भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर पर PHD स्कॉलर के गंभीर आरोप
रोहिणी घावरी का दावा: शादी छिपाई, इमोशनल ब्लैकमेल किया, सांसद बनने के बाद तोड़ा रिश्ता
- पीएचडी स्कॉलर डॉ. रोहिणी घावरी ने भीम आर्मी प्रमुख और नगीना सांसद चंद्रशेखर आज़ाद पर यौन उत्पीड़न, शादी छिपाने, और भावनात्मक ब्लैकमेल करने का गंभीर आरोप लगाया है।
- रोहिणी के अनुसार, 2022 के यूपी चुनाव से पहले रिश्ते से पीछे हटने पर चंद्रशेखर ने ‘तुम्हारे बिना मर जाऊंगा’ कहकर उन्हें ब्लैकमेल किया, जबकि सांसद बनने के बाद रिश्ता खत्म कर दिया।
- रोहिणी ने पुलिस पर राजनीतिक दबाव के कारण FIR दर्ज करने में देरी करने का आरोप लगाया है; मामला अब मजिस्ट्रेट के सामने बयान के बाद कोर्ट में आगे बढ़ेगा।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर: भीम आर्मी प्रमुख और उत्तर प्रदेश की नगीना सीट से लोकसभा सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ‘रावण’ एक बड़े विवाद में घिर गए हैं। स्विट्जरलैंड में फ़ेलोशिप प्रोग्राम में रहीं पीएचडी स्कॉलर डॉ. रोहिणी घावरी ने उन पर यौन शोषण, भावनात्मक ब्लैकमेल और विवाह की बात छिपाकर चार साल तक रिश्ते में रहने का सनसनीखेज आरोप लगाया है। रोहिणी घावरी ने दावा किया है कि चंद्रशेखर ने पहले उन्हें शादी का वादा किया और जब वह रिश्ते से पीछे हटीं तो उन्हें आत्महत्या की धमकी देकर वापस आने पर मजबूर किया। हालांकि, सांसद बनने के बाद उन्होंने कथित तौर पर सामाजिक और राजनीतिक कारणों का हवाला देते हुए रिश्ता तोड़ दिया।
यह मामला तब सामने आया जब रोहिणी घावरी ने ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) और अन्य माध्यमों से सार्वजनिक रूप से अपनी आपबीती साझा की। उन्होंने पुलिस पर भी सांसद के खिलाफ राजनीतिक दबाव के कारण एफआईआर दर्ज न करने का गंभीर आरोप लगाया है।
2021 में शुरू हुआ रिश्ता और छिपाया गया विवाह
डॉ. रोहिणी घावरी के अनुसार, चंद्रशेखर आज़ाद से उनकी पहली मुलाकात अक्टूबर 2021 में दिल्ली में हुई थी, जिसके बाद मुलाकातों का सिलसिला बढ़ा और वे दोनों रिलेशनशिप में आ गए। फोन पर बातचीत का सिलसिला 30 जून 2021 को शुरू हुआ था। रोहिणी का कहना है कि चंद्रशेखर ने उन्हें यह कहकर इस रिश्ते के लिए प्रेरित किया कि उन्हें ऐसी लड़की चाहिए जो बहुजन आंदोलन को समझे। रोहिणी के अनुसार, चंद्रशेखर ने उनसे शादी का वादा किया और यह भी कहा कि उनकी जोड़ी कांशीराम-मायावती जैसी होगी और वे मिलकर दलितों के उत्थान के लिए काम करेंगे।
विवाद तब गहराया जब 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान चंद्रशेखर ने जब नामांकन पत्र भरा, तब रोहिणी को पता चला कि वह शादीशुदा हैं। रोहिणी ने इस पर कड़ा विरोध जताया और रिश्ते से अलग होने का फैसला किया।
‘तुम्हारे बिना मर जाऊंगा’ कहकर किया भावनात्मक ब्लैकमेल
रोहिणी के अनुसार, जब उन्होंने रिश्ता तोड़ने की कोशिश की, तो चंद्रशेखर ने उन्हें भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल किया। रोहिणी दावा करती हैं कि चंद्रशेखर ने उन्हें अनगिनत फोन किए, रो-रोकर गिड़गिड़ाए और कहा कि वह उनके बिना जिंदा नहीं रह पाएंगे और अपनी जिंदगी खत्म कर लेंगे। रोहिणी ने बताया कि वह इस भावनात्मक दबाव में आ गईं और रिश्ते में बनी रहीं, जिसका उन्हें बाद में पछतावा हुआ।
