भारत बन रहा सैटकॉम क्रांति का अगुआ: सिंधिया का IMC में उद्घोष
पीएम मोदी के नेतृत्व में दुनिया का 'पेससेटर' बना भारत: संचार मंत्री
- केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि सैटकॉम केवल तकनीक नहीं, बल्कि डिजिटल युग में न्याय और समावेशी विकास का एक माध्यम है।
- उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत सैटकॉम क्रांति का अगुआ (Pioneer) बन रहा है और अब वैश्विक प्रगति को दिशा दे रहा है।
- डिजिटल इंडिया फंड के माध्यम से ₹40,000 करोड़ के निवेश से 38,000 दूरस्थ गांवों को जोड़ने का लक्ष्य है, जिनमें से 75% यानी लगभग 29,000 गांव अब तक जुड़ चुके हैं।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 08 अक्टूबर: केंद्रीय संचार और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इंडियन मोबाइल कांग्रेस (IMC 2025) के पहले दिन यशोभूमि, नई दिल्ली में आयोजित सैटकॉम शिखर सम्मेलन में भाग लिया।
“सार्वभौमिक कनेक्टिविटी के लिए अंतरिक्ष नेटवर्क” थीम पर बोलते हुए, मंत्री सिंधिया ने तेजी से विकसित हो रहे सैटेलाइट संचार (Satcom) क्षेत्र में भारत की भूमिका और दृष्टिकोण को साझा किया। संचार मंत्रालय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में दुनिया भर के विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। सिंधिया ने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, भारत अब दुनिया के लिए गति निर्धारित कर रहा है।
‘आसमान से शुरू होता है परिवर्तन’
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि यह शिखर सम्मेलन केवल एक और तकनीकी सम्मेलन नहीं है, बल्कि एक नई क्रांति की शुरुआत का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “परिवर्तन जो आसमान में शुरू होता है, वह धरती पर जीवन को बदल देता है।”
मंत्री ने जोर देकर कहा कि सैटकॉम केवल टेक्नोलॉजी नहीं है, बल्कि डिजिटल युग में न्याय का एक साधन है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि यह तकनीक कैसे देश के अंतिम छोर तक डिजिटल समावेशन सुनिश्चित करेगी:
लद्दाख के किसान को मौसम की सटीक जानकारी मिल सकेगी।
लक्षद्वीप के मछुआरे को तूफान की चेतावनी मिल सकेगी।
छत्तीसगढ़ के आदिवासी गांव का बच्चा सर्वश्रेष्ठ शिक्षक से शिक्षा ग्रहण कर सकेगा।
बाढ़ प्रभावित असम में डॉक्टर दूर बैठे मरीज तक पहुंच सकेंगे।
सिंधिया ने कहा कि जहाँ सड़कें नहीं पहुँच सकतीं, वहाँ सैटकॉम पहुंचेगा, जो सच्चे डिजिटल समावेशन का उत्कृष्ट उदाहरण है।
भारत अब वैश्विक नेता, केवल भागीदार नहीं
संचार मंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत ने वैश्विक प्रगति के साथ न केवल कदम मिलाया है, बल्कि अब उसे दिशा भी दे रहा है।
उन्होंने देश की डिजिटल प्रगति का विवरण देते हुए बताया:
पिछले दो वर्षों में 5G कनेक्टिविटी भारत की 99.9 प्रतिशत आबादी तक पहुँच चुकी है।
देश भर में 480,000 दूरसंचार टावर स्थापित किए गए हैं।
भारत अब दुनिया में सबसे तेज सैटकॉम रोलआउट की ओर बढ़ रहा है।
सिंधिया ने कहा कि पीएम मोदी के मार्गदर्शन में भारत की अंतरिक्ष यात्रा अब आत्मविश्वास और नवाचार का प्रतीक है। आर्यभट्ट से लेकर चंद्रयान-3 तक की यात्रा यह दर्शाती है कि देश की आकांक्षाएं अब किसी और पर निर्भर न होकर, अपनी ही कक्षा में परिक्रमा कर रही हैं। उन्होंने आदित्य-एल1, गगनयान और NAVIC जैसी परियोजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत अब केवल एक भागीदार से हटकर नवाचार में अग्रणी बन गया है।
डिजिटल इंडिया फंड से कनेक्टिविटी को बढ़ावा
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार दूरस्थ क्षेत्रों को जोड़ने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश कर रही है। उन्होंने डिजिटल इंडिया फंड की जानकारी देते हुए बताया कि इस कोष के माध्यम से 38,000 दूरस्थ गांवों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।
अब तक, लगभग 29,000 गाँव, जो कि लक्ष्य का लगभग 75 प्रतिशत है, सफलतापूर्वक कनेक्ट किए जा चुके हैं।
इस व्यापक कनेक्टिविटी विस्तार में ₹40,000 करोड़ का निवेश किया गया है।
मंत्री ने कहा कि यह बड़ा निवेश देश की यह सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि डिजिटल विभाजन को समाप्त किया जा सके और विकास के लाभ हर नागरिक तक पहुँचें।
भारत चलाएगा वैश्विक नवाचार का सिम्फनी
अपने संबोधन के अंत में, सिंधिया ने भविष्य के लिए भारत के दृष्टिकोण को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत को अब केवल वैश्विक प्रगति का गवाह नहीं बनना है, बल्कि इस सिम्फनी (ताल) का संचालन करना है।
उन्होंने इस मिशन को आगे बढ़ाने के लिए सभी हितधारकों से सामूहिक प्रयास का आह्वान किया: सरकार, उद्योग, स्टार्टअप, शैक्षणिक संस्थान, और अंतर्राष्ट्रीय भागीदार। सिंधिया ने कहा कि आसमान भारत के भविष्य को पुकार रहा है, और अब समय आ गया है कि हम साहस, समर्पण और सहयोग के साथ इस पुकार का जवाब दें।