UNSC में भारत का कड़ा हमला: 1971 में पाक सेना ने 4 लाख महिलाओं से किया रेप

झूठ बोलकर दुनिया का ध्यान भटकाता है पाकिस्तान: भारत ने खोली पोल

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  • भारत ने UNSC में 1971 के ऑपरेशन सर्चलाइट का ज़िक्र किया, जिसमें पाकिस्तानी सेना पर करीब 4 लाख महिलाओं से सामूहिक बलात्कार करने का आरोप लगाया।
  • भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वथनेनी हरीश ने पाकिस्तान को झूठ बोलकर दुनिया का ध्यान भटकाने वाला देश बताया, खासकर जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर।
  • हरीश ने महिला शांति सैनिकों को बढ़ावा देने में भारत की अग्रणी भूमिका को रेखांकित किया, साथ ही कहा कि शांति मिशन महिलाओं के बिना संभव नहीं हैं।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली/संयुक्त राष्ट्र, 08 अक्टूबर: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में महिलाओं की सुरक्षा और शांति व्यवस्था पर चल रही खुली बहस के दौरान भारत ने पाकिस्तान पर कड़ा और सीधा हमला बोला। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वथनेनी हरीश ने पाकिस्तान के झूठे प्रचार और दोहरे रवैये की कड़ी आलोचना की। उन्होंने 1971 के ऑपरेशन सर्चलाइट का जिक्र करते हुए दुनिया के सामने पाकिस्तान की सेना के जघन्य अपराधों का पर्दाफाश किया।

महिलाओं की दयनीय स्थिति पर पाकिस्तान को घेरा

पर्वथनेनी हरीश ने UNSC में हो रही इस वार्षिक बैठक का उपयोग पाकिस्तान द्वारा चलाए जा रहे दुष्प्रचार को बेनकाब करने के लिए किया। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे मंच पर हर साल पाकिस्तान भारत की कड़ी आलोचना करता है, खासकर जम्मू-कश्मीर को लेकर, जिसे वह अवैध रूप से हथियाना चाहता है।

हरीश ने पाकिस्तान को ऐसा देश बताया जो अपने ही देश पर बमबारी करता है और नरसंहार को अंजाम देता है। उन्होंने कहा कि ऐसा राष्ट्र केवल दुनिया का ध्यान भटकाने की कोशिश कर सकता है। हरीश ने ज़ोर देकर कहा कि एक तरफ पाकिस्तान वैश्विक मंच पर खुद को शांति का पक्षधर दिखाता है, वहीं दूसरी तरफ महिलाओं की सुरक्षा और मानवाधिकारों के मुद्दे पर उसका इतिहास खून से सना हुआ है।

1971 के ऑपरेशन सर्चलाइट के जघन्य कृत्य

भारत के प्रतिनिधि ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पाकिस्तान के दयनीय रिकॉर्ड को उजागर करने के लिए 1971 में हुए ऑपरेशन सर्चलाइट का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया। यह ऑपरेशन तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में पाकिस्तानी सेना द्वारा चलाया गया था।

हरीश ने कहा, “पाकिस्तान वही देश है जिसने 1971 में ऑपरेशन सर्चलाइट चलाया था और अपनी ही सेना द्वारा अपने ही देश के कई नागरिकों को मार दिया गया था।” उन्होंने आगे कहा कि “इतना ही नहीं, करीब 4 लाख महिलाओं के साथ पाकिस्तान की सेना ने सामूहिक बलात्कार किया था।”

यह बयान UNSC के रिकॉर्ड में दर्ज पाकिस्तान की सेना द्वारा किए गए सबसे बड़े मानवाधिकार उल्लंघनों में से एक को सामने लाता है, जिसमें युद्ध के हथियार के रूप में लैंगिक हिंसा का इस्तेमाल किया गया था। हरीश ने स्पष्ट किया कि दुनिया अब पाकिस्तान के इस झूठे प्रचार को समझ गई है और उसके कथनी और करनी के बीच के अंतर को पहचानती है। यह कठोर सच्चाई पाकिस्तान के महिला सशक्तिकरण और शांति स्थापना के दावों की नींव को हिला देती है।

भारत का योगदान: शांति दूत हैं महिला शांति सैनिक

पाकिस्तान के विपरीत, पर्वथनेनी हरीश ने महिला शांति सैनिकों को बढ़ावा देने में भारत की अहम भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि डॉ. किरण बेदी, जो भारत की पहली आईपीएस अधिकारी थीं, 2003 में संयुक्त राष्ट्र पुलिस डिवीजन की पहली महिला पुलिस सलाहकार बनी थीं।

हरीश ने शांति मिशनों में महिलाओं की भागीदारी के बारे में एक महत्वपूर्ण प्रश्न उठाया: “मेरा मानना है कि अब यह सवाल नहीं है कि महिलाएं शांति मिशनों में काम कर सकती हैं या नहीं। बल्कि यह है कि क्या शांति मिशन महिलाओं के बिना संभव हैं?”

उन्होंने जोर दिया कि महिला शांति सैनिकों के शांति मिशन में होने की सबसे खास बात यह है कि वे लैंगिक हिंसा को दूर करने में मदद करती हैं और यह सुनिश्चित करती हैं कि शांति प्रक्रिया समाज के हर वर्ग तक पहुंचे। उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के शब्दों को दोहराते हुए कहा कि “महिला शांति सैनिक शांति की दूत हैं।” यह बयान वैश्विक शांति और सुरक्षा में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए भारत के सक्रिय दृष्टिकोण को दर्शाता है।

पाकिस्तान का पर्दाफाश

UNSC में पर्वथनेनी हरीश का यह बयान न केवल पाकिस्तान के भारत विरोधी प्रचार का करारा जवाब है, बल्कि यह पाकिस्तान में महिलाओं की सुरक्षा और मानवाधिकारों के गंभीर मुद्दे को भी वैश्विक पटल पर लाता है। यह महिला, शांति और सुरक्षा पर भारत के रुख को स्पष्ट करता है कि महिलाएं शांति प्रक्रिया का केंद्र बिंदु हैं, न कि केवल उसका एक हिस्सा। इस बयान ने पाकिस्तान के दोहरे मापदंडों को उजागर करते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि दुनिया अब उसके दुष्प्रचार के झांसे में नहीं आने वाली है।

 

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