‘BJP को तोड़ेंगे नहीं, तब तक छोड़ेंगे नहीं’: डिप्टी CM फेस बनते ही मुकेश सहनी का बड़ा ऐलान

सहनी बोले- साढ़े तीन साल का इंतज़ार खत्म, महागठबंधन के साथ मिलकर करेंगे भाजपा को राज्य से बाहर

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  • बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महागठबंधन के उपमुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित होने के तुरंत बाद विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख मुकेश सहनी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर जोरदार हमला किया।
  • सहनी ने कहा कि उनका साढ़े तीन साल का इंतज़ार आज खत्म हो गया है, और उन्होंने गंगाजल हाथ में लेकर संकल्प लिया है कि “भाजपा को जब तक तोड़ेंगे नहीं, तब तक छोड़ेंगे नहीं।”
  • सहनी ने भाजपा पर उनकी पार्टी तोड़ने और उनके विधायकों की खरीद-फरोख्त करने का आरोप लगाया, जिसके बाद उन्होंने यह तीखा राजनीतिक प्रतिशोध लेने का संकल्प लिया था।

समग्र समाचार सेवा
पटना, 23 अक्टूबर: पटना में गुरुवार को आयोजित महागठबंधन की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, जिसमें उन्हें डिप्टी सीएम फेस घोषित किया गया, मुकेश सहनी ने अपने भाषण का बड़ा हिस्सा भाजपा पर हमला करने में लगाया। उन्होंने भावुक होते हुए कहा, “मैं साढ़े 3 साल से इस घड़ी का इंतजार कर रहा था। अब वो घड़ी आ गई है।”

सहनी का यह बयान उनके पिछले राजनीतिक घटनाक्रमों की ओर इशारा करता है। 2020 विधानसभा चुनाव में VIP ने NDA गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा था और 4 सीटें जीती थीं। हालांकि, बाद में VIP के एक विधायक का निधन हो गया और शेष तीन विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे, जिसके बाद सहनी की पार्टी विधानसभा में विधायक-विहीन हो गई थी।

सहनी ने इस घटना को अपनी पार्टी पर भाजपा द्वारा किया गया हमला माना और उसी समय गंगाजल हाथ में लेकर भाजपा से राजनीतिक प्रतिशोध लेने का संकल्प लिया था। आज, उपमुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित होने के बाद उन्होंने इसे अपने संकल्प की पूर्ति की ओर पहला कदम बताया।

महागठबंधन की एकजुटता और राज्य से भाजपा को हटाने का दावा

मुकेश सहनी ने अपने तीखे बयानों में यह दावा भी किया कि महागठबंधन पूरी तरह से एकजुट और मजबूत है। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य अब केवल चुनाव जीतना नहीं, बल्कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनाना और भाजपा को राज्य की सत्ता से बाहर कर देना है।

सहनी का यह बयान महागठबंधन के लिए मल्लाह, सहनी और निषाद समुदायों के वोटों को एकजुट करने की रणनीति का हिस्सा है। मुकेश सहनी को डिप्टी सीएम चेहरा बनाकर महागठबंधन ने अति-पिछड़ा वर्ग (EBC) के बीच एक मजबूत नेता पेश किया है, जो भाजपा के पारंपरिक EBC वोट बैंक में सेंध लगाने की क्षमता रखता है। सहनी अब तेजस्वी यादव के साथ मिलकर युवा और सामाजिक न्याय के मुद्दे पर चुनावी मैदान में उतरेंगे।

2020 के बाद बदले समीकरण, सहनी का सियासी कद

2020 के बाद मुकेश सहनी की राजनीति में कई उतार-चढ़ाव आए हैं। NDA से बाहर होने और अपनी पार्टी टूटने के बाद, उन्होंने खुद को भाजपा विरोधी खेमे में स्थापित किया। 2025 के चुनाव में उन्हें राजद-कांग्रेस के महागठबंधन में न सिर्फ 15 सीटें मिली हैं, बल्कि उपमुख्यमंत्री पद का चेहरा भी घोषित किया गया है।

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, सहनी का यह नाटकीय उदय बिहार की गठबंधन राजनीति में छोटे दलों के बढ़ते महत्व को दर्शाता है। सहनी के आक्रामक रुख और उनके समुदाय के मजबूत समर्थन को देखते हुए, महागठबंधन ने उन्हें शीर्ष पद देकर एक रणनीतिक दांव खेला है। अब सहनी की ‘तोड़ेंगे नहीं, तब तक छोड़ेंगे नहीं’ की चुनौती पर भाजपा किस तरह पलटवार करती है, यह देखना दिलचस्प होगा।

 

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