असम में बांग्लादेशी छात्रों-मुस्लिम फैकल्टी पर SIT का शिकंजा

असम पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में बांग्लादेशी छात्रों और मुस्लिम फैकल्टी सदस्यों के बीच संदिग्ध गठजोड़ और कट्टरपंथी इस्लामिक विचारधारा को बढ़ावा देने की गहराई से जांच कर रही है।

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  • असम पुलिस की SIT राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में कट्टरपंथी इस्लामिक विचारधारा को बढ़ावा देने के आरोप में बांग्लादेशी छात्रों और मुस्लिम फैकल्टी के बीच संभावित गठजोड़ की जांच कर रही है।
  • जांच में पता चला है कि कुछ बांग्लादेशी छात्र, जो वैध वीजा पर पढ़ने आए थे, वे जेहादी गतिविधियों को आगे बढ़ाने में शामिल हो सकते हैं।
  • SIT का ध्यान उन संदिग्ध फैकल्टी सदस्यों पर है, जिन पर छात्रों को कट्टरपंथी विचारों की ओर धकेलने और उन्हें संगठित करने में मदद करने का संदेह है।

समग्र समाचार सेवा
गुवाहाटी, 24 अक्टूबर: असम में सुरक्षा एजेंसियां राज्य के कुछ प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में एक संभावित खतरनाक नेटवर्क के खुलासे की दिशा में आगे बढ़ रही हैं। असम पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) को मिली जानकारी के अनुसार, कुछ बांग्लादेशी छात्रों और मुस्लिम फैकल्टी सदस्यों के बीच एक संदिग्ध गठजोड़ काम कर रहा है, जिसका उद्देश्य कट्टरपंथी इस्लामिक विचारधारा को बढ़ावा देना है।

यह जांच तब शुरू हुई जब एजेंसियों को पता चला कि कुछ विदेशी छात्र, जो छात्र वीजा पर भारत आए थे, अपनी शैक्षणिक गतिविधियों से भटक कर जेहादी विचारधारा का प्रचार करने और स्थानीय युवाओं को प्रभावित करने में जुट गए हैं। इन गतिविधियों का केंद्र राज्य के कुछ विश्वविद्यालय और कॉलेज बन गए थे।

संदिग्ध फैकल्टी सदस्य जांच के घेरे में

जांच का एक महत्वपूर्ण पहलू उन फैकल्टी सदस्यों की भूमिका है, जो इस नेटवर्क को शैक्षणिक संस्थानों के भीतर संरक्षण और मार्गदर्शन प्रदान कर रहे थे। SIT का मानना है कि इन फैकल्टी सदस्यों ने अपनी स्थिति का दुरुपयोग करते हुए न केवल इन विदेशी छात्रों को समर्थन दिया, बल्कि स्थानीय मुस्लिम छात्रों के मन में भी कट्टरपंथी विचारों का जहर भरा।

सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, इन फैकल्टी सदस्यों पर छात्रों को संगठित करने, आपत्तिजनक धार्मिक साहित्य वितरित करने, और भारत विरोधी विचारों को बढ़ावा देने का संदेह है। यह एक गंभीर सुरक्षा चिंता है, क्योंकि शिक्षण संस्थान कट्टरपंथी विचारधारा के लिए ‘स्लीपर सेल’ तैयार करने का केंद्र बन सकते हैं।

सुरक्षा के लिए सीमा पार खतरे

असम, जिसकी सीमा बांग्लादेश से लगी हुई है, के लिए इस तरह का सीमा पार गठजोड़ एक बड़ी चुनौती है। जांच एजेंसियां इस बात की भी पड़ताल कर रही हैं कि क्या इस नेटवर्क का संबंध बांग्लादेश स्थित किसी कट्टरपंथी संगठन जैसे जमात-ए-इस्लामी या अन्य जेहादी समूहों से तो नहीं है।

असम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जांच में वीजा नियमों का उल्लंघन, संदिग्ध फंडिंग और सोशल मीडिया पर कट्टरपंथी सामग्री के प्रचार से जुड़े सबूतों को खंगाला जा रहा है। सरकार इस पूरे मामले को राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से देख रही है और किसी भी कीमत पर शैक्षणिक माहौल को दूषित नहीं होने दिया जाएगा। इस जांच से यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि छात्र वीजा का उपयोग भारत में अवैध या देश विरोधी गतिविधियों के लिए न किया जाए। यह कार्रवाई राज्य में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

 

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