बिहार चुनाव 2025: जन सुराज का ‘सुराज संकल्प’; शिक्षा-रोजगार पर फोकस
प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी का घोषणा पत्र जारी; गरीबों के बच्चों को मुफ्त अंग्रेजी शिक्षा और ₹2000 पेंशन का वादा
- प्रशांत किशोर के नेतृत्व वाली जन सुराज पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपना विस्तृत घोषणा पत्र जारी किया, जिसका मुख्य लक्ष्य व्यवस्था परिवर्तन और सुराज स्थापित करना है।
- घोषणा पत्र में शिक्षा, रोजगार और पलायन रोकने पर विशेष जोर दिया गया है, जिसमें सरकारी स्कूलों में सुधार न होने तक गरीबों के बच्चों को निजी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा का वादा शामिल है।
- पार्टी ने बुजुर्गों के लिए ₹2000 मासिक पेंशन और युवाओं के लिए स्थानीय स्तर पर 10-15 हजार रुपये तक का रोजगार सुनिश्चित करने का बड़ा ऐलान किया है।
समग्र समाचार सेवा
पटना, 22 अक्टूबर: चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर (PK) की पार्टी जन सुराज पार्टी (JSP) ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है, जिसे उन्होंने बिहार के ‘सुराज संकल्प’ के रूप में पेश किया है। यह घोषणा पत्र सही लोग, सही सोच और सामूहिक प्रयास के तीन स्तंभों पर आधारित है, जिसका उद्देश्य बिहार को देश के सबसे गरीब और पिछड़े राज्यों की श्रेणी से निकालकर शीर्ष 10 राज्यों में लाना है।
जन सुराज पार्टी का गठन प्रशांत किशोर द्वारा 2 अक्टूबर 2024 को जन सुराज अभियान के माध्यम से किया गया था, जो गांधी जयंती के दिन महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर शुरू किया गया एक व्यापक जन आंदोलन था। इस आंदोलन में प्रशांत किशोर ने राज्य भर में 3500 किलोमीटर से अधिक की पदयात्रा की और 5,000 से अधिक गाँवों का दौरा कर लोगों की समस्याओं को समझा। इसी फीडबैक के आधार पर यह घोषणा पत्र तैयार किया गया है।
शिक्षा: हर बच्चे के लिए ‘विश्वस्तरीय’ अवसर
घोषणा पत्र में शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। प्रशांत किशोर ने बिहार की लचर शिक्षा व्यवस्था पर चिंता व्यक्त करते हुए एक बड़ा और क्रांतिकारी वादा किया है:
निजी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा: जब तक राज्य के सरकारी विद्यालयों की गुणवत्ता में अपेक्षित सुधार नहीं हो जाता, तब तक गरीब परिवारों के बच्चों को निजी (Private) अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में मुफ्त शिक्षा दी जाएगी। बच्चों की फीस का भुगतान जन सुराज सरकार करेगी, ताकि गरीब का बच्चा भी विश्वस्तरीय शिक्षा प्राप्त कर सके।
शिक्षा को राजनीति से मुक्ति: शिक्षा क्षेत्र को भ्रष्टाचार और राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त करने का वादा किया गया है, जिससे शिक्षकों की गुणवत्ता और स्कूलों के बुनियादी ढांचे में सुधार हो सके।
रोजगार और पलायन पर सीधा वार
बिहार से युवाओं का पलायन एक बड़ा चुनावी मुद्दा है, और जन सुराज ने इसे रोकने के लिए ठोस वादे किए हैं:
स्थानीय रोजगार की गारंटी: पार्टी का संकल्प है कि बिहार में उद्योग और व्यापार को बढ़ावा देकर स्थानीय स्तर पर हर युवा को 10,000 से 15,000 रुपये तक का मासिक रोजगार सुनिश्चित किया जाएगा। प्रशांत किशोर ने दावा किया है कि उनकी सरकार बनने पर छठ पर्व के बाद बिहार के युवाओं को पलायन नहीं करना पड़ेगा।
महिलाओं के लिए सस्ता लोन: महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए उन्हें स्वरोजगार शुरू करने हेतु सस्ते ब्याज दर पर सरकारी गारंटी पर बैंक से ऋण (Loan) उपलब्ध कराया जाएगा।
सामाजिक सुरक्षा और किसान कल्याण
जन सुराज के घोषणा पत्र में बुजुर्गों और किसानों को राहत देने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है:
₹2000 मासिक पेंशन: पार्टी ने वादा किया है कि वर्तमान में ₹400 मिल रही वृद्धावस्था पेंशन को दिसंबर 2025 से बढ़ाकर ₹2000 प्रति माह कर दिया जाएगा, जिससे 60 वर्ष से अधिक उम्र के हर पुरुष और महिला को सम्मानजनक जीवन जीने में मदद मिल सके।
किसानों को खेती से जोड़ा मनरेगा: किसानों को उनकी खेती से बेहतर कमाई सुनिश्चित करने के लिए मनरेगा (MGNREGA) योजना को खेती से जोड़ा जाएगा। इससे किसानों को खेती के कार्यों के लिए मुफ्त में मजदूर उपलब्ध हो सकेंगे, जिससे कृषि को बढ़ावा मिलेगा।
प्रशासन और भ्रष्टाचार पर रुख
प्रशांत किशोर ने स्पष्ट किया है कि उनकी पार्टी जाति और धर्म की राजनीति पर नहीं, बल्कि सुशासन (Good Governance) और व्यवस्था परिवर्तन पर केंद्रित है। उन्होंने अपने भाषणों में लालू, नीतीश और मोदी पर तंज कसते हुए कहा है कि मतदाताओं को इन नेताओं के बजाय अपने बच्चों के भविष्य के लिए वोट देना चाहिए।
पार्टी का लक्ष्य है कि भ्रष्टाचार को समाप्त किया जाए और नीति-निर्धारण में समाज के अंतिम व्यक्ति को भागीदार बनाया जाए। यह प्रयास है कि बिहार में राजनीति की योग्यता का स्तर बढ़ाया जाए, और शिक्षित व अनुभवी लोगों को राजनीति में लाया जाए।
जन सुराज पार्टी ने 243 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है और अब तक 116 से अधिक उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है, जिनमें कई पेशेवर चेहरे, जैसे गणितज्ञ, सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और चिकित्सक शामिल हैं, जो बिहार की राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ने का दावा करते हैं।