जीतन राम मांझी का तेजस्वी पर हमला: ‘नायक’ बताना ‘नालायक’ का अपमान

बिहार चुनाव 2025: राजद के 'नायक' वाले पोस्टर पर भड़के हम (HAM) संरक्षक, जंगलराज का जिक्र कर साधा निशाना।

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  • पोस्टर पर पलटवार: राजद के नए पोस्टर में तेजस्वी यादव को ‘बिहार का नायक’ बताए जाने पर जीतन राम मांझी ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
  • ‘नालायक’ का तंज: मांझी ने सोशल मीडिया पर तंज कसते हुए कहा, “नालायक को नायक बताना, नायक शब्द का अपमान है।”
  • जंगलराज की याद: हम (सेक्युलर) के संरक्षक मांझी ने तेजस्वी की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाते हुए उन्हें ‘जंगलराज का साक्षी’ बताया।

समग्र समाचार सेवा
पटना, 27 अक्टूबर: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मियां तेज होते ही राज्य की सियासत में जुबानी जंग अपने चरम पर है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) द्वारा पार्टी के नेता तेजस्वी यादव को ‘बिहार का नायक’ बताते हुए लगाए गए एक नए पोस्टर पर हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के संरक्षक एवं केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने जोरदार हमला बोला है।

मांझी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस पोस्टर को साझा करते हुए तीखी टिप्पणी की। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि “नालायक को नायक बताना, नायक शब्द का अपमान है।” मांझी के इस बयान से राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर से आर-पार की बहस छिड़ गई है।

मांझी ने दिलाई जंगलराज की याद

केंद्रीय मंत्री ने अपने बयान में राजद के शासनकाल, जिसे वे ‘जंगलराज’ कहते हैं, का जिक्र किया। मांझी ने कहा कि वे 1980 से विधायक रहे हैं और उन्होंने बिहार में ‘जंगलराज’ को करीब से देखा है। उन्होंने तेजस्वी की नेतृत्व क्षमता पर सीधा सवाल उठाते हुए पूछा कि जिस दौर में अपहरण, रंगदारी और हत्याएं आम थीं, उस दौर के युवराज को ‘नायक’ कैसे कहा जा सकता है?

मांझी ने कहा, “इनके परिवार की पहचान भ्रष्टाचार से जुड़ी हुई है, वे लाठी में तेल पिलाने की बात करते थे। उनके शासन में बिहार में कितनी नई इंडस्ट्री लगीं? बिहार की जनता उनके कारनामों को भली-भांति जानती है। बिहार की जनता बदलाव के भ्रम में नहीं आएगी और एनडीए (NDA) प्रचंड बहुमत से सरकार बनाएगी।” उन्होंने तेजस्वी के मुख्यमंत्री बनने के सपने को भी ‘ख्याली पुलाव’ करार दिया।

तेजस्वी ने किया पलटवार

दूसरी ओर, इस बयान पर तेजस्वी यादव ने भी पलटवार किया है। उन्होंने मांझी के बयान पर चुटकी लेते हुए कहा कि “मांझी जी नाराज हों या कोई हो, हमें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। बिहार की जनता इस मौजूदा सरकार से बेहद नाराज और गुस्से में है।” तेजस्वी ने दावा किया कि बिहार बदलाव के लिए बेसब्र है और इस बार जनता नया बिहार बनाने के लिए परिवर्तन चाहती है।

तेजस्वी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह चुनाव नया बिहार बनाने का चुनाव है, और दो दशक की इस सरकार ने बिहार की दो पीढ़ियों को बर्बाद कर दिया है। उन्होंने जनता से केवल 20 महीने का मौका मांगते हुए पढ़ाई, दवाई, कमाई, सिंचाई, सुनवाई और कार्रवाई वाली सरकार बनाने का वादा किया।

दोनों प्रमुख राजनीतिक खेमों के बीच यह आरोप-प्रत्यारोप आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चुनावी माहौल को और गरमा रहा है। देखना होगा कि जनता किसे ‘नायक’ मानती है और किसे ‘नालायक’।

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