भारत ने जीता ISSA अवार्ड 2025: सामाजिक सुरक्षा में वैश्विक लीडरशिप की पहचान

डिजिटल क्रांति और समावेशी नीतियों की जीत, दुनिया ने माना भारत का मॉडल

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 08 अक्टूबर:  सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में भारत की असाधारण उपलब्धियों को वैश्विक मान्यता मिली है। अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संघ (ISSA) ने प्रतिष्ठित ISSA अवार्ड 2025 से भारत को सम्मानित किया है। यह सम्मान भारत सरकार द्वारा अपने नागरिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा कवरेज के विस्तार, सेवाओं के डिजिटलीकरण और समावेशी नीतियों के प्रभावी कार्यान्वयन में दिखाई गई उत्कृष्टता को दर्शाता है। यह पुरस्कार केवल एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश द्वारा अपनाए गए ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र को वैश्विक मंच पर मिली मुहर है।

ISSA पुरस्कार क्यों है इतना महत्वपूर्ण?

ISSA (International Social Security Association) सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में काम करने वाली दुनिया की सबसे प्रमुख संस्था है, जिसका मुख्यालय जिनेवा, स्विट्जरलैंड में है। यह संयुक्त राष्ट्र से संबद्ध एक वैश्विक निकाय है जो सामाजिक सुरक्षा प्रशासन में उत्कृष्टता और नवाचार को बढ़ावा देता है।

ISSA अवार्ड सामाजिक सुरक्षा के लिए दिए जाने वाले सर्वोच्च वैश्विक सम्मानों में से एक है। यह पुरस्कार उन सदस्य देशों को दिया जाता है जिन्होंने कवरेज के विस्तार, सेवा वितरण में सुधार और प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने के लिए असाधारण और अनुकरणीय कदम उठाए हों। भारत का यह पुरस्कार जीतना स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि देश की सामाजिक सुरक्षा योजनाएं अब न केवल घरेलू मोर्चे पर सफल हैं, बल्कि वैश्विक मानकों पर भी खरी उतरती हैं और अन्य विकासशील देशों के लिए एक रोल मॉडल बन रही हैं।

विश्लेषण: भारत की जीत के पीछे की डिजिटल शक्ति

भारत की इस ऐतिहासिक जीत का सबसे बड़ा कारण देश की डिजिटल क्रांति और उसके सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों के साथ निर्बाध एकीकरण है। पिछले दशक में, भारत ने सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को संचालित करने के तरीके को मौलिक रूप से बदल दिया है।

JAM ट्रिनिटी का चमत्कार:

जन धन बैंक खाते, आधार (बायोमेट्रिक पहचान) और मोबाइल कनेक्टिविटी (JAM) की त्रिमूर्ति (Trinity) ने सुनिश्चित किया है कि सरकारी लाभ सीधे और बिना किसी लीकेज के लाभार्थियों तक पहुँचे। प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) प्रणाली ने बिचौलियों की भूमिका को समाप्त कर दिया है और सामाजिक सुरक्षा लाभों को गरीबों तक पहुँचाने में लगने वाले समय को कम किया है। ISSA ने विशेष रूप से इस प्रशासनिक दक्षता और पारदर्शिता की सराहना की है।

ई-श्रम और असंगठित क्षेत्र का कवरेज:

पुरस्कार के पीछे एक और महत्वपूर्ण कारक असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने का सफल प्रयास है। ई-श्रम पोर्टल ने देश के करोड़ों असंगठित श्रमिकों का एक केंद्रीकृत डेटाबेस तैयार किया है। इस डेटाबेस ने न केवल इन श्रमिकों को पहचान दी है, बल्कि उन्हें प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना (PMSYM) और अन्य स्वास्थ्य एवं बीमा योजनाओं से जोड़ना आसान बना दिया है। यह असंगठित क्षेत्र को औपचारिक सुरक्षा जाल में लाने का एक अभूतपूर्व प्रयास है।

आयुष्मान भारत और स्वास्थ्य सुरक्षा:

दुनिया की सबसे बड़ी सरकारी वित्त पोषित स्वास्थ्य बीमा योजना, आयुष्मान भारत (PM-JAY) ने करोड़ों गरीब और कमजोर परिवारों को मुफ्त स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करके सामाजिक सुरक्षा के दायरे का विस्तार किया है। इस योजना का डिजिटल हेल्थ स्टैक पर आधारित होना और इसके विशाल पैमाने पर सफल कार्यान्वयन, भारत की प्रशासनिक क्षमता का प्रमाण है।

