आवश्यकतानुसार, ट्रेनों के मार्ग बदले जा सकते हैं या उन्हें रद्द किया जा सकता है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके और यात्रियों को न्यूनतम असुविधा का सामना करना पड़े। रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों के लिए जरूरी सूचनाएँ और सहायता केंद्र सक्रिय किए जा रहे हैं।
जोनल रेलवे को संसाधनों के लिए निर्देश
तीन प्रमुख जोनल रेलवे – पूर्वी तट रेलवे (ECoR), दक्षिण तट रेलवे (SCoR), और दक्षिण मध्य रेलवे (SCR) – को संसाधनों को युद्ध स्तर पर जुटाने और सभी आवश्यक एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। इन ज़ोनों को राहत और बचाव कार्यों के लिए अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित करने को भी कहा गया है। भारतीय रेलवे का यह कदम प्राकृतिक आपदा से पहले जान-माल की सुरक्षा और कनेक्टिविटी को बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।