INS विक्रांत पर पीएम मोदी की दिवाली: ‘आपके बीच बिताई रात संतोष की नींद थी’
नौसेना कर्मियों के बीच रात बिताकर प्रधानमंत्री ने 'आत्मनिर्भर भारत' को सराहा, 'ऑपरेशन सिंदूर' की याद दिलाई
- INS विक्रांत पर दिवाली: प्रधानमंत्री मोदी ने नौसेना के बहादुर जवानों के साथ आईएनएस विक्रांत पर दिवाली मनाई और उनके साथ रात बिताकर उनके समर्पण को महसूस किया।
- ‘संतोष की नींद’: पीएम मोदी ने जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि उनके परिश्रम और तपस्या को देखकर उन्हें ‘संतोष की नींद’ आई, जो उनके लिए अविस्मरणीय अनुभव था।
- आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक: प्रधानमंत्री ने आईएनएस विक्रांत को ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ की भावना का प्रतीक बताया, और ऑपरेशन सिंदूर में नौसेना की शक्ति को सराहा।
समग्र समाचार सेवा
गोवा/करवार, 21 अक्टूबर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस वर्ष भी अपनी परंपरा को निभाते हुए दिवाली का पावन पर्व देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले जाँबाज़ जवानों के बीच मनाया। इस बार उन्होंने गोवा और करवार तट पर स्थित भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) पर नौसेना कर्मियों के साथ दिवाली मनाई और रात भी बिताई। इस दौरान उन्होंने जवानों के उत्साह, त्याग और देश की आत्मनिर्भरता की भावना को सलाम किया।
आईएनएस विक्रांत: वीरता और आत्मनिर्भरता का विशाल प्रतीक
प्रधानमंत्री मोदी ने आईएनएस विक्रांत पर नौसेना कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह विमानवाहक पोत सिर्फ एक युद्धपोत नहीं है, बल्कि 21वीं सदी के भारत की प्रतिभा, मेहनत और संकल्प का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि विक्रांत का नाम सुनते ही दुश्मन की हिम्मत टूट जाती है।
पीएम मोदी ने याद दिलाया कि जब इस स्वदेशी युद्धपोत को राष्ट्र को समर्पित किया गया था, तभी नौसेना ने औपनिवेशिक विरासत के एक बड़े प्रतीक को छोड़कर छत्रपति शिवाजी महाराज से प्रेरित एक नया ध्वज अपनाया था। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि देश की सेनाओं के लिए आत्मनिर्भर होना आवश्यक है, और पिछले एक दशक में रक्षा उत्पादन तीन गुना से अधिक बढ़ा है।
“समुद्र का सूर्योदय… दीये जैसी चमक”
प्रधानमंत्री मोदी ने नौसेना के जवानों के बीच रात बिताने के अपने अनुभव को भावुकता के साथ साझा किया। उन्होंने कहा, “मैंने कल थोड़ा जल्दी सोया, जो मैं आमतौर पर नहीं करता। जल्दी सोने का कारण भी यही था कि पूरे दिन आपको देखने के बाद, मेरे भीतर जो संतोष का भाव था, वो मेरी अपनी नींद नहीं, बल्कि संतोष की नींद थी।”
उन्होंने समुद्र में बिताई रात और सुबह के सूर्योदय का ज़िक्र करते हुए कहा, “आज, एक तरफ मेरे पास अनंत क्षितिज, अनंत आकाश है, और दूसरी तरफ अनंत शक्तियों का प्रतीक यह विशालकाय आईएनएस विक्रांत है। समुद्र के पानी पर सूर्य की किरणों की चमक, बहादुर सैनिकों द्वारा जलाए गए दिवाली के दीयों जैसी है।” उन्होंने इस अनुभव को शब्दों से परे बताया और कहा कि वह जवानों के समर्पण को पूरी तरह जी तो नहीं पाए, लेकिन जान जरूर पाए।
ऑपरेशन सिंदूर और जवानों का शौर्य
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारतीय सशस्त्र बलों के समन्वय और वीरता की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि तीनों सेनाओं के असाधारण तालमेल ने ही पाकिस्तान को कम समय में झुकने पर मजबूर कर दिया था। उन्होंने विशेष रूप से नौसेना कर्मियों द्वारा प्रस्तुत देशभक्ति गीतों की सराहना की, जिसमें ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता का वर्णन किया गया था।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत का लक्ष्य जल्द ही दुनिया के शीर्ष रक्षा निर्यातकों में शामिल होना है। उन्होंने ब्रह्मोस मिसाइल जैसी स्वदेशी रक्षा इकाइयों की वैश्विक मांग बढ़ने पर खुशी जताई और इस परिवर्तन में रक्षा स्टार्टअप्स की भूमिका को सराहा।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में देश के हर नागरिक को आईएनएस विक्रांत की वीरभूमि से दिवाली की शुभकामनाएं दीं और जवानों के परिवारों के त्याग को नमन किया।