पीएम मोदी की रैली में बड़ा राजनीतिक संदेश: चिराग ने छूए नीतीश के पैर
समस्तीपुर की जनसभा में दिखा एनडीए की एकजुटता का भावुक पल; पीएम मोदी की मौजूदगी में दशकों पुरानी तल्खी हुई दूर।
- भावुक पल: समस्तीपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी रैली के दौरान चिराग पासवान ने मंच पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैर छूकर आशीर्वाद लिया।
- गिले-शिकवे दूर: 2020 विधानसभा चुनाव के बाद से दोनों नेताओं के बीच चल रही राजनीतिक तल्खी को इस दृश्य ने खत्म कर दिया, जो एनडीए की मजबूत एकजुटता को दर्शाता है।
- पीएम मोदी की प्रशंसा: रैली में पीएम मोदी ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में सुशासन की शुरुआत का जिक्र किया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि नीतीश कुमार ही गठबंधन का चेहरा हैं।
समग्र समाचार सेवा
समस्तीपुर, 26 अक्टूबर: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए चुनावी बिगुल बज चुका है और इसी बीच राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की एकता का एक बड़ा और भावुक संदेश समस्तीपुर की धरती से पूरे बिहार को मिला है। शुक्रवार, 24 अक्टूबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की समस्तीपुर रैली में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने सार्वजनिक रूप से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया। इस दृश्य को एनडीए की बढ़ती एकजुटता और गठबंधन के भीतर से सभी गिले-शिकवों के पूरी तरह दूर होने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।
मंच पर मेल-मिलाप: राजनीतिक तनाव हुआ खत्म
यह क्षण उस समय आया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंच पर पहुंचे। वर्षों से नीतीश कुमार के मुखर विरोधी रहे चिराग पासवान तुरंत आगे बढ़े, झुककर उनके पैर छुए और उनका आशीर्वाद लिया। नीतीश कुमार ने भी मुस्कुराते हुए चिराग को गले लगाया। 2020 के विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ के नारे के साथ जदयू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था, जिससे जदयू को भारी नुकसान हुआ था। राजनीतिक गलियारों में इस दुश्मनी की चर्चा लगातार बनी हुई थी, लेकिन समस्तीपुर रैली में चिराग के इस कदम ने सभी अटकलों पर विराम लगा दिया।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में हुई यह घटना न केवल NDA की मजबूती को दर्शाती है, बल्कि यह भी संकेत देती है कि चिराग पासवान अब पूरी तरह से नीतीश कुमार के नेतृत्व को स्वीकार कर चुके हैं, जो आगामी विधानसभा चुनावों के लिए गठबंधन की रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
पीएम मोदी ने भी दिया बड़ा संदेश
समस्तीपुर में जननायक कर्पूरी ठाकुर के पैतृक गांव कर्पूरी ग्राम का दौरा करने के बाद रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गठबंधन की एकजुटता को मजबूत किया। उन्होंने अपने भाषण में नीतीश कुमार की प्रशंसा करते हुए कहा कि 2005 का वह अक्टूबर महीना ही था जब बिहार ने ‘जंगलराज’ से मुक्ति पाई थी और नीतीश कुमार के नेतृत्व में सुशासन की शुरुआत हुई थी।
पीएम मोदी ने स्पष्ट किया, “इस बार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए जीत के अपने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ देगा।” प्रधानमंत्री का यह बयान न सिर्फ नीतीश कुमार को एनडीए के सीएम फेस के तौर पर स्थापित करता है, बल्कि चिराग पासवान के साथ उनके मेल-मिलाप को एक औपचारिक स्वीकृति भी देता है, जो मतदाताओं के बीच एनडीए की एकता का एक स्पष्ट संदेश लेकर जाता है।
चुनावी मायने और आगे की राह
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर, इस राजनीतिक घटनाक्रम के बड़े मायने हैं। एनडीए अब पूरी एकजुटता के साथ चुनाव मैदान में उतरने को तैयार है। चिराग पासवान का नीतीश कुमार के प्रति सम्मान दिखाना, और बदले में पीएम मोदी द्वारा नीतीश कुमार के नेतृत्व को मजबूत करना, बिहार के वोटरों को यह विश्वास दिलाएगा कि गठबंधन में अब कोई आंतरिक कलह नहीं है। यह कदम महागठबंधन के लिए एक बड़ी चुनौती है, जिसे अब एक मजबूत और एकजुट विपक्ष का सामना करना होगा।