पीएम मोदी का देशवासियों से बड़ा आह्वान: ‘गर्व से कहो ये स्वदेशी है!’

त्योहारी सीजन में स्वदेशी अपनाकर 140 करोड़ भारतीयों की मेहनत का जश्न मनाएं: प्रधानमंत्री

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  • उत्पाद भारत में बने हों: पीएम मोदी ने आग्रह किया है कि त्योहारों के दौरान उपहार, पहनावा, सजावट और रोशनी सब कुछ ‘भारत में बने’ सामान से ही होना चाहिए।
  • आर्थिक देशभक्ति: स्वदेशी सामान खरीदना केवल खरीदारी नहीं, बल्कि एक तरह की ‘आर्थिक देशभक्ति’ है, जिससे देश का पैसा देश में ही रहेगा और स्थानीय कारीगरों को रोजगार मिलेगा।
  • दुकानदारों से अपील: उन्होंने देश के व्यापारियों और दुकानदारों से भी केवल स्वदेशी उत्पाद बेचने का संकल्प लेने की अपील की, ताकि ‘विकसित भारत’ का सपना साकार हो सके।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 20 अक्टूबर: दीपावली (Diwali 2025) के पावन अवसर से ठीक पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर देशवासियों से ‘वोकल फॉर लोकल’ के मंत्र को अपने जीवन का हिस्सा बनाने का भावुक और सशक्त आह्वान किया है। उन्होंने हर भारतीय से अपील की है कि वे इस त्योहारी सीजन में केवल स्वदेशी उत्पाद ही खरीदें और गर्व के साथ कहें: “गर्व से कहो ये स्वदेशी है!”।

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के माध्यम से 140 करोड़ भारतीयों की मेहनत, रचनात्मकता और इनोवेशन का जश्न मनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि जो भी खरीदा जाए, उसे सोशल मीडिया पर शेयर भी किया जाए, ताकि अन्य लोग भी स्वदेशी उत्पादों को खरीदने के लिए प्रेरित हों। प्रधानमंत्री की यह अपील देश को आत्मनिर्भर बनाने और स्थानीय कारीगरों को समर्थन देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

स्वदेशी क्यों है विकसित भारत का रास्ता?

प्रधानमंत्री मोदी ने कई मौकों पर स्पष्ट किया है कि स्वदेशी का मंत्र केवल भावनात्मक अपील नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की नींव है। उनका मानना है कि जब देश का हर नागरिक गर्व के साथ भारतीय उत्पादों का उपयोग करेगा, तभी हम वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं का मुकाबला कर पाएंगे और तेजी से विकसित हो सकेंगे।

रोजगार सृजन: जब हम स्थानीय कारीगरों, छोटे उद्योगों और दुकानदारों से सामान खरीदते हैं, तो यह पैसा सीधे देश की अर्थव्यवस्था और गरीब कल्याण की योजनाओं में लगता है। इससे लाखों नौजवानों को उनके ही देश में रोजगार मिलता है।

गांधी की भावना का विस्तार: पीएम मोदी ने याद दिलाया कि महात्मा गांधी ने स्वदेशी को आजादी का माध्यम बनाया था। अब हमें स्वदेशी को विकसित भारत का माध्यम बनाना है। आजादी के अमृत काल में यह भावना हर नागरिक की जिम्मेदारी है।

कारीगरों का सम्मान: प्रधानमंत्री ने बढ़ई, लुहार, सुनार, कुम्हार और शिल्पकारों को देश की समृद्धि का आधार बताया। उन्होंने कहा कि विश्वकर्मा योजना जैसी पहल इन्हीं वर्गों को सशक्त बनाने के लिए लाई गई है, और स्वदेशी खरीद से उनके परिश्रम का सम्मान होगा।

सोशल मीडिया पर दिखा अपील का असर

पीएम मोदी की अपील का असर तुरंत सोशल मीडिया पर दिखाई दिया, जहाँ कई अभिनेताओं, अभिनेत्रियों और गायकों ने स्वदेशी उत्पाद खरीदते हुए सेल्फी साझा की। मशहूर हस्तियों ने ‘गर्व से कहो, ये स्वदेशी है’ का नारा देते हुए अपने फॉलोअर्स को भी स्थानीय उत्पाद खरीदने के लिए प्रेरित किया।

व्यापारी संगठनों का समर्थन: कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) जैसे देश के प्रमुख व्यापारी संगठनों ने इस अभियान का जोरदार समर्थन किया है। उन्होंने देश भर में ‘भारतीय सामान, हमारा स्वाभिमान’ नामक राष्ट्रीय अभियान चलाकर केवल भारतीय उत्पादों को बढ़ावा देने का संकल्प लिया है।

त्योहारी बूम: धनतेरस पर देशभर में हुई रिकॉर्ड खरीदारी में भी स्वदेशी उत्पादों के प्रति लोगों का रुझान साफ देखा गया, जिसने यह साबित किया कि प्रधानमंत्री का ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान अब एक जन आंदोलन बन चुका है।

पीएम मोदी का यह आह्वान न केवल भारतीयों को खरीदारी के लिए प्रेरित कर रहा है, बल्कि उन्हें अपनी संस्कृति और कारीगरी पर गर्व करने का मौका भी दे रहा है, जो 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य के लिए महत्वपूर्ण है।

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