तेजस्वी के वादों पर सुधांशु त्रिवेदी- नौकरी के बदले घर ले लेंगे
'वक्फ कानून' पर संविधान को कूड़ेदान में फेंकने का आरोप; 'जीविका दीदी' के वादे पर भी कसा तंज
- बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने राजद नेता तेजस्वी यादव के जीविका दीदियों को स्थायी नौकरी देने के वादे पर पलटवार करते हुए इसे ‘बिहार की जनता के साथ मज़ाक’ बताया।
- त्रिवेदी ने तेजस्वी पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि ‘नौकरी के बदले जमीन’ लेने की तरह ही, उनकी मंशा ‘नौकरी के बदले घर’ लेने की है।
- बीजेपी प्रवक्ता ने तेजस्वी के वक्फ कानून को कूड़ेदान में फेंकने वाले पुराने बयान को लेकर भी हमला बोला और कहा कि विपक्षी गठबंधन संविधान का अनादर कर रहा है
समग्र समाचार सेवा
पटना, 22 अक्टूबर: बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव के चुनावी वादों पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने तीखा हमला बोला है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने तेजस्वी यादव के हालिया वादे, जिसमें उन्होंने जीविका दीदियों को स्थायी सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने और ₹30,000 मासिक वेतन देने की बात कही थी, पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए त्रिवेदी ने कहा, “तेजस्वी जी को बिहार के लोगों के साथ मजाक करना बंद कर देना चाहिए। उनके वादों का असली मतलब यह होता है कि ‘नौकरी के बदले जमीन’ लेने के बाद अब वे ‘नौकरी के बदले आपका घर’ भी ले लेंगे।” यह आरोप लालू परिवार पर लगे ‘जमीन के बदले नौकरी’ घोटाले के संदर्भ में लगाया गया, जिससे राजनीतिक माहौल और गरमा गया है।
महिलाओं के प्रति NDA का व्यवस्थित दृष्टिकोण
तेजस्वी यादव ने जीविका दीदियों को लेकर एनडीए सरकार पर अन्याय करने का आरोप लगाया था। इसके जवाब में सुधांशु त्रिवेदी ने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार द्वारा महिला सशक्तीकरण के लिए किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला।
त्रिवेदी ने कहा, “नीतीश कुमार की सरकार आने के बाद से राज्य में महिला सशक्तीकरण के लिए कई योजनाएं चल रही हैं। ‘हर घर शौचालय’ से लेकर ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’, ‘मुद्रा योजना’, ‘लखपति दीदी’ और ‘ड्रोन दीदी’ जैसी सरकारी योजनाएं हमारी दस साल की सोच का सबूत हैं।” उन्होंने कहा कि एनडीए का महिला सशक्तीकरण के लिए एक व्यवस्थित, सुसंगत और व्यावहारिक दृष्टिकोण है, जबकि विपक्ष के वादे केवल चुनावी जुमले हैं।
वक्फ कानून और ‘संविधान का अनादर’
बीजेपी प्रवक्ता ने तेजस्वी यादव के एक पुराने बयान को लेकर भी हमला किया, जिसमें उन्होंने वक्फ कानून को ‘कूड़ेदान में फेंकने’ की बात कही थी। त्रिवेदी ने इस बयान को गंभीर बताते हुए कहा कि यह विपक्षी गठबंधन की मानसिकता को दर्शाता है।
उन्होंने आरोप लगाया, “पटना के गांधी मैदान में एक रैली में इंडी गठबंधन के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि संसद से पारित एक कानून को कूड़ेदान में फेंक देंगे। इसका अर्थ यह हुआ कि न संसद का सम्मान, न न्यायपालिका का सम्मान।” सुधांशु त्रिवेदी ने यह भी कहा कि वोट बैंक की राजनीति में ये दल संविधान को कूड़ेदान में फेंकने की 50 साल पुरानी मानसिकता से बाहर नहीं निकल पाए हैं। उन्होंने आरजेडी और सपा जैसे दलों पर समाजवाद के नाम पर ‘नमाजवाद’ की राजनीति करने का भी आरोप लगाया।
बिहार की जनता अब फैसला करेगी
त्रिवेदी ने कहा कि बिहार की जनता अब भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण की राजनीति को समझ चुकी है। उन्होंने लालू-राबड़ी शासनकाल के 15 वर्षों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उस समय तो महिलाएं अपनी जीवन और सम्मान की रक्षा के लिए भी संघर्ष करती थीं, आजीविका की बात तो दूर रही।
उन्होंने विश्वास जताया कि आगामी विधानसभा चुनाव में बिहार की जनता एनडीए के राष्ट्रवाद और विकास के रास्ते पर चलेगी, न कि विपक्ष के कठमुल्लापन वाले नमाजवाद के रास्ते पर। यह पलटवार बिहार चुनाव के दौरान तेजस्वी यादव के चुनावी वादों और आरजेडी के पुराने शासनकाल के मुद्दों पर राजनीतिक बहस को और तेज कर देगा।