पुरस्कार का व्यापक प्रभाव और वैश्विक मान्यता

ISSA अवार्ड 2025 जीतना भारत के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है:

नीतिगत सफलता की अंतर्राष्ट्रीय स्वीकृति:

यह पुरस्कार भारत की समावेशी विकास नीतियों, विशेष रूप से सामाजिक सुरक्षा और कल्याण कार्यक्रमों की वैश्विक स्वीकृति है। यह साबित करता है कि डिजिटल तकनीक का उपयोग करके बड़े पैमाने पर समावेशी शासन संभव है।

दक्षिण-दक्षिण सहयोग में नेतृत्व:

भारत अब वैश्विक स्तर पर अपनी विशेषज्ञता साझा करने की स्थिति में है। अन्य विकासशील और कम आय वाले देश, विशेष रूप से एशिया और अफ्रीका में, भारत के डिजिटल सामाजिक सुरक्षा मॉडल (JAM और DBT) से सीख ले सकते हैं। यह भारत को दक्षिण-दक्षिण सहयोग के क्षेत्र में एक मजबूत नेता के रूप में स्थापित करता है।

निवेश और विश्वास में वृद्धि:

सामाजिक सुरक्षा में सुधार से न केवल नागरिकों का कल्याण होता है, बल्कि यह आर्थिक स्थिरता और उत्पादकता को भी बढ़ाता है। यह पुरस्कार देश की आर्थिक और सामाजिक नीतियों में अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों के विश्वास को मजबूत करेगा, यह दर्शाता है कि भारत एक स्थिर और सुरक्षित निवेश गंतव्य है जहाँ श्रम कल्याण पर ध्यान दिया जाता है।

भविष्य की राह:

यह पुरस्कार भारत को अपनी सामाजिक सुरक्षा प्रणाली में आगे सुधार करने के लिए प्रेरित करेगा। वर्तमान में फोकस सार्वभौमिक पेंशन कवरेज और Gig/Platform Workers को सामाजिक सुरक्षा जाल में लाने पर है। ISSA की मान्यता इन प्रयासों को और गति देगी।

चुनौतियाँ और आगे की राह

हालांकि यह सम्मान एक बड़ी उपलब्धि है, पर सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में चुनौतियाँ अभी भी बनी हुई हैं, जिन पर ध्यान देना आवश्यक है:

कवरेज की खाई:

असंगठित क्षेत्र में अधिकांश श्रमिकों को अभी भी पर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल, पेंशन और बेरोजगारी लाभ की आवश्यकता है। ई-श्रम पंजीकरण के बावजूद, प्रभावी लाभ वितरण और श्रमिकों की जागरूकता बढ़ाना एक चुनौती है।

जलवायु परिवर्तन का प्रभाव:

जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न होने वाली आपदाएँ (जैसे असम में बाढ़) ग्रामीण आजीविका को सीधे प्रभावित करती हैं। भविष्य में, भारत की सामाजिक सुरक्षा प्रणालियों को जलवायु-जोखिमों के खिलाफ लचीलापन (resilience) प्रदान करने के लिए अनुकूलित करना होगा।

डेटा सुरक्षा और गोपनीयता:
चूँकि योजनाएँ JAM ट्रिनिटी पर निर्भर करती हैं, इसलिए डेटा सुरक्षा और नागरिकों की गोपनीयता सुनिश्चित करना सर्वोपरि है। एक मजबूत कानूनी ढांचा और तकनीकी सुरक्षा उपाय निरंतर आवश्यक हैं।

अंत में, ISSA अवार्ड 2025 भारत की दृढ़ इच्छाशक्ति और नवाचार का प्रमाण है। यह केवल एक गौरवपूर्ण क्षण नहीं है, बल्कि एक पुष्टि है कि देश सही दिशा में आगे बढ़ रहा है—एक ऐसी दिशा जहाँ डिजिटल तकनीक के माध्यम से हर नागरिक को सम्मानजनक और सुरक्षित जीवन सुनिश्चित किया जा रहा है।

भारत ISSA पुरस्कार 2025 ने दुनिया को दिखा दिया है कि सामाजिक सुरक्षा अब गरीबी उन्मूलन का एक निष्क्रिय उपाय मात्र नहीं है, बल्कि यह आर्थिक विकास और मानव पूंजी निर्माण का एक सक्रिय इंजन है।

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