प्रधानमंत्री मोदी ने विशाखापत्तनम में गूगल AI हब का किया स्वागत: टेक क्रांति का नया केंद्र

आंध्र प्रदेश में $10 बिलियन के निवेश से भारत बनेगा AI हब, पीएम ने युवाओं के लिए रोज़गार के अवसर को बताया गेमचेंजर

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  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशाखापत्तनम में गूगल के नए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) हब की स्थापना का स्वागत किया।
  • गूगल का यह निवेश भारत के डिजिटल इकोसिस्टम और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को मज़बूती देगा।
  • यह हब आंध्र प्रदेश के युवाओं के लिए हाई-टेक रोज़गार के अवसर पैदा करेगा और नवाचार को बढ़ावा देगा।

समग्र समाचार सेवा
विशाखापत्तनम, 15 अक्टूबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एक प्रमुख घोषणा करते हुए विशाखापत्तनम में गूगल के अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) हब की स्थापना का गर्मजोशी से स्वागत किया। यह घोषणा भारत के प्रौद्योगिकी परिदृश्य के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ मानी जा रही है, जो देश को वैश्विक AI महाशक्ति के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। माना जा रहा है कि गूगल का यह निवेश भारत में उसकी डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पहल को मज़बूती देने के लिए $10 बिलियन की व्यापक प्रतिबद्धता का हिस्सा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आधिकारिक बयान में इस बात पर ज़ोर दिया कि यह AI हब केवल एक निवेश नहीं है, बल्कि यह ज्ञान, नवाचार और भविष्य की प्रौद्योगिकी के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा, “गूगल का यह निर्णय ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ के हमारे दृष्टिकोण में एक नया अध्याय जोड़ता है। विशाखापत्तनम अब केवल एक बंदरगाह शहर नहीं रहेगा, बल्कि यह भारत के तकनीकी भविष्य का प्रवेश द्वार बनेगा।”

आंध्र प्रदेश को ‘टेक हब’ बनाने की पहल

यह AI हब विशेष रूप से आंध्र प्रदेश के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है। राज्य सरकार के अधिकारियों ने बताया कि इस हब की स्थापना से क्षेत्र में हाई-टेक रोज़गार के हज़ारों नए अवसर पैदा होंगे, जिससे स्थानीय प्रतिभाओं को अपने गृह राज्य में ही वैश्विक स्तर पर काम करने का मौका मिलेगा। यह कदम आंध्र प्रदेश को दक्षिण भारत के अगले तकनीकी केंद्र के रूप में स्थापित करने की राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के अनुरूप है।

इस केंद्र में AI अनुसंधान, मशीन लर्निंग (ML) विकास, और AI एथिक्स जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। हब का उद्देश्य भारतीय भाषाओं और कृषि, स्वास्थ्य सेवा तथा शिक्षा जैसे स्थानीय क्षेत्रों की चुनौतियों का समाधान करने के लिए स्वदेशी AI समाधान विकसित करना है।

AI हब का उद्देश्य और स्थानीय महत्व

गूगल के भारतीय परिचालन के प्रमुख ने इस अवसर पर कहा कि कंपनी भारत की प्रतिभा और डिजिटल बुनियादी ढाँचे की शक्ति में विश्वास रखती है। उन्होंने बताया कि विशाखापत्तनम को हब के लिए चुना गया क्योंकि यहाँ कुशल इंजीनियरिंग प्रतिभा, समुद्री प्रौद्योगिकी (Marine Technology) में विशेषज्ञता, और एक प्रगतिशील स्टार्टअप इकोसिस्टम मौजूद है।

यह AI हब स्थानीय विश्वविद्यालयों और इंजीनियरिंग संस्थानों के साथ मिलकर काम करेगा। इसमें छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम और AI फेलोशिप शुरू की जाएंगी। इसका लक्ष्य AI के लोकतंत्रीकरण (Democratization of AI) को बढ़ावा देना है, ताकि छोटे उद्यमी और नागरिक समाज संगठन भी AI उपकरणों का उपयोग कर सकें।

वैश्विक प्रतिस्पर्धी कर ढाँचे का लाभ

आर्थिक विश्लेषकों का मानना ​​है कि यह निवेश केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में किए गए कर सुधारों का परिणाम है। प्रतिस्पर्धी कॉर्पोरेट कर दरें, बेहतर ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस’ रैंकिंग और एक स्थिर राजनीतिक माहौल जैसी सुविधाओं ने गूगल जैसी वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनियों को भारत में बड़े पैमाने पर निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया है।

इस AI हब से देश के अन्य औद्योगिक और MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) क्षेत्रों को भी लाभ मिलने की उम्मीद है। AI-संचालित उपकरण और समाधान विनिर्माण (Manufacturing) प्रक्रियाओं को अनुकूलित करने, आपूर्ति श्रृंखला (Supply Chain) प्रबंधन में सुधार लाने और भारत के निर्यात को बढ़ावा देने में सहायक होंगे।

युवाओं के लिए AI-संचालित भविष्य

प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा था कि “AI मानव कल्याण का सबसे बड़ा साधन बन सकता है।” विशाखापत्तनम AI हब की स्थापना इसी दर्शन को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह हब भारतीय युवाओं को AI के क्षेत्र में नेतृत्वकारी भूमिका निभाने के लिए तैयार करेगा।

इस परियोजना के सफल होने से अन्य बहुराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी कंपनियों के लिए भी भारत के टियर-2 और टियर-3 शहरों में निवेश के रास्ते खुलेंगे। यह न केवल आर्थिक विकास को गति देगा, बल्कि भारत को “विश्व की प्रतिभाओं की राजधानी” के रूप में भी स्थापित करेगा।

निष्कर्ष: डिजिटल संप्रभुता की ओर

विशाखापत्तनम में गूगल AI हब का स्वागत भारत के डिजिटल संप्रभुता (Digital Sovereignty) के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक साहसिक कदम है। यह दिखाता है कि भारत अब केवल प्रौद्योगिकी का उपभोक्ता नहीं है, बल्कि एक प्रमुख वैश्विक नवाचार केंद्र बनने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह नया हब AI के माध्यम से एक सशक्त, कुशल और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

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