तालिबानी मंत्री के स्वागत पर भड़के जावेद अख्तर, सरकार और देवबंद पर निशाना
तालिबान नेता आमिर खान मुत्ताकी के भारत दौरे को लेकर दिग्गज गीतकार ने जताई आपत्ति
- गीतकार जावेद अख्तर ने तालिबान नेता और अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी के भारत में हुए गर्मजोशी से स्वागत पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।
- उन्होंने भारत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह स्वागत उन लोगों ने किया है जो हर तरह के आतंकवाद की आलोचना करने की बात करते हैं, जिससे उनका सिर शर्म से झुक गया है।
- जावेद अख्तर ने दारुल उलूम देवबंद की भी कड़ी आलोचना की, जहां मुत्ताकी का स्वागत ‘इस्लामिक हीरो’ की तरह किया गया, जबकि तालिबान लड़कियों की शिक्षा पर प्रतिबंध लगा चुका है।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 14 अक्तूबर: मशहूर गीतकार और लेखक जावेद अख्तर ने अफगान तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी को भारत में मिले स्वागत पर अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया है। मुत्ताकी इस समय 6 दिनों के भारत दौरे पर हैं। 2021 में तालिबान द्वारा अफगानिस्तान की सत्ता संभालने के बाद यह पहला मौका है, जब अफगान सरकार के किसी प्रतिनिधि ने भारत का दौरा किया है।
जावेद अख्तर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए लिखा:
“दुनिया के सबसे खूंखार आतंकवादी समूह तालिबान के प्रतिनिधि को हर तरह के आतंकवादियों के ख़िलाफ़ मंच पर बोलने वालों द्वारा दिए गए सम्मान और स्वागत को देखकर मेरा सिर शर्म से झुक गया। … मेरे भारतीय भाइयों और बहनों! हमारे साथ क्या हो रहा है?”
उन्होंने स्पष्ट रूप से भारत सरकार की ओर से तालिबान प्रतिनिधि को मिले ‘रिसेप्शन’ पर आपत्ति जताई है। जावेद अख्तर का इशारा उन राजनीतिक मंचों की ओर था जहां अक्सर आतंकवाद की आलोचना की जाती है, लेकिन अब उसी समूह के प्रतिनिधि का स्वागत किया जा रहा है।
देवबंद पर भी साधा निशाना: ‘इस्लामिक हीरो’ का स्वागत?
जावेद अख्तर ने सिर्फ सरकार ही नहीं, बल्कि दारुल उलूम देवबंद की भी आलोचना की है। मुत्ताकी ने अपने भारत दौरे के दौरान देवबंद का भी दौरा किया था, जहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया।
इस स्वागत पर आपत्ति जताते हुए अख्तर ने लिखा:
“देवबंद को भी शर्म आनी चाहिए कि उसने अपने ‘इस्लामिक हीरो’ का इस तरह से स्वागत किया। यह ध्यान रखना चाहिए कि तालिबान उन लोगों में से एक है, जिन्होंने लड़कियों की शिक्षा पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है।”
जावेद अख्तर ने लड़कियों की शिक्षा पर तालिबान के प्रतिबंध जैसे प्रमुख मानवाधिकार उल्लंघन के मुद्दे को उठाकर देवबंद के स्वागत पर सवाल खड़ा किया है। उनका मानना है कि जो संगठन महिला शिक्षा के विरोध में है, उसे किसी भी तरह का सम्मान नहीं दिया जाना चाहिए।
पक्ष-विपक्ष: अख्तर की आलोचना पर सवाल
जावेद अख्तर की इस टिप्पणी को सोशल मीडिया पर मिश्रित प्रतिक्रिया मिली है। कई यूजर्स ने तालिबानी मंत्री के स्वागत पर सवाल उठाने के लिए उनकी प्रशंसा की है, वहीं कुछ यूजर्स ने पाकिस्तान के हालिया दौरे को लेकर उन पर सवाल भी उठाए हैं।
एक यूजर ने अख्तर की आलोचना करते हुए लिखा, “आप पाकिस्तान में क्या कर रहे थे, जबकि पाकिस्तान ने हमारे ऊपर 26/11 हमला किया और पुलवामा अटैक कराया? सेलिब्रेशन कर रहे थे ना? अब जब भारत अपने प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ सॉफ्ट पावर का इस्तेमाल कर रहा है तो आपको क्या परेशानी है।”
हालांकि, कई राजनीतिक और सामाजिक विश्लेषकों का मानना है कि तालिबान के साथ कूटनीतिक संबंध स्थापित करना भारत की भू-राजनीतिक मजबूरी हो सकती है, लेकिन तालिबानी मंत्री का सार्वजनिक अभिनंदन और धार्मिक संस्थाओं द्वारा उसका महिमामंडन देश के आतंकवाद विरोधी रुख के खिलाफ है। अख्तर के बयान ने इस संवेदनशील विषय पर एक राष्ट्रीय बहस को जन्म दे दिया है।