हरियाणा IPS आत्महत्या मामले में DGP पर FIR

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  • सीनियर आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार का शव चंडीगढ़ स्थित उनके आवास से मिला, जिसके बाद उनकी पत्नी की शिकायत पर DGP शत्रुजीत सिंह कपूर समेत कई अधिकारियों पर FIR दर्ज हुई।
  • पूरन कुमार के पास से मिले आठ पेज के सुसाइड नोट में सीनियर अफसरों पर जातिगत भेदभाव और मानसिक प्रताड़ना का गंभीर आरोप लगाया गया है।
  • मामले में SC/ST एक्ट के साथ-साथ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराएं लगाई गई हैं; चंडीगढ़ पुलिस ने जांच के लिए डिजिटल सबूत जब्त किए हैं।

समग्र समाचार सेवा
चंडीगढ़, 11 अक्टूबर: चंडीगढ़ में हरियाणा कैडर के एक वरिष्ठ IPS अधिकारी, 52 वर्षीय वाई. पूरन कुमार की संदिग्ध मौत के बाद हड़कंप मच गया है। मंगलवार को चंडीगढ़ के सेक्टर 11 स्थित उनके सरकारी आवास से उनका शव मिला था। इस मामले में, पूरन कुमार की पत्नी और स्वयं वरिष्ठ अधिकारी डॉ. अमनीत पी. कुमार की शिकायत पर हरियाणा के शीर्ष पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। FIR में हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (DGP) शत्रुजीत सिंह कपूर और रोहतक पुलिस प्रमुख नरेंद्र बिजारणिया समेत कुछ अन्य अधिकारियों के नाम शामिल हैं।

एफआईआर चंडीगढ़ के सेक्टर 11 पुलिस थाने में दर्ज की गई है। अधिकारियों पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और 3(5), साथ ही अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम (SC/ST Act) की धारा 3(1)(r) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस घटना ने हरियाणा पुलिस महकमे और प्रशासनिक गलियारों में गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, क्योंकि देश के शीर्ष पुलिस अधिकारी सीधे जांच के दायरे में आ गए हैं।

आठ पेज के सुसाइड नोट में गंभीर आरोप

पूरन कुमार के आवास से बरामद आठ पेज का सुसाइड नोट मामले की गंभीरता को कई गुना बढ़ा देता है। यह नोट टाइप किया गया है और उस पर उनके हस्ताक्षर भी हैं। सुसाइड नोट में उन्होंने विस्तार से बताया है कि उन्हें अगस्त 2020 से लगातार जातिगत भेदभाव और मानसिक उत्पीड़न झेलना पड़ रहा था।

IPS अधिकारी ने आरोप लगाया है कि कुछ सीनियर अधिकारी उनके खिलाफ झूठी, गुमनाम और फर्जी शिकायतें बनवाकर जानबूझकर सर्कुलेट कर रहे थे, जिसका एकमात्र उद्देश्य उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करना था। उन्होंने सिस्टम में अपने साथ हो रहे अपमान और उत्पीड़न को रेखांकित करते हुए लिखा है कि उन्हें जाति के नाम पर बार-बार अपमानित किया गया। इस नोट ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी मौत का कारण व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सेवा के दौरान हुए भयानक मानसिक प्रताड़ना से जुड़ा है।

पत्नी का सीधा आरोप: ‘यह आत्महत्या नहीं, हत्या है’

घटना के समय जापान के ऑफिशियल दौरे पर रहीं डॉ. अमनीत पी. कुमार भारत लौटते ही सीधे पुलिस थाने पहुंचीं और अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने अपनी शिकायत में साफ तौर पर कहा कि उनके पति को सीनियर अधिकारी लगातार टॉर्चर करते रहे। उन्होंने इस घटना को साधारण आत्महत्या मानने से इनकार करते हुए कहा कि “यह आत्महत्या नहीं, बल्कि सिस्टमैटिक परसेक्यूशन (व्यवस्थित उत्पीड़न) का नतीजा है। यह सिस्टमैटिक हत्या है।”

डॉ. अमनीत पी. कुमार ने DGP शत्रुजीत कपूर और अन्य वरिष्ठ IPS अधिकारियों पर आत्महत्या के लिए उकसाने और SC/ST एक्ट के तहत मामला दर्ज करने की मांग की। उन्होंने शुरू में पोस्टमार्टम की अनुमति देने से इनकार कर दिया था और स्पष्ट कहा था कि जब तक आरोपियों पर FIR दर्ज नहीं हो जाती, वे आगे की कार्यवाही नहीं होने देंगी। FIR दर्ज होने के बाद ही पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू हो सकी, जिसने मामले पर राजनीतिक और कानूनी दबाव की स्थिति को उजागर किया है।

CFSL जांच में जुटेगी डिजिटल सबूतों की वैधता

चंडीगढ़ पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। घटनास्थल से पिस्टल, लैपटॉप और मोबाइल फोन समेत कई डिजिटल और भौतिक सबूत जब्त किए गए हैं। इन सभी महत्वपूर्ण सबूतों की जांच के लिए उन्हें सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (CFSL) की टीम को सौंपा गया है।

पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की है कि CFSL की रिपोर्ट आने के बाद सुसाइड नोट की प्रामाणिकता और फायरआर्म की वैधता की पुष्टि की जाएगी। जांच अधिकारी सभी सबूतों का विश्लेषण कर रहे हैं, जिसके आधार पर ही मामले में आगे की कार्रवाई निर्धारित की जाएगी। फिलहाल, आरोपी बनाए गए DGP या अन्य अधिकारियों की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। इस हाई-प्रोफाइल मामले ने हरियाणा पुलिस की आंतरिक कार्यप्रणाली और जातिगत भेदभाव जैसे संवेदनशील मुद्दों को सार्वजनिक बहस के केंद्र में ला दिया है।

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