गुजरात में CM भूपेंद्र पटेल कैबिनेट 3.0 का गठन: 25 मंत्रियों ने ली शपथ
हर्ष सांघवी बने डिप्टी सीएम; 19 नए चेहरे शामिल, जातिगत और क्षेत्रीय संतुलन साधा गया
- उपमुख्यमंत्री पद की शुरुआत: पहली बार उपमुख्यमंत्री का पद सृजित किया गया है, जिस पर युवा नेता हर्ष सांघवी ने शपथ ली।
- वृहद सामाजिक प्रतिनिधित्व: मंत्रिमंडल में पटेल (8), ओबीसी (8), एससी (3), एसटी (4) के साथ 3 महिलाओं को शामिल कर व्यापक सामाजिक संतुलन सुनिश्चित किया गया है।
- पुराने दिग्गजों की वापसी: जीतूभाई वाघाणी और पुरुषोत्तम सोलंकी जैसे अनुभवी नेताओं ने भी कैबिनेट मंत्री के रूप में वापसी की है।
समग्र समाचार सेवा
गांधीनगर, 18 अक्टूबर: गुजरात की राजनीति में बड़ा फेरबदल करते हुए, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में आज राजभवन में नए मंत्रिमंडल (कैबिनेट 3.0) का गठन किया गया। मुख्यमंत्री पटेल को छोड़कर राज्य के सभी 16 मंत्रियों के इस्तीफे के एक दिन बाद यह कदम उठाया गया। इस शपथ ग्रहण समारोह में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल हुए।
इस मंत्रिमंडल विस्तार में कुल 25 विधायकों को मंत्री बनाया गया है, जिनमें से 19 एकदम नए चेहरे हैं। इस पुनर्गठन को आगामी स्थानीय निकाय चुनावों और 2027 विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए, प्रशासन में नई ऊर्जा भरने और ग्राउंड रिपोर्ट के आधार पर असंतोष को दूर करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
कैबिनेट 3.0 में कौन-कौन शामिल?
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व वाली नई कैबिनेट में कुल 25 मंत्रियों को शामिल किया गया है, जिन्होंने आज पद और गोपनीयता की शपथ ली।
| मंत्री का नाम | प्रमुख भूमिका | महत्वपूर्ण बिंदु |
| हर्ष सांघवी | उपमुख्यमंत्री | युवा नेतृत्व, पहले गृह राज्य मंत्री थे। |
| जीतूभाई वाघाणी | कैबिनेट मंत्री | अनुभवी चेहरा, पुरानी कैबिनेट में शिक्षा मंत्री थे। |
| परसोतम सोलंकी | कैबिनेट मंत्री | कोली समुदाय का बड़ा चेहरा, अनुभवी नेता। |
| ऋषिकेश पटेल | कैबिनेट मंत्री | वरिष्ठ पाटीदार नेता। |
| कनु देसाई | कैबिनेट मंत्री | पिछली कैबिनेट में वित्त मंत्री थे। |
| कुँवरजीभाई बावलिया | कैबिनेट मंत्री | ओबीसी (कोली) समुदाय का महत्वपूर्ण प्रतिनिधित्व। |
| अर्जुन मोढवाडिया | कैबिनेट मंत्री | वरिष्ठ नेता। |
| कांति अमृतिया | कैबिनेट मंत्री | मोरबी पुल दुर्घटना के दौरान मदद के लिए चर्चित। |
| प्रफुल्ल पैंसेरिया | मंत्री | नया युवा चेहरा। |
| प्रद्युम्न वाज | मंत्री | नया चेहरा। |
| नरेश पटेल | मंत्री | नया चेहरा, पटेल समुदाय का प्रतिनिधित्व। |
| पीसी बरंडा | मंत्री | आदिवासी (ST) समुदाय का प्रतिनिधित्व। |
| कौशिक वेकारिया | मंत्री | नया चेहरा। |
| दर्शनाबेन वाघेला | मंत्री | महिला एवं नया चेहरा। |
| रीवा बा जाडेजा | मंत्री | महिला एवं नया चेहरा, क्षेत्रीय संतुलन का हिस्सा। |
| डॉ.जयराम गामित | मंत्री | आदिवासी (ST) समुदाय का प्रतिनिधित्व। |
| त्रिकमभाई छंगा | मंत्री | नया चेहरा। |
| ईश्वरसिंह पटेल | मंत्री | अनुभवी चेहरा। |
| मनीषा वकील | मंत्री | महिला एवं अनुसूचित जाति (SC) का प्रतिनिधित्व। |
| प्रवीण माली | मंत्री | नया चेहरा। |
| स्वरूपजी ठाकोर | मंत्री | नया चेहरा। |
| संजयसिंह महीडा | मंत्री | नया चेहरा। |
| कमलेश पटेल | मंत्री | नया चेहरा। |
| रमन सोलंकी | मंत्री | नया चेहरा। |
| रमेश कटारा | मंत्री | आदिवासी (ST) समुदाय का प्रतिनिधित्व। |
कैबिनेट बदलने के पीछे का कारण
गुजरात विधानसभा में 182 सदस्य हैं और सीएम भूपेंद्र पटेल ने 12 दिसंबर, 2022 को दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। पूरा मंत्रिमंडल बदलने के मुख्य कारणों में शामिल हैं:
ग्राउंड रिपोर्ट: माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की लोकप्रियता बरकरार है, लेकिन कई मंत्रियों की ग्राउंड रिपोर्ट संतोषजनक नहीं थी। जनमानस में मंत्रियों के प्रति असंतोष को दूर करने के लिए यह बड़ा बदलाव किया गया।
स्थानीय निकाय चुनाव: राज्य में जल्द ही स्थानीय निकाय चुनाव होने वाले हैं। इस फेरबदल के जरिए पार्टी ने जातिगत, क्षेत्रीय और अनुभव के सभी समीकरणों को साधकर चुनाव से पहले जनता के बीच एक मजबूत और गतिशील टीम का संदेश दिया है।
संगठनात्मक भूमिकाएँ: जिन मंत्रियों को हटाया गया है, उन्हें जल्द ही संगठन या पार्टी में महत्वपूर्ण और बड़े पद दिए जाने की संभावना है, ताकि उनकी प्रशासनिक ऊर्जा का उपयोग चुनावी तैयारियों में किया जा सके।
पीएम मोदी के साथ हुई थी बड़ी बैठक
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात भाजपा के नेतृत्व (मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष और वरिष्ठ नेताओं) के साथ एक लंबी बैठक की थी। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में कैबिनेट विस्तार के साथ-साथ संगठन में नए चेहरों को शामिल करने पर गहन चर्चा हुई थी। प्रधानमंत्री मोदी ने नए चेहरों को कार्यभार संभालने के तुरंत बाद दिवाली की शुभकामनाएं देने और गुजरात के लोगों से सीधे जुड़ने का निर्देश दिया था, जो इस बदलाव के पीछे केंद्रीय नेतृत्व के विजन को दर्शाता है।