महिला सुरक्षा या महिला पर सवाल? — ममता बनर्जी के बयान ने सोच की सीमाएँ दिखा दीं

दुर्गापुर गैंगरेप केस पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बयान न सिर्फ असंवेदनशील लगा, बल्कि उस सोच को भी उजागर करता है जो पीड़िता से पहले अपराधी को बचाती है।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
  • दुर्गापुर गैंगरेप केस में तीन आरोपी गिरफ्तार, दो अब भी फरार
  • ममता बनर्जी का विवादित बयान  “लड़कियों को रात में बाहर नहीं जाना चाहिए”
  • NCW ने स्वतः संज्ञान लेकर जांच दल भेजा
  • ओडिशा और बंगाल में विरोध प्रदर्शन, दोषियों को फांसी की मांग

समग्र समाचार सेवा
कोलकाता | 12 अक्टूबर: पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर गैंगरेप केस में पुलिस ने अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि दो अभी भी फरार हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने इस मामले पर स्वतः संज्ञान लिया है और जांच दल को दुर्गापुर भेजा है। वहीं, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में लोगों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया है, जहां दोषियों को फांसी देने की मांग की जा रही है।

इस बीच, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मामले पर ऐसा बयान दिया जिसने लोगों को हैरान कर दिया। उन्होंने कहा, “लड़कियों को रात में बाहर नहीं जाना चाहिए।” ममता ने कहा कि यह घटना एक निजी मेडिकल कॉलेज में हुई और “लड़की की सुरक्षा की जिम्मेदारी कॉलेज की थी।”

बनर्जी ने यह भी कहा कि “विशेष रूप से बच्चियों को रात के समय बाहर नहीं जाना चाहिए। उन्हें भी खुद की सुरक्षा करनी चाहिए।” साथ ही उन्होंने बताया कि तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और बाकी की तलाश जारी है।

हालांकि, इस बयान ने महिला स्वतंत्रता और सामाजिक सोच को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

ममता बनर्जी जैसी वरिष्ठ नेता का यह कहना वाकई गंभीर और निराशाजनक है, क्योंकि इस तरह की टिप्पणी अपराधियों को नहीं बल्कि पीड़िताओं को ज़िम्मेदार ठहराती है।

असल बात यह होनी चाहिए कि लड़कों को सिखाया जाए कि वे महिलाओं की मर्यादा का उल्लंघन न करें, न कि लड़कियों को घर में बंद रहने की सलाह दी जाए।

अगर कोई महिला रात में बाहर जाती है, काम करती है या घूमती है, तो इसका मतलब यह नहीं कि उसने कोई गलती की है।
सुरक्षा देना राज्य और समाज दोनों की जिम्मेदारी है, न कि महिला की स्वतंत्रता को सीमित करने का बहाना।

ऐसे बयान सिर्फ महिलाओं की आवाज़ और आज़ादी को कमजोर करते हैं। अपराध पर सख्ती की बात करने से पहले नेताओं को यह समझना होगा कि सुरक्षा सोच से शुरू होती है, और सोच बदलनी ही होगी।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.