बिहार महागठबंधन में ‘सीट कलह’ पर गहलोत: ‘5-10 सीटों पर विवाद कोई बड़ी बात नहीं’

डैमेज कंट्रोल के लिए पटना पहुंचे वरिष्ठ कांग्रेस नेता; तेजस्वी और लालू से हुई मुलाकात

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  • कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और बिहार चुनाव के लिए पार्टी के वरिष्ठ पर्यवेक्षक अशोक गहलोत ने महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर चल रहे विवाद को ‘मामूली’ करार दिया है।
  • गहलोत ने कहा कि 243 सीटों वाले इतने बड़े गठबंधन में 5 से 10 सीटों पर असहमति या ‘फ्रेंडली फाइट’ होना कोई बड़ी बात नहीं है, और यह लोकतांत्रिक उत्साह का हिस्सा है।
  • उन्होंने लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव से मुलाकात के बाद विश्वास जताया कि गठबंधन में सभी काम बहुत अच्छे से चल रहे हैं और एक-दो दिन के भीतर सभी भ्रम पूरी तरह दूर हो जाएंगे।

समग्र समाचार सेवा
पटना, 22 अक्टूबर: बिहार विधानसभा चुनाव की नामांकन प्रक्रिया समाप्त होने के बाद भी, विपक्षी महागठबंधन में सीटों के बंटवारे और ‘विद्रोही’ उम्मीदवारों के मैदान में उतरने को लेकर जारी खींचतान चर्चा का विषय बनी हुई है। इस ‘सीट कलह’ को सुलझाने और डैमेज कंट्रोल के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत बुधवार को पटना पहुंचे।

पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत में गहलोत ने महागठबंधन में आरजेडी, कांग्रेस और वाम दलों के बीच कई सीटों पर ‘आपसी टकराव’ की खबरों को तवज्जो न देते हुए गठबंधन की एकता को मजबूत बताया। उन्होंने कहा, “इतने बड़े गठबंधन में 5-6 सीटों पर विवाद कोई बड़ी बात नहीं है। यह किसी भी राज्य में गठबंधन होने पर हो सकता है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि मीडिया में इसे जरूरत से ज्यादा बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जा रहा है।

तेजस्वी से सकारात्मक वार्ता, कल होगा ‘सब साफ’

गहलोत ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से उनके आवास पर मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद गहलोत ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उनकी लालू जी और तेजस्वी जी से बहुत अच्छी बातचीत हुई है। उन्होंने कहा, “तमाम काम बहुत अच्छे से चल रहे हैं। 5-7 सीटों पर फ्रेंडली फाइट है, और एक-दो दिन में जो भी भ्रम है, वह पूरी तरह दूर हो जाएगा।”

गहलोत ने यह भी संकेत दिया कि गुरुवार (23 अक्टूबर) को महागठबंधन की ओर से संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की जा सकती है, जिसमें गठबंधन की एकता को प्रदर्शित किया जाएगा और सभी भ्रमों को दूर किया जाएगा। उन्होंने ‘फ्रेंडली फाइट’ को स्थानीय परिस्थितियों और कार्यकर्ताओं के उत्साह का नतीजा बताया, न कि गठबंधन की कमजोरी।

NDA के खिलाफ मजबूत लड़ाई का दावा

कांग्रेस नेता गहलोत ने स्पष्ट किया कि महागठबंधन का मुख्य लक्ष्य राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के खिलाफ एकजुट होकर मजबूती से चुनाव लड़ना है। उन्होंने कहा कि गठबंधन का ध्यान बिहार की जनता के भविष्य पर है और वे जनता के मुद्दों जैसे बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार को लेकर चुनाव लड़ेंगे।

बता दें कि बिहार की कुल 243 विधानसभा सीटों में से महागठबंधन के घटक दलों ने कुल 254 उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कम से कम 11 सीटों पर घटक दल एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं। इनमें आरजेडी बनाम कांग्रेस और कांग्रेस बनाम सीपीआई के मुकाबले प्रमुख हैं। अशोक गहलोत की इस यात्रा को इसी आंतरिक खींचतान को खत्म करने की अंतिम कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है, ताकि गठबंधन एकजुटता के साथ चुनावी मैदान में उतर सके।

 

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