‘सत्ता में आए तो वक्फ बिल कूड़ेदान में’: तेजस्वी के बयान से गरमाई सीमांचल की राजनीति
मुस्लिम बहुल इलाकों में AIMIM की चुनौती के बीच राजद (RJD) नेता का बड़ा दांव; भाजपा (BJP) ने संविधान के अनादर का आरोप लगाया।
- वक्फ बिल पर बड़ा वादा: तेजस्वी यादव ने चुनावी रैली में ऐलान किया कि ‘इंडिया’ (INDIA) गठबंधन की सरकार बनी तो वक्फ (संशोधन) कानून (Waqf Bill) को कूड़ेदान में फेंक दिया जाएगा।
- सीमांचल फोकस: यह बयान मुस्लिम बहुल कटिहार और किशनगंज में दिया गया है, जो AIMIM की बढ़ती चुनौती के बीच मुस्लिम वोट बैंक को साधने की राजद की रणनीति मानी जा रही है।
- NDA का पलटवार: भाजपा और जदयू (JDU) ने तेजस्वी के बयान को संसद और संविधान का अनादर बताया, कहा- राज्य सरकार केंद्रीय कानून को रद्द नहीं कर सकती।
समग्र समाचार सेवा
कटिहार/पटना, 27 अक्टूबर: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने वक्फ (संशोधन) कानून, 2024 को लेकर एक बड़ा चुनावी वादा किया है। मुस्लिम बहुल सीमांचल क्षेत्र के कटिहार और किशनगंज जिलों में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए, तेजस्वी ने ऐलान किया कि अगर ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार बनती है तो इस केंद्रीय कानून को लागू नहीं होने दिया जाएगा और इसे ‘कूड़ेदान’ में फेंक दिया जाएगा।
तेजस्वी यादव ने अपने भाषण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने इस कानून के माध्यम से मुस्लिम समुदाय के धार्मिक और संपत्ति संबंधी अधिकारों का हनन किया है, और नीतीश कुमार ने इस असंवैधानिक बिल का समर्थन किया।
AIMIM की चुनौती और मुस्लिम वोट बैंक की रणनीति
तेजस्वी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब सीमांचल के मुस्लिम बहुल इलाकों में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने अपनी पकड़ मजबूत की है। AIMIM मुस्लिम वोटों में सेंध लगा रही है, जिसे रोकने के लिए राजद अब वक्फ कानून जैसे भावनात्मक मुद्दे को उठाकर मुस्लिम समुदाय के बीच अपनी पैठ मजबूत करने की कोशिश कर रही है।
राजद के एक एमएलसी के पहले दिए गए विवादास्पद बयान (जिसमें उन्होंने कहा था कि तेजस्वी के मुख्यमंत्री बनने पर सभी बिल फाड़ दिए जाएंगे) के बाद, तेजस्वी यादव का यह सीधा ऐलान मुस्लिम मतदाताओं को एक कड़ा संदेश देने की ओर इशारा करता है कि राजद ही उनके हितों की सच्ची रक्षक है।
NDA ने बताया संविधान का अपमान
तेजस्वी के इस बयान पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भाजपा नेताओं ने इसे संसद और संविधान का अनादर बताया है। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने पलटवार करते हुए कहा कि, “जिन लोगों के पास संवैधानिक ज्ञान नहीं है, वे वोट बैंक के लिए जनता को गुमराह कर रहे हैं। संसद से पारित एक केंद्रीय कानून को कोई भी राज्य सरकार इस तरह रद्द नहीं कर सकती।”
जदयू (JDU) नेताओं ने भी तेजस्वी के वादे को “हल्के और चुनावी लाभ” के लिए दिया गया बताया। उन्होंने कहा कि राजद हमेशा से अल्पसंख्यकों को केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करती आई है।
तेजस्वी ने अपने भाषण में यह भी दावा किया कि बिहार की जनता 20 साल से नीतीश कुमार की सरकार से थक चुकी है और राज्य में भ्रष्टाचार एवं कानून व्यवस्था चरमरा गई है। उन्होंने सीमांचल विकास प्राधिकरण बनाने और पंचायत प्रतिनिधियों के भत्ते दोगुना करने जैसे अन्य वादे भी किए।
इस तरह, वक्फ बिल का मुद्दा अब बिहार चुनाव 2025 के चुनावी विमर्श का एक प्रमुख केंद्र बन गया है, जिससे आने वाले दिनों में सियासी घमासान और तेज होने की संभावना है।