दिवाली बोनस की जगह ‘सोन पापड़ी’: मज़दूरों का गुस्सा फूटा, मिठाई के डब्बे फेंके

सोनीपत की फैक्ट्री में कर्मचारियों ने बोनस न मिलने पर कंपनी गेट पर फेंकीं मिठाइयाँ; वीडियो वायरल

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  • हरियाणा के सोनीपत स्थित एक फैक्ट्री के कर्मचारियों ने दिवाली बोनस की जगह सोन पापड़ी के डिब्बे मिलने पर ज़ोरदार विरोध प्रदर्शन किया।
  • कर्मचारियों ने नाराज़गी में मिठाई के डिब्बों को कंपनी के गेट पर फेंक दिया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है।
  • कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें उम्मीद के मुताबिक बोनस या कोई अन्य उचित उपहार नहीं दिया गया, जिससे वे निराश हैं।

समग्र समाचार सेवा
सोनीपत (हरियाणा), 22 अक्टूबर: दिवाली का त्योहार नज़दीक है और कंपनियाँ अपने कर्मचारियों को तोहफे और बोनस दे रही हैं। लेकिन, हरियाणा के सोनीपत स्थित गन्नौर की एक फैक्ट्री में कर्मचारियों को दिवाली पर मिली भेंट ने खुशी की जगह निराशा और गुस्सा भर दिया। कर्मचारियों को उम्मीद थी कि उन्हें त्योहार से पहले उचित बोनस या कोई मूल्यवान उपहार मिलेगा, लेकिन जब उन्हें दिवाली के तोहफे के रूप में सोन पापड़ी के छोटे डिब्बे मिले, तो उनका सब्र टूट गया।

यह घटना सोनीपत के गन्नौर की एक औद्योगिक इकाई से जुड़ी है, जहाँ बड़ी संख्या में मज़दूर काम करते हैं। दिवाली से ठीक पहले जब उन्हें उपहार के तौर पर मिठाई के डब्बे दिए गए, तो कई कर्मचारियों ने इसे अपने श्रम और उम्मीदों का मज़ाक समझा।

वायरल वीडियो: नाराज़गी का इजहार

इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तेज़ी से वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि फैक्ट्री से बाहर निकलने वाले कर्मचारी गुस्से में सोन पापड़ी के उन डिब्बों को कंपनी के गेट की ओर फेंक रहे हैं। गेट के पास मिठाई के ढेरों डिब्बे बिखरे हुए नज़र आ रहे हैं, जो कर्मचारियों की गहरी निराशा और अप्रसन्नता को दर्शाते हैं।

कर्मचारियों का कहना है कि साल भर उन्होंने कंपनी के लिए कड़ी मेहनत की, लेकिन बदले में उन्हें एक साधारण मिठाई का डिब्बा थमा दिया गया। मज़दूर वर्ग की इस प्रतिक्रिया को सोशल मीडिया पर व्यापक समर्थन मिल रहा है, जहाँ लोग टिप्पणी कर रहे हैं कि महंगाई के इस दौर में सोन पापड़ी का डिब्बा किसी भी तरह से दिवाली बोनस का विकल्प नहीं हो सकता। कई यूज़र्स ने लिखा कि यह तोहफा कर्मचारियों की आर्थिक ज़रूरतों को पूरा करने में बिल्कुल भी सहायक नहीं है, जबकि कंपनी की कमाई में उनका बड़ा योगदान होता है।

मज़दूरों की मांग और कंपनी की चुप्पी

कर्मचारियों के एक प्रतिनिधि ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वे हर साल दिवाली पर कम से कम उचित बोनस या कुछ नकद राशि की उम्मीद करते हैं, जिससे वे अपने परिवार के लिए दिवाली की खरीदारी कर सकें। उन्होंने आरोप लगाया कि कंपनी ने पिछले कई सालों से बोनस की परंपरा को तोड़ दिया है और इस बार भी केवल औपचारिकता पूरी करने के लिए एक सस्ता उपहार दिया गया है।

नाराज़ कर्मचारियों ने कंपनी से अपील की है कि उनके श्रम का सम्मान करते हुए उन्हें उचित बोनस या कोई उपयोगी भेंट दी जाए। हालांकि, इस घटना पर फिलहाल कंपनी प्रबंधन या फैक्ट्री की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। यह घटना दर्शाती है कि त्योहारों के समय कर्मचारियों की उम्मीदें कितनी ऊँची होती हैं और प्रबंधन द्वारा की गई छोटी-सी अनदेखी भी बड़े विरोध का कारण बन सकती है। यह वायरल वीडियो अब पूरे औद्योगिक जगत में दिवाली बोनस और कर्मचारियों के प्रति सम्मान के मुद्दे पर बहस छेड़ रहा है।

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