देश के 12 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू होगा SIR का दूसरा चरण

चुनाव आयोग की बड़ी घोषणा: मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का दूसरा चरण आज रात से लागू। त्रुटिरहित सूची बनाने पर जोर।

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  • दूसरे चरण की शुरुआत: मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ‘विशेष गहन पुनरीक्षण’ (SIR) के दूसरे चरण की शुरुआत की घोषणा की।
  • नामावली स्थिर (Freeze): 27 अक्टूबर 2025 की मध्यरात्रि से इन 12 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की मतदाता सूचियों को स्थिर (Freeze) कर दिया जाएगा।
  • BLOs का दौरा: मतदाता सूची को त्रुटिरहित बनाने के लिए बूथ लेवल अधिकारी (BLOs) हर घर का तीन बार दौरा करेंगे।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 27 अक्टूबर: भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने देश भर में मतदाता सूचियों को साफ और त्रुटिरहित बनाने के अपने बड़े अभियान को आगे बढ़ाते हुए आज एक अहम घोषणा की है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ‘विशेष गहन पुनरीक्षण’ (Special Intensive Revision – SIR) के दूसरे चरण को शुरू करने का ऐलान किया है। यह चरण 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू किया जाएगा।

किन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में होगा पुनरीक्षण?

CEC ज्ञानेश कुमार ने बताया कि SIR का दूसरा चरण निम्नलिखित 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू होगा:

उत्तर प्रदेश

तमिलनाडु

केरल

पश्चिम बंगाल

छत्तीसगढ़

मध्य प्रदेश

राजस्थान

गुजरात

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह

लक्षद्वीप

पुडुचेरी

दमन और दीव, दादरा और नगर हवेली

यह ध्यान देने योग्य है कि तमिलनाडु, केरल और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य, जहां 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं, उन्हें इस दूसरे चरण में शामिल किया गया है।

पुनरीक्षण क्यों आवश्यक है?

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने SIR की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि मतदाता सूचियों की गुणवत्ता पर राजनीतिक दलों द्वारा लगातार चिंताएं व्यक्त की गई हैं, जो वैध हैं। उन्होंने पुनरीक्षण के कई कारण बताए:

डुप्लिकेट प्रविष्टियाँ: लगातार प्रवासन (Migration) के कारण मतदाताओं का एक से अधिक स्थानों पर पंजीकरण।

अपात्र मतदाताओं का समावेश: मृत मतदाताओं का नाम न हटाया जाना या किसी विदेशी नागरिक का गलती से सूची में शामिल हो जाना।

अंतिम SIR की दूरी: देश में अंतिम व्यापक SIR अभ्यास 2002 से 2004 के बीच हुआ था, यानी 21 साल पहले।

CEC ने कहा कि SIR का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी पात्र मतदाता छूटे नहीं और कोई भी अपात्र मतदाता सूची में न रहे।

पुनरीक्षण की प्रक्रिया और पारदर्शिता

ज्ञानेश कुमार ने SIR के दूसरे चरण के लिए विस्तृत कार्य योजना की रूपरेखा प्रस्तुत की:

नामावली स्थिर: 27 अक्टूबर 2025 की मध्यरात्रि से इन 12 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की मतदाता सूचियों को फ्रीज कर दिया जाएगा।

घर-घर सत्यापन: बूथ लेवल अधिकारी (BLOs) हर घर का तीन बार दौरा करेंगे और अद्वितीय गणना फॉर्म भरवाएंगे। BLOs लगभग 1,000 मतदाताओं के लिए जिम्मेदार होंगे।

पारदर्शिता के लिए निर्देश: सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों और जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे SIR प्रक्रिया की जानकारी देने के लिए अगले दो दिनों के भीतर राजनीतिक दलों के साथ बैठक करें।

यह प्रक्रिया बिहार में SIR के सफल मॉडल पर आधारित है, जहां पहले चरण में लगभग 7.5 करोड़ मतदाताओं ने भाग लिया था और अंतिम मतदाता सूची में 7.42 करोड़ मतदाता शामिल किए गए थे। चुनाव आयोग का लक्ष्य इस अभ्यास को पारदर्शिता और समावेशिता के साथ पूरा करना है।

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