बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि: झारखंड में तीन कफ सिरप पर तत्काल बैन

खतरनाक ‘DEG’ रसायन पाए जाने के बाद कोल्ड्रिफ, रेस्पीफ्रेश व रिलाइफ सिरप पर लगी रोक

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  • तत्काल प्रतिबंध: झारखंड सरकार ने कोल्ड्रिफ (Coldrif), रेस्पीफ्रेश (Respifresh TR), और रिलाइफ (Relife) सिरप की बिक्री और उपयोग पर तुरंत रोक लगा दी है।
  • घातक रसायन की पुष्टि: यह कार्रवाई मध्य प्रदेश और राजस्थान की प्रयोगशालाओं में इन सिरप में डायइथाइलीन ग्लाइकॉल (DEG) नामक जहरीले रसायन की अत्यधिक मात्रा पाए जाने के बाद की गई है।
  • बच्चों की मौत से सबक: यह फैसला मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा और राजस्थान में इन कफ सिरप के सेवन से कई बच्चों की मौत होने की गंभीर घटनाओं के मद्देनजर लिया गया है।

समग्र समाचार सेवा
राँची, 6 अक्टूबर, 2025: झारखंड सरकार ने जन स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए एक बड़ा और सख्त कदम उठाया है। राज्य औषधि नियंत्रण निदेशालय ने एक आधिकारिक अधिसूचना जारी कर कोल्ड्रिफ सिरप, रेस्पीफ्रेश टीआर सिरप और रिलाइफ सिरप के निर्माण, खरीद, बिक्री और उपयोग को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित कर दिया है। यह फैसला तब आया जब पड़ोसी राज्यों, विशेषकर मध्य प्रदेश और राजस्थान, में इन कफ सिरप के कारण बच्चों में किडनी फेलियर और मौत के मामले सामने आए।

प्रतिबंध का मुख्य कारण: जानलेवा ‘DEG’ की मिलावट

इन कफ सिरप पर प्रतिबंध लगाने का मुख्य कारण इन दवाओं में डायइथाइलीन ग्लाइकॉल (Diethylene Glycol – DEG) नामक खतरनाक औद्योगिक रसायन की निर्धारित सीमा से अधिक मात्रा में मिलावट पाया जाना है। रिपोर्ट के अनुसार, कोल्ड्रिफ सिरप के एक बैच (Batch SR-13) में तो DEG की मात्रा 48.6 प्रतिशत तक पाई गई थी, जबकि मौखिक दवाओं में इसकी कोई भी मात्रा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक मानी जाती है।

DEG एक अत्यधिक विषाक्त यौगिक है जो मानव शरीर में, विशेष रूप से बच्चों में, गुर्दे (किडनी) और यकृत (लीवर) को गंभीर नुकसान पहुँचा सकता है और यह जानलेवा साबित होता है। मध्य प्रदेश की राज्य प्रयोगशाला में इन तीनों सिरप (कोल्ड्रिफ, रेस्पीफ्रेश, और रिलाइफ) में DEG की मात्रा सुरक्षा सीमा से काफी अधिक होने की पुष्टि होने के बाद झारखंड सरकार ने यह एहतियाती कदम उठाया।

स्वास्थ्य विभाग का अलर्ट मोड और निर्देश

झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने इस संबंध में त्वरित कार्रवाई का आदेश दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि जनस्वास्थ्य के साथ किसी भी तरह का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

राज्य के औषधि नियंत्रकों और निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे तुरंत अपने अधिकार क्षेत्र में सभी मेडिकल स्टोरों, थोक विक्रेताओं और चिकित्सा संस्थानों में निरीक्षण कर इन प्रतिबंधित सिरप को जब्त करें और नियमों के अनुसार नष्ट करने की कार्रवाई सुनिश्चित करें। इसके साथ ही, डॉक्टरों और फार्मासिस्टों से अपील की गई है कि वे मरीजों को दवाइयां लिखते या बेचते समय पूरी सावधानी बरतें और नियमों का कड़ाई से पालन करें। राज्य मुख्यालय से लेकर जिला स्तर तक लगातार निगरानी रखी जा रही है ताकि कोई भी हानिकारक दवा जनता तक न पहुँचे।

जनता से अपील और अन्य राज्यों की कार्रवाई

झारखंड सरकार ने आम नागरिकों से भी अपील की है कि वे इन तीनों प्रतिबंधित कफ सिरप का इस्तेमाल न करें। यदि ये सिरप घर में मौजूद हों, तो उन्हें तुरंत नष्ट कर दें या नजदीकी औषधि नियंत्रण अधिकारी को इसकी सूचना दें।

यह अकेली कार्रवाई नहीं है; तमिलनाडु स्थित विनिर्माता कंपनी श्रीसन फार्मास्युटिकल्स के उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने वाला झारखंड देश का नवीनतम राज्य है। इससे पहले, बच्चों की मौत की खबर के बाद मध्य प्रदेश, राजस्थान, केरल और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों ने इन संदिग्ध कफ सिरप की बिक्री और उपयोग पर रोक लगा दी है या जांच के आदेश दिए हैं। इस घटना ने देश भर में दवा गुणवत्ता नियंत्रण और औषधि निर्माण इकाइयों में सुरक्षा मानकों के पालन की आवश्यकता को एक बार फिर उजागर कर दिया है।

 

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