कर्पूरी ठाकुर के गांव से PM का शंखनाद, 46 साल पुराने आरक्षण विवाद की एंट्री
समस्तीपुर (बिहार): भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर की जन्मस्थली पर मोदी का दौरा और कांग्रेस का जनसंघ पर पलटवार
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अक्टूबर 2025 को समस्तीपुर के कर्पूरीग्राम से बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अपनी पार्टी के चुनावी अभियान का शंखनाद किया।
- कांग्रेस ने PM मोदी के दौरे पर तीखा हमला बोला और 46 साल पुरानी घटना का जिक्र करते हुए जनसंघ (BJP की पूर्ववर्ती) पर कर्पूरी ठाकुर की सरकार गिराने का आरोप लगाया।
- कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने दावा किया कि कर्पूरी ठाकुर द्वारा OBC आरक्षण लागू करने के कारण जनसंघ ने उनकी सरकार का विरोध किया था, यही विरोध आज भी जारी है।
समग्र समाचार सेवा
पटना/समस्तीपुर, 24 अक्टूबर: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (24 अक्टूबर 2025) समस्तीपुर जिले में स्थित पूर्व मुख्यमंत्री और भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर की जन्मस्थली कर्पूरीग्राम का दौरा किया। इस दौरे को NDA के चुनावी अभियान के एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जा रहा है। यह स्थल पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग के लिए एक मजबूत राजनीतिक संदेश का केंद्र माना जाता है। कर्पूरी ठाकुर को पिछले वर्ष केंद्र की NDA सरकार द्वारा ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया था, जिसे BJP एक बड़े सामाजिक न्याय के कदम के रूप में प्रचारित कर रही है।
कर्पूरीग्राम पहुंचने के बाद, प्रधानमंत्री ने समस्तीपुर और बेगूसराय में दो बड़ी चुनावी रैलियों को संबोधित किया, जिसके माध्यम से उन्होंने विपक्ष पर करारा हमला बोलते हुए राज्य के मतदाताओं तक अपना संदेश पहुंचाया। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, पीएम मोदी का यह दौरा बिहार की दलित-पिछड़ी राजनीति में एक महत्वपूर्ण निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है, जिसका मुख्य उद्देश्य अति पिछड़ा वर्ग को NDA के पाले में मजबूती से लाना है। प्रधानमंत्री ने अपनी रैलियों में केंद्र और राज्य सरकार के विकास कार्यों पर ज़ोर दिया और विपक्ष की ‘परिवारवादी’ राजनीति पर निशाना साधा।
46 साल पुरानी घटना पर कांग्रेस का तंज
जहां एक ओर प्रधानमंत्री मोदी कर्पूरी ठाकुर को श्रद्धांजलि दे रहे थे, वहीं कांग्रेस पार्टी ने 46 साल पुरानी एक घटना को याद दिलाकर उन पर पलटवार किया। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान जारी कर कहा कि जिस जनसंघ (जो बाद में भारतीय जनता पार्टी बनी) ने 1979 में कर्पूरी ठाकुर सरकार आरक्षण नीति के विरोध में उनकी सरकार को गिराया था, आज उसी पार्टी के प्रधानमंत्री उनकी जन्मस्थली पर जा रहे हैं।
रमेश ने अपने बयान में तीखे सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “क्या यह सच नहीं है कि जब कर्पूरी ठाकुर ने OBC आरक्षण लागू किया था, तब आरएसएस और जनसंघ ने मिलकर उन्हें परेशान किया था और अंततः उनकी सरकार गिरा दी थी?” कांग्रेस का यह आरोप बिहार की मौजूदा आरक्षण और जातिगत राजनीति के बीच एक नया सियासी तूफान खड़ा कर गया है। कांग्रेस ने स्पष्ट रूप से इस दौरे को राजनीतिक पाखंड करार दिया और कहा कि जो लोग अतीत में सामाजिक न्याय के विरोधी थे, वे आज सिर्फ़ वोट की राजनीति के लिए ‘भारत रत्न’ का नाम इस्तेमाल कर रहे हैं। इस मुद्दे ने पूरे राज्य में राजनीतिक चर्चा को एक नया आयाम दे दिया है।
‘ट्रबल इंजन’ और आरक्षण का वर्तमान विवाद
कांग्रेस ने PM मोदी की सरकार को ‘ट्रबल इंजन सरकार’ बताते हुए आरोप लगाया कि यह सरकार बिहार में SC, ST, OBC और EBC के लिए 65 फीसदी आरक्षण का समर्थन नहीं करती है। जयराम रमेश ने कहा कि इस ‘ट्रबल इंजन’ सरकार ने बिहार में आरक्षण बढ़ाने के लिए कुछ नहीं किया, जबकि तमिलनाडु में कांग्रेस सरकार ने 1994 में ही आरक्षण का कानून लागू कर दिया था। यह बयान बिहार के हालिया आरक्षण वृद्धि और जातिगत सर्वेक्षण के संदर्भ में आया है, जो राज्य की राजनीति का केंद्र बिंदु बना हुआ है।
कांग्रेस ने जातिगत जनगणना की मांग को लेकर भी केंद्र सरकार को घेरा। रमेश ने पूछा, “क्या यह सच नहीं है कि केंद्र ने जातिगत जनगणना की मांग को संसद में खारिज कर दिया और इसकी मांग करने वालों को ‘अर्बन नक्सल’ बताया?” विपक्ष का यह दांव भाजपा के सामाजिक न्याय के दावों को सीधे तौर पर चुनौती दे रहा है और आरक्षण तथा सामाजिक समानता के मुद्दे पर NDA और विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के बीच एक सीधा मुकाबला खड़ा कर रहा है। कांग्रेस का कहना है कि अगर भाजपा वास्तव में कर्पूरी ठाकुर की विरासत का सम्मान करती है, तो उसे 65% आरक्षण का तुरंत समर्थन करना चाहिए।
चुनावी समीकरण और कर्पूरी परिवार की भूमिका
प्रधानमंत्री की रैलियों के साथ ही बिहार का चुनावी माहौल अब चरम पर पहुंच गया है। राज्य में 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में मतदान होना है, जिसके परिणाम 17 नवंबर को आएंगे। इन रैलियों में PM मोदी से यह अपेक्षा थी कि वह विपक्ष के उन सवालों का जवाब देंगे, जिनमें तेजस्वी यादव ने NDA के मुख्यमंत्री पद के चेहरे पर स्पष्टता न होने का मुद्दा उठाया था। PM मोदी ने इंडिया गठबंधन में चल रही अंदरूनी कलह पर भी चुटकी ली और उनके ‘भरोसे’ पर सवाल खड़े किए।
इस बीच, कर्पूरी ठाकुर के परिवार के सदस्य भी चुनावी मैदान में या सक्रिय राजनीति में हैं। उनके बेटे, रामनाथ ठाकुर, केंद्र में मंत्री और राज्यसभा सांसद हैं, जो NDA के प्रमुख चेहरा हैं, जबकि उनकी पोती, जागृति ठाकुर, मोरवा सीट से जनसुराज पार्टी की उम्मीदवार हैं। कर्पूरीग्राम से PM मोदी का चुनावी शंखनाद और उसके बाद कांग्रेस का 46 साल पुराने आरक्षण विवाद को उठाना, यह दर्शाता है कि आगामी बिहार चुनाव में सामाजिक न्याय और आरक्षण का मुद्दा सबसे ऊपर रहने वाला है।