बागियों पर जेडीयू का बड़ा एक्शन: पार्टी अनुशासन पर नीतीश कुमार का सख्त संदेश, 11 नेताओं को दिखाया बाहर का रास्ता

बिहार चुनाव से पहले जेडीयू ने लिया निर्णायक फैसला, बगावत करने वालों पर गिरा गाज, पार्टी ने कहा ‘अनुशासन ही पहचान है’

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  • बिहार चुनाव से पहले जेडीयू ने बागियों पर दिखाई सख्ती, 11 नेताओं को पार्टी से निष्कासित किया।
  • राज्य महासचिव चंदन कुमार सिंह ने जारी किया पत्र, कहा, अनुशासनहीनता किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं।
  • नीतीश कुमार का स्पष्ट संदेश,पार्टी विचारधारा से विचलन बर्दाश्त नहीं होगा।
  • पहले चरण में 57 सीटों पर मैदान में जेडीयू, आधी सीटों पर आरजेडी से सीधी टक्कर।

सामग्र समाचार सेवा
पटना, 26 अक्टूबर: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) ने यह साफ कर दिया है कि संगठन के खिलाफ बगावत किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पार्टी ने अनुशासनहीनता के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक और वरिष्ठ नेताओं सहित 11 बागियों को पार्टी से निष्कासित कर दिया है।

राज्य महासचिव चंदन कुमार सिंह की ओर से जारी पत्र में कहा गया कि इन नेताओं ने पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ निर्दलीय या अन्य रूप में चुनाव लड़कर संगठन की मर्यादा और एकता को नुकसान पहुंचाया है। इस कारण उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से तत्काल प्रभाव से निष्कासित किया जाता है।

🔹 पार्टी का सख्त संदेश

जेडीयू ने साफ कहा है कि पार्टी के सिद्धांत, अनुशासन और संगठन सर्वोपरि हैं। कोई भी नेता या कार्यकर्ता यदि व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के चलते सामूहिक हितों को आघात पहुंचाएगा, तो उस पर यही कार्रवाई दोहराई जाएगी।
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, जेडीयू का यह कदम स्पष्ट संकेत देता है कि पार्टी ‘अनुशासन और एकजुटता की राजनीति’ को ही चुनावी रणनीति का आधार बना रही है।

 

बागियों की सूची

  1. शैलेश कुमार (पूर्व मंत्री, जमालपुर)
  2. संजय प्रसाद (पूर्व विधायक, चकाई)
  3. श्याम बहादुर सिंह (पूर्व एमएलसी, बड़हरिया)
  4. रणविजय सिंह (बड़हरा)
  5. सुदर्शन कुमार (बरबीघा)
  6. अमर कुमार सिंह (साहेबपुर कमाल)
  7. आसमा परवीन (महुआ)
  8. लव कुमार (नवीनगर)
  9. आशा सुमन (कदवा)
  10. दिव्यांशु भारद्वाज (मोतिहारी)
  11. विवेक शुक्ला (जीरादेई)

 

🔹 चुनावी जमीन पर जेडीयू की रणनीति

पहले चरण में जेडीयू 57 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जिनमें 36 सीटों पर आरजेडी से, 13 पर कांग्रेस से, 7 पर सीपीआई-माले से और 2 पर वीआईपी पार्टी से सीधा मुकाबला है। पार्टी को उम्मीद है कि मजबूत संगठन और साफ छवि के दम पर वह अपनी स्थिति और बेहतर करेगी।

🔹 एनडीए की एकजुटता पर जोर

एनडीए ने पहले ही सीट बंटवारे का फार्मूला तय कर दिया है — बीजेपी और जेडीयू 101-101 सीटों पर, एलजेपी (रामविलास) 29 सीटों पर और हम व आरएलएम 6-6 सीटों पर मैदान में हैं।
पहला चरण 6 नवंबर को, दूसरा चरण 11 नवंबर को और मतगणना 14 नवंबर को होगी।

🔹 राजनीतिक संदेश

जेडीयू का यह कदम न केवल बागियों के लिए चेतावनी है, बल्कि कार्यकर्ताओं के लिए अनुशासन और नेतृत्व के प्रति निष्ठा का संदेश भी है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में पार्टी यह दिखाना चाहती है कि संगठन की एकता ही चुनावी सफलता की कुंजी है।

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