भारत-ब्रिटेन का ऐतिहासिक सैन्य अभ्यास: हिंद महासागर में बढ़ा गहरा रक्षा तालमेल
INS विक्रांत और HMS प्रिंस ऑफ वेल्स ने किया पहला संयुक्त कैरियर स्ट्राइक ग्रुप अभ्यास 'कोंकण'; ₹350 मिलियन पाउंड के दो बड़े रक्षा सौदे
- HMS प्रिंस ऑफ वेल्स के नेतृत्व में यूके कैरियर स्ट्राइक ग्रुप ने INS विक्रांत के साथ मिलकर ‘अभ्यास कोंकण‘ में भाग लिया, जो दोनों देशों के कैरियर स्ट्राइक ग्रुप्स का पहला संयुक्त अभ्यास था।
- इस यात्रा के साथ ही भारत और ब्रिटेन के बीच दो बड़े रक्षा समझौते हुए, जिनमें भारतीय सेना के लिए लाइटवेट मल्टीरोल मिसाइल (LMM) का ₹350 मिलियन पाउंड का सौदा शामिल है।
- अभ्यास और सौदे, ब्रिटेन की रक्षा अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और दोनों देशों के ‘विजन 2035′ को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं।
समग्र समाचार सेवा
मुंबई/गोवा, 17 अक्टूबर: भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच रणनीतिक साझेदारी ने एक नया मील का पत्थर छुआ है। ब्रिटेन के शक्तिशाली कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (CSG25) ने अपनी आठ महीने की ‘ऑपरेशन हाईमास्ट‘ तैनाती के तहत हाल ही में भारत का सफल दौरा किया। इस दौरान, हिंद महासागर के पश्चिमी तट पर भारतीय सशस्त्र बलों के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास किया गया, जिसने दोनों देशों के बीच क्षेत्रीय सुरक्षा और सहयोग को नई ऊंचाइयों पर पहुँचाया है।
अभ्यास ‘कोंकण‘: दो वाहक समूहों का मिलन
ब्रिटेन के विमानवाहक पोत एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स (HMS Prince of Wales) और उसके सहयोगी जहाज़ों ने भारतीय नौसेना के कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के साथ युद्धाभ्यास किया। इस भारतीय समूह का नेतृत्व स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) ने किया।
पश्चिमी हिंद महासागर में आयोजित इस संयुक्त गतिविधि को ‘अभ्यास कोंकण‘ नाम दिया गया। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य दोनों सेनाओं के बीच अंतर-संचालन क्षमता (Interoperability) को विकसित करना और युद्ध कौशल को बढ़ाना था। पहली बार, दोनों देशों के विमानवाहक पोत एक संयुक्त स्ट्राइक ग्रुप प्रारूप में एक साथ संचालित हुए, जो भारत-ब्रिटेन नौसेना संबंधों में एक ऐतिहासिक क्षण है।
कैरियर स्ट्राइक ग्रुप ने भारतीय वायु सेना के साथ भी संयुक्त हवाई अभ्यास किया, जिसने क्षेत्र में दोनों देशों के बीच बढ़ते रणनीतिक तालमेल को और मजबूत किया है।
रक्षा समझौतों से ब्रिटिश व्यवसाय और रोज़गार को बढ़ावा
ब्रिटिश प्रधानमंत्री की पिछली यात्रा के बाद, इस सैन्य अभ्यास के साथ दो महत्त्वपूर्ण रक्षा समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए गए।
लाइटवेट मल्टीरोल मिसाइल (LMM) डील: भारतीय सेना के लिए £350 मिलियन (लगभग ₹3,884 करोड़) का एक नया सौदा किया गया है, जिसके तहत ब्रिटेन में निर्मित लाइटवेट मल्टीरोल मिसाइल (LMM), जिसे ‘मार्टलेट‘ नाम से भी जाना जाता है, भारतीय सेना को मिलेगी। इस सैन्य-औद्योगिक सहयोग से न केवल दोनों देशों की सैन्य क्षमता बढ़ेगी, बल्कि यह ब्रिटेन के उत्तरी आयरलैंड स्थित कारखाने में 700 से अधिक नौकरियों को भी सुरक्षित रखेगा। यह समझौता एक व्यापक जटिल हथियार साझेदारी की दिशा में एक मजबूत कदम है।
नौसेना के लिए इलेक्ट्रिक इंजन: नौसेना के जहाज़ों के लिए इलेक्ट्रिक-संचालित इंजनों पर सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए एक ‘कार्यान्वयन व्यवस्था’ पर भी हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता प्रारंभिक तौर पर £250 मिलियन मूल्य का है, जिसका उद्देश्य समुद्री विद्युत प्रणोदन प्रणालियों के संयुक्त विकास को सुनिश्चित करना है, जिससे भारत की समुद्री ताकत में वृद्धि होगी।
रणनीतिक साझेदारी: सुरक्षा और समृद्धि का इंजन
यूके के रक्षा मंत्री लॉर्ड वर्नोन कोकर ने इस सहयोग पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि कैरियर स्ट्राइक ग्रुप की तैनाती ने यूके सशस्त्र बलों की ताकत और पहुँच को प्रदर्शित किया है। उन्होंने जोर देकर कहा, “यह रणनीतिक साझेदारी हमें घर पर सुरक्षित और विदेशों में मजबूत रहने में मदद करती है, जबकि ये व्यापार लिंक यूके की अर्थव्यवस्था को एक मूल्यवान बढ़ावा देने का वादा करते हैं—जो एक बार फिर प्रदर्शित करता है कि रक्षा विकास का एक इंजन है।”
भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त, लिंडी कैमरन ने भारत को ब्रिटेन के लिए “शीर्ष प्राथमिकता वाला भागीदार” बताया। उन्होंने कहा कि संयुक्त अभ्यास, दोनों प्रधानमंत्रियों द्वारा पुनर्जीवित किए गए मजबूत संबंधों का प्रमाण है, जो ‘विजन 2035′ के तहत तीव्र वैश्विक परिवर्तन के समय में विकास, समृद्धि और सुरक्षा देने पर केंद्रित है।
‘ऑपरेशन हाईमास्ट‘ की यह यात्रा ब्रिटेन की वैश्विक रक्षा महत्वाकांक्षाओं को दर्शाती है, जो 2027 से जीडीपी के 2.6% तक रक्षा खर्च बढ़ाने की सरकारी प्रतिबद्धता पर आधारित है। CSG25 अब हिंद-प्रशांत क्षेत्र से भूमध्य सागर की ओर बढ़ेगा, और वर्ष के अंत तक यूके वापस लौट जाएगा। यह तैनाती वैश्विक सुरक्षा नेटवर्क को मजबूत करने और हिंद-प्रशांत में ब्रिटेन की स्थायी उपस्थिति को रेखांकित करती है।