रोहिणी के मुताबिक, चंद्रशेखर ने अपनी शादी को ‘जबरदस्ती’ और ‘ब्लैकमेल’ का नतीजा बताया था। उन्होंने दावा किया कि उनकी पत्नी शादी से पहले गर्भवती हो गई थीं और एफआईआर दर्ज कराने की धमकी दे रही थीं, इसलिए उन्हें मजबूरी में शादी करनी पड़ी। रोहिणी ने यह भी बताया कि चंद्रशेखर ने उन्हें अपनी पत्नी से तलाक लेने का वादा किया था और यहाँ तक कहा था कि उन्होंने तलाक की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
सांसद बनने के बाद दिया राजनीतिक कारण का हवाला
रोहिणी घावरी ने आरोप लगाया कि सांसद बनने के बाद चंद्रशेखर का व्यवहार अचानक बदल गया। सितंबर 2024 में, जब चंद्रशेखर ऑस्ट्रिया आए, तो उन्होंने रोहिणी को बुलाकर रिश्ता खत्म करने की बात कही।
रोहिणी बताती हैं, “उन्होंने कहा कि अब मैं राजनीति में हूँ और मुझे अपने समाज के लिए काम करना है। हमारी जातियां अलग हैं (तुम वाल्मीकि हो और मैं जाटव हूँ), और हमारा समाज इस रिश्ते को कभी नहीं समझेगा। इसलिए यह रिश्ता यहीं खत्म करना होगा।” रोहिणी ने सवाल किया कि सांसद बनने से पहले उन्होंने कहा था कि उनकी शादी से दोनों समुदायों के बीच एकता बनेगी और कोई उंगली नहीं उठाएगा, लेकिन सांसद बनने के बाद उनकी राय क्यों बदल गई। रोहिणी के अनुसार, उन्होंने चंद्रशेखर पर उन्हें एक ‘उपकरण’ (टूल) की तरह इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी दावा किया कि मिलान एयरपोर्ट पर इसी बात को लेकर दोनों के बीच तीखी बहस भी हुई थी।
रोहिणी ने चंद्रशेखर पर यूनाइटेड नेशंस (UN) में उनके खिलाफ धोखाधड़ी का झूठा केस करके उनका करियर बर्बाद करने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया। उनका कहना है कि जब उन्हें क्लीन चिट मिल गई, तो चंद्रशेखर ने ‘सांसद हूँ, जो करते बने कर लो’ कहकर उन्हें धमकाना शुरू कर दिया।
FIR में देरी पर राजनीतिक दबाव का आरोप
रोहिणी घावरी अब इस मामले में कानूनी लड़ाई लड़ने की तैयारी कर रही हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने 14 जुलाई को राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) में चंद्रशेखर के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद 6 अगस्त को वह दिल्ली आईं और डीसीपी, एसीपी, और एसएचओ जैसे वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से मिलीं। पुलिस ने उन्हें 24 घंटे के भीतर एफआईआर दर्ज करने का आश्वासन दिया, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
रोहिणी ने दावा किया कि पुलिस अधिकारियों ने उन्हें बताया कि ‘ऊपर से मामले को आगे न बढ़ाने का ऑर्डर मिला है’ और एफआईआर दर्ज न करने का आदेश आया है। पुलिस की कथित निष्क्रियता के बाद, रोहिणी ने अपने वकील की सलाह पर धारा 156(3) के तहत मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराया है। अब यह मामला कोर्ट में है, जहां आगे की कार्रवाई तय होगी।
वहीं, चंद्रशेखर आज़ाद की ओर से उनके प्रतिनिधि ने इस मामले पर चुप्पी साध ली है और कहा है कि सांसद अपना जवाब कोर्ट में ही देंगे। चंद्रशेखर ने कथित तौर पर रोहिणी घावरी पर उनकी छवि खराब करने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में एक केस भी दायर किया है। पुलिस अधिकारियों ने भी इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है, जिससे राजनीतिक दबाव के आरोपों को और बल मिलता है।