ट्रंप के ‘पसंदीदा’ बने भारत के खिलाफ जहर उगलने वाले पाकिस्तानी सेना प्रमुख

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर की खुले मंच से की तारीफ

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  • अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान के सेना प्रमुख (COAS) फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को अपना ‘फेवरेट’ (पसंदीदा) करार दिया है, जबकि मुनीर उस कार्यक्रम में मौजूद नहीं थे।
  • यह तारीफ ऐसे समय में आई है जब आसिम मुनीर ने हाल के दिनों में भारत के खिलाफ तीखे बयान दिए हैं और ट्रंप पहले से ही भारत-पाकिस्तान विवाद सुलझाने का क्रेडिट खुद लेते रहे हैं।
  • इस बीच, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने एक बार फिर ट्रंप को भारत के साथ युद्ध रुकवाने का श्रेय दिया है, जिससे पाकिस्तान और अमेरिका के बीच बढ़ती नजदीकी के संकेत मिल रहे हैं।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 14 अक्टूबर: पाकिस्तान और अमेरिका के बीच बढ़ती नजदीकियां एक बार फिर साफ नजर आ रही हैं। हाल ही में, मिस्र में हुए गाजा शांति शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख, फील्ड मार्शल आसिम मुनीर की खुले मंच से तारीफ की और उन्हें अपना ‘फेवरेट’ करार दिया।

यह घटना तब हुई जब ट्रंप ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया। ट्रंप ने शरीफ को मंच पर बुलाते हुए कहा, “पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शरीफ और मुझे यह कहना होगा कि पाकिस्तान के मेरे फेवरेट फील्ड मार्शल, जो यहां नहीं हैं, लेकिन प्रधानमंत्री यहां हैं।”

यह तारीफ इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि आसिम मुनीर को पाकिस्तान में एक कट्टर भारत विरोधी चेहरा माना जाता है, जिन्होंने अपने कार्यकाल में भारत के खिलाफ कई बार तीखे बयान दिए हैं। ट्रंप ने यह टिप्पणी तब की जब कुछ ही समय पहले उनकी व्हाइट हाउस में शरीफ और मुनीर से मुलाकात हुई थी, और उस दौरान भी उन्होंने पाकिस्तानी सेना प्रमुख की जमकर प्रशंसा की थी।

पाकिस्तान जुटा ट्रंप की तारीफ में

इस कार्यक्रम में, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी अमेरिकी राष्ट्रपति की तारीफों के पुल बांधे। शरीफ ने दावा किया कि राष्ट्रपति ट्रंप के ‘अथक प्रयासों’ के बाद ही पश्चिम एशिया में शांति स्थापित हो पाई है।

ट्रंप ने अब तक भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद समेत सात विवादों को सुलझाने का दावा किया है। उन्होंने इस संख्या को इजरायल-गाजा विवाद को जोड़कर अब आठ कर दिया है।

ट्रंप का दावा: 10 मई को ट्रंप ने सोशल मीडिया पर घोषणा की थी कि अमेरिका की मध्यस्थता से भारत और पाकिस्तान ‘पूर्ण और तत्काल’ संघर्ष विराम पर सहमत हो गए हैं। उन्होंने दर्जनों बार अपने इस दावे को दोहराया है कि उन्होंने दोनों देशों के बीच संघर्ष का ‘समाधान’ करने में मदद की है।

भारत का रुख: हालांकि, भारत ने इस दावे को लगातार खारिज किया है। भारत का स्पष्ट रुख रहा है कि पाकिस्तान के साथ संघर्ष समाप्त करने पर सहमति दोनों सेनाओं के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMO) के बीच सीधी बातचीत के बाद बनी थी, न कि किसी तीसरे देश की मध्यस्थता से।

सेना प्रमुख की बढ़ी अहमियत और भारत पर असर

अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा आसिम मुनीर की सार्वजनिक प्रशंसा पाकिस्तान की सैन्य प्रतिष्ठान के लिए अंतर्राष्ट्रीय समर्थन के रूप में देखी जा रही है। मुनीर को आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाने और क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने के लिए एक मजबूत नेता के रूप में पेश करने की कोशिश की जा रही है।

ट्रंप के इस बयान से पाकिस्तान में यह संदेश जाएगा कि उनका सैन्य नेतृत्व अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण है। हालांकि, भारत के लिए यह घटनाक्रम चिंताजनक हो सकता है। एक ऐसे पाकिस्तानी सेना प्रमुख को अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा ‘पसंदीदा’ बताना, जिसका भारत के प्रति सख्त रुख रहा है, दोनों देशों के बीच संबंधों को साधने में अमेरिका की भूमिका को लेकर सवाल खड़े करता है।

यह घटना दर्शाती है कि वैश्विक भू-राजनीति में समीकरण तेजी से बदल रहे हैं, जहां व्यक्तिगत रिश्ते और कूटनीतिक समर्थन राष्ट्रीय नीतियों पर भारी पड़ सकते हैं।

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